म्यूचुअल फंड में निवेश करने के लिए कई विकल्प मौजूद हैं. इसमें एक स्मॉल कैप फंड्स अच्छा विकल्प है. स्मॉल कैप फंड्स में ज्यादा जोखिम माना जाता है. ऐसे में ये जानना बेहद जरूरी है कि स्मॉल कैप फंड्स क्या हैं, इनमें किन्हें और कैसे निवेश करना चाहिए. स्मॉल कैप में लंबी अवधि के लिए निवेश किया जाए या छोटी अवधि के लिए, इन सभी बातों का ध्यान रखना बहुत जरूरी है.

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टैक्स एंड इन्वेस्टमेंट एक्सपर्ट बलवंत जैन बताते हैं कि स्मॉल कैप इक्विटी आधारित म्यूचुअल फंड स्कीम हैं. 80 फीसदी कॉर्पस का निवेश छोटी कंपनियों में होता है. स्मॉल कंपनियों को सेबी ने परिभाषित किया है. सेबी के मुताबिक, 250 लिस्टेड कंपनियों के अलावा सभी स्मॉल कंपनियां हैं. स्मॉल कैप फंड्स का 80 फीसदी निवेश छोटी कंपनियों में होता है. 20 फीसदी कॉर्पस का निवेश कहीं भी कर सकते हैं. डेट फंड्स या 250 लिस्टेड कंपनियों में लगा सकते हैं.

स्मॉल कैप फंड्स में निवेश

बलवंत जैन के मुताबिक, स्मॉल कैप फंड्स में जोखिम ज्यादा होता है. मार्केट में गिरावट से इनमें ज्यादा गिरावट हो सकती है. मार्केट के उतार-चढ़ाव का स्मॉल कैप फंड्स पर ज्यादा असर पड़ता है. स्मॉल कैप फंड्स में ज्यादा जोखिम का डर है तो मोटे रिटर्न का मौका भी है. छोटी कंपनियों में ग्रोथ की असीमित संभावनाएं रहती हैं. छोटी कंपनियां बड़ी कंपनी बनती हैं, शेयर्स भी बढ़ते हैं.

किन निवेशकों के लिए?

ज्यादा जोखिम उठाने की क्षमता रखते हैं तो स्मॉल कैप में निवेश करें. मार्केट में तेजी तो स्मॉल/मिड कैप फंड्स का अच्छा प्रदर्शन करते हैं. गिरावट होने पर सबसे ज्यादा मार इन पर ही पड़ती है. सिर्फ जोखिम क्षमता नहीं, निवेश अवधि भी मायने रखती है. आपके लिए सही फंड्स का चुनाव करना भी अहम होता है. 

कैसे करें निवेश

बलवंत जैन बताते हैं कि लंबी अवधि के हर लक्ष्य के लिए स्मॉल कैप में निवेश जरूरी नहीं है. निवेश का फैसला सिर्फ स्कीम नहीं बल्कि कई चीजों पर निर्भर करता है. इनमें जोखिम क्षमता कम है तो ऐसे में स्मॉल कैप फंड आपके लिए नहीं है. करियर की शुरुआत में आपकी जोखिम क्षमता ज्यादा होती है इसलिए ऐसे में स्मॉल कैप फंड्स में निवेश कर सकते हैं. 50 साल से ज्यादा उम्र के व्यक्ति के लिए स्मॉल कैप नहीं है. 50 साल बाद आपकी जोखिम क्षमता बदल जाती हैं. स्मॉल कैप फंड्स में छोटी अवधि में ज्यादा जोखिम है और लंबी अवधि में ज्यादा रिटर्न देने की क्षमता है.  

 

रिटायरमेंट गोल्स के लिए स्मॉल कैप

रिटायरमेंट में दो फेज होते हैं. पहला फेज फंड जमा करते हैं और दूसरा फेज में फंड खर्च करते हैं. फंड जमा करने के दौरान स्मॉल कैप में निवेश कर सकते हैं. जोखिम क्षमता को देखकर ही निवेश करना सही होता है. रिटायर होने के बाद भी जोखिम क्षमता थोड़ी बहुत होती है. रिटायरमेंट के बाद आपकी आय नहीं के बराबर होती है. ऐसे में स्मॉल कैप फंड्स में निवेश करना सही नहीं है.    

जोखिम क्षमता के आधार पर करें निवेश

स्मॉल कैप में कहां निवेश करें, यह कई चीजों के आधार पर तय होता है. रिस्क एपेटाइट ही नहीं, जोखिम उठाने की क्षमता भी अहम है. निवेश कितने समय के लिए कर रहे हैं, यह भी जरूरी है.