भारत सरकार की ओर से महिलाओं को बचत के लिए प्रोत्‍साहित करने के उद्देश्‍य से सरकार की ओर से महिला सम्‍मान बचत प्रमाण पत्र (Mahila Samman Saving Certificate-MSSC) योजना चलाई जाती है. इस स्‍कीम में महिलाएं अधिकतम 2 लाख रुपए तक का निवेश कर सकती हैं. ये एक डिपॉजिट स्‍कीम है जिसमें 7.5 फीसदी के हिसाब से ब्‍याज मिलता है. 

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ये स्‍कीम दो साल बाद मैच्‍योर होती है यानी अगर आपने दो लाख रुपए इसमें डिपॉजिट किए तो दो साल बाद ही आपको वो ब्‍याज समेत मिलेंगे. लेकिन अगर किसी महिला को इस रकम की जरूरत दो सालों से पहले पड़ जाए तो क्‍या वो प्री-मैच्‍योर क्‍लोजर  (MSSC Premature Closure Rules) कर सकती है? अगर हां, तो इसके क्‍या नियम हैं? यहां जान लीजिए इन नियमों के बारे में-

MSSC एक साल बाद कर सकती हैं आंशिक निकासी 

नियम के मुताबिक महिला सम्‍मान बचत प्रमाण पत्र योजना में 1 साल पूरा होने के बाद आपको आंशिक निकासी की परमीशन मिल जाती है. ऐसे में जमा किए गए पैसों का 40 फीसदी तक निकाल सकती हैं. यानी अगर आपने 2 लाख रुपए जमा किए हैं तो एक साल बाद आप 80 हजार रुपए की निकासी कर सकती हैं. 

प्रीमैच्‍योर क्‍लोजर के नियम

अगर आप खाते को मैच्‍योरिटी से पहले ही बंद करवा कर पूरी रकम की निकासी कर लेना चाहती हैं तो आपको ये परमीशन कुछ विशेष परिस्थितियों में ही मिलती है जैसे- 

  • खाताधारक की मृत्यु होने पर
  • खाताधारक को गंभीर बीमारी होने पर, अभिभावक की मृत्यु आदि की स्थिति में. लेकिन इसके लिए आपको संबंधित दस्तावेज उपलब्ध कराने होंगे.
  • बिना किसी कारण के खाता खोलने की तारीख से छह महीने के बाद. लेकिन इस स्थिति में आपकी ब्याज दर 2% कम होकर मिलती है. यानी आपको ब्‍याज 7.5 फीसदी की बजाय 5.5 फीसदी के हिसाब से मिलेगा.

कौन खोल सकता है ये खाता

MSSC का उद्देश्य सिर्फ महिलाओं को अधिक ब्याज देकर बचत करके पैसे बढ़ाने में मदद करना है. किसी भी उम्र की महिला इसमें निवेश कर सकती है. नाबालिग लड़की के नाम से उसके अभिभावक इस स्‍कीम में निवेश कर सकते हैं. मौजूदा समय में इस पर 7.5 फीसदी के हिसाब से ब्‍याज मिल रहा है, लेकिन अगर सरकार बीच में इसकी ब्‍याज दर को बदल भी दे, तो भी पहले से खुले अकाउंट पर उसका असर नहीं होगा. यानी खाता खुलने की तारीख से जो भी ब्‍याजदर निर्धारित है, वही मैच्‍योरिटी तक लागू रहेगी.