Life Insurance Corporation: देश की सबसे बड़ी सरकारी जीवन बीमा कंपनी भारतीय जीवन बीमा निगम (Life Insurance Corporation) ने अपने करोड़ों ग्राहकों को बड़ी राहत दी है. एलआईसी की मैच्योरिटी पॉलिसी (LIC policy maturity claim) के पेमेंट के लिए डॉक्यूमेंट देशभर की किसी भी एलआईसी ब्रांच में जमा करा सकते हैं. हालांकि, मैच्योरिटी क्लेम की प्रोसेसिंग मूल शाखा के जरिए ही होगी.

COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

डिजिटल माध्यम से जिस शाखा पर डॉक्यूमेंट जमा कराए जाएंगे उस शाखा से मूल ब्रांच को डॉक्यूमेंट भेजे जाएंगे. 

एलआईसी की देशभर में दो हजार से ज्यादा ब्रांच हैं, 1500 से ज्यादा सैटलाइट ऑफिस और 74 कस्टमर जोन हैं. एलआईसी की 29 करोड़ से ज्यादा पॉलिसी हैं. 

एलआईसी पर लोगों का भरोसा (Life Insurance Corporation)

भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) एक ऐसा नाम है, जिस पर देश के 25 करोड़ से भी ज्यादा लोग भरोसा करते हैं. बीमा कारोबार में वैसे तो कई कंपनियां हैं, लेक‍िन सारी स्पर्धाओं के बाद भी LIC बीमा कारोबार में नंबर वन बनी हुई है. लोगों को भरोसा है कि एलआईसी में लगाया गया उनका पैसा कभी डूबेगा नहीं. एलआईसी आम आदमी के लिए एक भरोसेमंद बीमा कंपनी ही नहीं बल्कि एक रोजगार का विकल्प भी है. 

इंग्लैंड से आई कंपनी (Life Insurance Industry)

बीमा कंपनियां 1818 दशक में इंग्लैंड से भारत आईं. भारत की पहली जीवन बीमा कम्पनी कोलकाता में युरोपियन्स के द्वारा शुरू की गई. उस समय इसका नाम ओरिएन्टंल लाइफ इंश्‍योरेंस था. उस समय बीमा कंपनिया भारतीय मूल के लोगों का बीमा नहीं करती थीं, लेकिन कुछ समय बाद बाबू मुत्तीलाल सील जैसे महान व्यक्तियों की कोशिशों से विदेशी जीवन बीमा कम्पनियों ने भारतीयों का भी बीमा करना शुरू किया. पहली जीवन बीमा कम्पनी की नींव 1870 में मुंबई म्‍युचुअल लाइफ इंश्‍योरेंस सोसायटी के नाम से रखी गई.

भारतीय संसद ने 1956 में लाइफ इंश्योरेंस कॉरपोरेशन एक्ट पास किया. इस एक्ट के पास होने के बाद एक सितंबर, 1956 को भारतीय जीवन बीमा निगम नाम से बीमा कंपनी खड़ी हुई. 

Zee Business App: पाएं बिजनेस, शेयर बाजार, पर्सनल फाइनेंस, इकोनॉमी और ट्रेडिंग न्यूज, देश-दुनिया की खबरें, देखें लाइव न्यूज़. अभी डाउनलोड करें ज़ी बिजनेस ऐप.

ज़ी बिज़नेस LIVE TV यहां देखें