ज्यादार लोग अपने रिटायरमेंट को ध्यान में रखकर निवेश करते हैं. लेकिन जैसे ही वो रिटायरमेंट के नजदीक पहुंचते हैं या फिर रिटायर हो चुके होते हैं ऐसे में कहां निवेश करना चाहिए यह बड़ा सवाल रहता है. जैसे-जैसे आप रिटायरमेंट के करीब पहुंचते हैं, वैसे ही आपके पोर्टफोलियो में बड़े बदलाव की जरूरत होती है. तो रिटायरमेंट के नजदीक होने पर आपको कहां निवेश करना चाहिए. रिटायरमेंट के बाद आपकी निवेश के लिए क्या स्ट्रैटजी हो. 60 के बाद आपको कहां निवेश करना चाहिए.

COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

रिटायरमेंट के बाद के लिए लक्ष्य करें निर्धारित

रिटायर होने के बाद सबसे पहले अपने तय खर्चों का हिसाब लगाएं. इसके बाद अन्य खर्चों का हिसाब भी अलग से करें. मान लीजिए आपकी मौजूदा सैलरी 50,000/महीने है. टैक्स और इंश्योरेंस पर 8000 प्रति महीने खर्च करना पड़ता है. रिटायरमेंट के बाद ये खर्चे आपको अपनी जेब से करने होंगे. आपका मौजूदा खर्च अगर 30,000 रुपये महीने है, महंगाई अगर 8% की दर से बढ़ती है तो आपको रिटायरमेंट के बाद 40,147 प्रति महीने खर्च की जरूरत होगी. ऐसे में आपको रिटायरमेंट के बाद के लिए आपको 31,254 रुपये महीने निवेश करना होगा.

रिटायरमेंट के नजदीक होने पर करें ये काम
ज्यादातर लोग रिटायरमेंट की ढंग से तैयारी नहीं करते. रिटायरमेंट के लिए सिर्फ EPF और PPF के सहारे प्लानिंग नहीं की जा सकती है. रिटायरमेंट प्लानिंग के लिए इक्विटी निवेश जरूरी है. BSE सेंसेक्स ने 15% का सालाना रिटर्न दिया है. रिटायरमेंट के लिए इस तरह का रिटर्न जरूरी. शुरुआत में इक्विटी में ज्यादा निवेश करना बेहतर होता है. रिटायरमेंट के नजदीक पहुंचने पर डेट में निवेश सही रहता है. क्योंकि इसमें जोखिम कम होता है.
 
रिटायरमेंट के बाद ऐसे करें निवेश
रिटायर होने के बाद पूंजी जमा करने पर फोकस होना चाहिए. निवेश में कम से कम जोखिम उठाना बेहतर होता है. 20% निवेश सीनियर सिटीजन सेविंग स्कीम में करना अच्छा रहेगा. वरिष्ठ नागरिकों को 5 साल के लिए SCSS स्कीम के तहत 8.6% ब्याज मिलता है. SCSS में निवेश पर सेक्शन 80C के तहत टैक्स बेनेफिट भी मिलता है. कुछ फीसदी रकम फिक्स्ड इनकम प्रोडक्ट्स में लगा सकते हैं. बैंक फिक्स्ड डिपोजिट के मुकाबले डेट फंड बेहतर विकल्प होत हैं.
 
इन गलतियों से बचें
रिटायर्ड निवेशक को भावनात्मक निवेश से दूर रहने की जरूरत होती है. दूसरों की देखादेखी निवेश करने से नुकसान हो सकता है. निवेश का हर फैसला सोच-समझकर लेना बेहतर होता है. रिटायरमेंट के बाद रिटर्न से ज्यादा पूंजी की सुरक्षा अहम होती है.