Multi Cap Fund Investment: बाजार में उतार-चढ़ाव के बावजूद इक्विटी म्‍यूचुअल फंड्स (Equity Mutual Fund) को लेकर निवेशक बेहद कॉन्फिडेंट हैं. दिसंबर 2021 के आंकड़े देखें, तो इक्विटी स्‍कीम्‍स में करीब 25,000 करोड़ रुपये का निवेश आया. इक्विटी फंड्स में सबसे ज्‍यादा निवेश की बात करें, तो वह मल्‍टी कैप फंड्स (Multi Cap Funds) में देखने को मिला है. पिछले महीने मल्‍टी कैप फंड्स में 10 हजार करोड़ रुपये से ज्‍यादा का निवेश हुआ है. जबकि, नवंबर 2021 के दौरान महज 348 करोड़ रुपये का इनफ्लो हुआ है. दरअसल, मल्टीकैप फंड डायवर्सिफाइड म्यूचुअल फंड होते हैं. इनमें फंड हाउस के पास यह सुविधा होती है कि वह निवेशकों का पैसा अलग-अलग मार्केट कैप वाली कंपनियों में निवेश कर सकते हैं. बीते एक साल में इन फंड्स में निवेशकों को 56 फीसदी तक का दमदार रिटर्न मिला है.

Multi Cap Funds में क्‍यों बढ़ा निवेश 

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वेंचुरा सिक्योरिटीज लिमिटेड (Ventura Securities Ltd) के डायरेक्‍टर जूज़र गबाजीवाला (Juzer Gabajiwala) का कहना है, मल्‍टी कैप फंड्स में जबरदस्‍त इनफ्लो की एक बड़ी वजह बड़े फंड हाउस HFDC, Axis और IDFC की ओर से लॉन्‍च किए गए NFOs (न्‍यू फंड ऑफर) हैं. बाकी का निवेश अन्‍य दूसरे फंड्स से आया था. चलन रहा है कि मौजूदा स्‍कीम्‍स की तुलना में नए फंड्स में पैसा ज्‍यादा आता है.

मल्‍टी कैप फंड में किसे करना चाहिए निवेश 

BPN फिनकैप के डायरेक्‍टर एके निगम (AK Nigam) का कहना है कि म्यूचुअल फंड की ये कटेगिरी उन निवेशकों के लिए बेहतर है, जो बाजार से ज्यादा रिस्क नहीं लेना चाहते हैं. यहां निवेश लॉर्जकैप, मिडकैप और स्मालकैप कंपनियों में होता है. इसका फायदा ऐसे समझ सकते हैं कि अगर लार्जकैप का वैल्युएशन बहुत ज्यादा हो जाता है और उसमें गिरावट आती है, तो मिडकैप या स्मालकैप से आपका रिटर्न बैलेंस हो सकता है. इसी तरह से मिडकैप सेग्मेंट या स्मालकैप सेग्मेंट में कमजोरी आए तो लार्जकैप इसे बैलनेंस कर सकता है. इस तरह से बाजार का जोखिम कम हो जाता है. 

SEBI ने मल्टीकैप फंड को लेकर नए नियम के मुताबिक अब मल्‍टी कैप स्‍कीम्‍स में फंड हाउस को 75 फीसदी हिस्सा इक्विटी में निवेश करना जरूरी है. वहीं, मिडकैप और स्मॉलकैप में 25-25 फीसदी निवेश करना जरूरी होगा. पहले मल्टीकैप में लार्जकैप का वेटेज ज्यादा रहता था. हालांकि, म्यूचुअल फंड मल्टी कैप फंड को रीबैलेंस कर सकते हैं. उनके पास दूसरी स्कीम में स्विच करने का ऑप्‍शन है. 

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SIP का बढ़ रहा क्रेज

AMFI के आंकड़ों के मुताबिक, दिसंबर में SIP (systematic investment plan) कंट्रीब्‍यूशन बढ़कर 11,305 करोड़ रुपये हो गया. नवंबर में यह 11,005 करोड़ रुपये था. पिछले महीने SIP अकाउंट्स की संख्‍या बढ़कर 4.91 करोड़ हो गई, जो नवंबर 2021 में 4.78 करोड़ थी. एक्‍सपर्ट मानते हैं कि निवेशकों का फोकस सिर्फ रिटर्न नहीं बल्कि रिस्‍क एडजस्‍टेड रिटर्न पर है. इसके लिए SIP एक बेहतर ऑप्‍शन है. 

1 साल में 56% तक का रिटर्न 

मल्‍टीकैप फंड्स की परफॉर्मेंस देखें, तो निवेशकों को 56 फीसदी तक का रिटर्न मिला है. मल्‍टी कैप स्‍कीम में सबसे ज्‍यादा रिटर्न क्‍वांट एक्टिव फंड (Quant Active Fund) का रहा. इसमें सालाना रिटर्न 56.89 फीसदी का रहा. अगर इस स्‍कीम में किसी एक साल प‍हले 1 लाख रुपये लगाए होते, तो आज वह बढ़कर 1.57 लाख रुपये हो गए होते. वहीं, 10, हजार मंथली SIP की वैल्‍यू बढ़कर 1.47 लाख रुपये हो गई.