Kaam Ki Baat: अगर आप भी टैकर्सपेयर हैं और आपके खाते में रिफंड नहीं पहुंचा है? इसके लिए आपको कुछ जरूरी बातों का खास ख्याल रखना चाहिए. इनकम टैक्स इंडिया ने ट्वीट कर बताया कि CBDT ने 1 अप्रैल 2021 से 17 जनवरी 2022 तक 1.74 करोड़ टैक्सपेयर्स (Taxpayers) को 1,59,192 करोड़ रुपये रिफंड जारी किए. लेकिन अभी भी कई लोग ऐसे हैं, जो सोशल मीडिया पर रिफंड न आने की वजह से शिकायत कर रहे हैं कि उनको उनका रिफंड नहीं मिला, जबकि उन्होंने चार-पांच महीने पहले आयकर रिटर्न भरा था. अगर आप भी उन्हीं में से एक हैं, तो आपको पता होना चाहिए कि आपको किन बातों का ख्याल रखना चाहिए. आइए आपको बताते हैं.

COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

इनकम टैक्स डिपार्टमेंट अब सिर्फ बैंक अकाउंट में ही टैक्स रिफंड भेजता है. ऐसे में अगर आपने फॉर्म भरते हुए अपने खाते का गलत डिटेल भरा है तो आपका रिफंड अटक सकता है. इसको आप Income tax Department के जरिये सुधार सकते हैं. आप ऑनलाइन अपने फॉर्म में खाते के डिटेल को सही कर सकते हैं. इसके साथ यह जरूरी है कि आप जिस बैंक खाते का डिटेल अपने रिटर्न फॉर्म में दे रहे हैं वह पैन से भी जुड़ा हो.

Zee Business Hindi Live TV यहां देखें

अकाउंट को करें वेरिफाई

समय पर रिफंड नहीं आने का दूसरा सबसे बड़ा कारण होता है बैंक खाता का Pre verified नहीं होना. जिस खाते में आयकर विभाग से टैक्स रिफंड आना होता है उस बैंक खाते को अगर टैक्सेयर पहले से वेरीफाई नहीं करता हैं तो यह रुक जाता है. इसलिए Taxpayer को चाहिए कि वह आयकर विभाग से जुड़े बैंक खाते को समय से वेरीफाई करें. आपका जो भी रिटर्न बनेगा वह सेंट्रलाइज्ड प्रोसेसिंग सेंटर के जरिए इसी अकाउंट में पहुंचेगा.

टाइम पर करें वेरिफाई

आयकर रिटर्न भरने के बाद उसे वेरीफाई करना होता है. कई बार ऐसा होता है कि टैक्सपेयर्स समय पर आयकर रिटर्न भर तो देता है लेकिन वह उसको वेरीफाई नहीं करता. इसलिए अगर आप चाहते हैं कि आपका रिटर्न जल्द मिले तो इसे वेरीफाई करना नहीं भूलें.

रिफंड का स्टेटस जरूर चेक करें

अगर आपका रिफंड नहीं आता है तो आप आयकर विभाग की वेबसाइट के जरिये स्टेटस चेक कर सकते हैं. आप यह काम अपने पैन और लॉगइन आईडी औैर पासवर्ड के जरिये कर सकते हैं.

क्या है रिफंड

टैक्सपेयर्स का इनकम टैक्स किसी कारोबारी साल में उसके अनुमानित निवेश दस्तावेज के आधार पर पहले काट लिया जाता है. वहीं, जब Financial years के अंत तक वह सभी जरूरी कागजात जमा करता है. अब अगर हिसाब करने पर यह लगता है कि टैक्स ज्यादा कट गया तो इसके लिए ITR दाखिल कर रिफंड के लिए वह अप्लाई करता है.