बच्‍चों के हायर एजुकेशन के लिए अगर माता-पिता एजुकेशन लोन लेते हैं तो इसमें कोई बुराई नहीं है. मैनेजमेंट, इंजीनियरिंग और मेडिकल की पढ़ाई का खर्च मौजूदा समय में इतना अधिक हो गया है कि फीस देना हर विद्यार्थी या उनके अभिभावकों की बूते की बात नहीं होती. ऐसे में अच्छे संस्थान से पढ़ाई करने के लिए किसी बैंक से एजुकेशन लोन लेने में कोई हर्ज नहीं है. कई सरकारी और निजी बैंकों के अलावा वित्तीय संस्थान भी एजुकेशन लोन आसानी से उपलब्ध करा रहे हैं.

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एजुकेशन लोन लेने की प्रक्रिया

विद्यार्थी या उनके माता-पिता बच्चों के ग्रेजुएशन, पोस्ट ग्रेजुएशन या फिर प्रोफेशनल कोर्स के लिए बैंकों से एजुकेशन लोन ले सकते हैं. शर्त यह होती है कि एजुकेशनल इंस्‍टीट्यूट सरकार से मान्यता हो. जिस बैंक में आपका पहले से ही खाता है वहां से एजुकेशन लोन लेना आपके लिए आसान हो सकता है. एजुकेशन लोन के अंतर्गत कॉलेज, हॉस्टल, लाइब्रेरी, पढ़ाई के लिए कंप्यूटर की खरीदारी के साथ-साथ इंटरनेशनल एजुकेशन के मामले में आने-जाने के खर्च को भी शामिल किया जाता है.

एलिजिबिलिटी और जरूरी डॉक्‍यूमेंट्स

भारतीय नागरिक ही बैंकों से एजुकेशन लोन ले सकते हैं. आवेदक की उम्र 16 से 35 वर्ष होनी चाहिए. लोन की रकम सह-आवेदक की आय के आधार पर आंकी जाती है. विभिन्न बैंक एजुकेशन लोन के लिए अलग-अलग दस्तावेजों की मांग करते हैं लेकिन आम तौर पर पिछली परीक्षा की मार्क्स शीट, प्रवेश या स्कॉलरशिप से जुड़े कागजात, कोर्स के विभिन्न चरणों में होने वाले खर्च का लेखा-जोखा, पिछले छह महीने का बैंक स्टेटमेंट, पिछले दो साल का इनकम टैक्स रिटर्न (माता- पिता या सह आवेदक का) और सह-आवेदक के एसेट्स और देनदारियों से जुड़े दस्तावेज बैंकों को देना होता है. इसके अलावा, आप जिस बैंक से लोन लेना चाहते हैं और उसके ग्राहक नहीं हैं तो रेजीडेंस प्रूफ और आईडी प्रूफ की भी जरूरत होती है.

कितना मिलता है एजुकेशन लोन?

आम तौर पर बैंक देश में पढ़ाई के लिए 10 से 15 लाख रुपये तक का एजुकेशन लोन देते हैं. विदेश में पढ़ाई के मामले में यह राशि 20 लाख रुपये से भी अधिक हो सकती है. लोन की रकम रेगुलेटेड नहीं है और बैंक या वित्तीय संस्थान इससे कम या अधिक भी दे सकते हैं.

छात्राओं को मिलती है ब्याज दर में छूट

छात्राओं की हायर एजुकेशन को प्रोत्साहित करने के लिए कुछ बैंक ब्याज दरों पर 0.5-1 फीसदी तक की छूट देते हैं. इलाहाबाद बैंक, बैंक ऑफ इंडिया, बैंक ऑफ बड़ौदा, केनरा बैंक, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, सिंडिकेट बैंक, विजया बैंक आदि छात्राओं को एजुकेशन लोन पर छूट उपलब्ध कराते हैं.

4 लाख तक के एजुकेशन लोन के लिए गारंटर नहीं

जेएस फाइनेंशियल एडवाइर्स के सेबी सर्टिफायड इन्‍वेस्‍टमेंट एडवाइजर जितेंद्र सोलंकी कहते हैं कि आम तौर पर 4 लाख रुपये तक के एजुकेशन लोन के लिए बैंक थर्ड पार्टी गारंटर की मांग नहीं करते हैं. अगर लोन की रकम 4 लाख रुपये से अधिक होती है तो लोन लेने वाले को जायदाद (घर, खेती वाली जमीन) को सिक्योरिटी के तौर पर देना होता है. को-एप्लिकेंट थर्ड पार्टी गारंटर होता है और वह विद्यार्थी का अभिभावक, माता-पिता, पति या पत्नी, भाई या बहन, सास-ससुर या फिर कोई नजदीकी रिश्तेदार हो सकता है.

इनकम टैक्‍स में भी मिलता है एजुकेशन लोन का लाभ

आयकर अधिनियम की धारा 80E के तहत एजुकेशन लोन के ब्याज के रीपेमेंट पर डिडक्‍शन का लाभ उठाया जा सकता है.

अगर बच्‍चे लोन न चुकाएं तो?

सोलंकी कहते हैं कि अगर लोन की रकम 4 लाख रुपये से अधिक है तो बैंक को-एप्लिकेंट या गारंटर से पैसे वसूलता है. इसके लिए वह को-एप्लिकेंट या गारंटर के एसेट्स को बेचकर पैसे वसूल सकता है.