हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी लेते वक्त कई बार सोचना पड़ता है कि किस कंपनी का प्लान बेहतर है, कहां अच्छा रिटर्न मिलेगा या फिर कहां कवर अच्छा है. इतने कंफ्यूजन के बीच आपके लिए पॉलिसी चुनना आसान नहीं होता. सभी इंश्योरेंस कंपनियों के हेल्थ इंश्योरेंस प्रोडक्ट में कुछ न कुछ अंतर जरूर होता है. पॉलिसी में कुछ बीमारियां कवर नहीं होने की शर्तें होती हैं. इन शर्तों को आम तौर पर ग्राहक नहीं पड़ता या जानने की कोशिश नहीं करता. 

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जी बिजनेस को मिली एक्सक्लूसिव जानकारी के मुताबिक, इंश्योरेंस प्रोडक्ट्स को सरल बनाने के मकसद से इंश्योरेंस रेग्युलेटर IRDAI ने सभी कंपनियों को सुझाव दिया है कि हेल्थ इंश्योरेंस में एक स्टैंडर्ड प्रोडक्ट भी तैयार किया जाए, जिसमें सभी तरह के क्लेम विकल्प एक जैसे हों. 

फीचर्स भी होंगे एक जैसे

हेल्थ इंश्योरेंस के स्टैंडर्ड प्रोडक्ट को अगर किसी भी कंपनी से खरीदा जाएगा तो प्रोडक्ट के फीचर सभी कंपनियों के लिए एक जैसे होंगे. इससे ग्राहकों को प्रोडक्ट समझने में आसानी होगी . IRDAI का कहना है कि स्टैंडर्ड हेल्थ प्रोडक्ट का कवर 5 लाख रुपए का होगा.

सबकुछ एक जैसा होगा

गरीबी रेखा से नीचे वाले लोगों के लिए बीमा कवर के लिए सरकार ने आयुष्मान भारत योजना शुरू की है. लेकिन, स्टैंडर्ड हेल्थ प्रोडक्ट को गरीबी रेखा से ऊपर वाले लोगों को लिए तैयार किया जाएगा और स्टैंडर्ड प्रोडक्ट में सभी कंपनियां एक जैसा कवर देंगी. हॉस्पिटल चार्जेस से लेकर बीमारियों के कवर तक किसी भी चीज में कोई खास अंतर नहीं होगा. 

IRDAI बनाना चाहती है स्टैंडर्ड प्रोडक्ट

IRDAI के एक अधिकारी के मुताबिक, हेल्थ इंश्योरेंस में ग्राहकों का कंफ्यूजन दूर करने के लिए एक स्टैंडर्ड हेल्थ प्रोडक्ट का सुझाव है. जैसे आयुष्मान भारत में गरीब परिवारों के लिए एक जैसा कवर है, उसी तरह APL परिवारों के लिए एक स्टैंडर्ड हेल्थ प्रोडक्ट सभी कंपनियों में एक जैसा हो सकता है.

इंश्योरेंस सेक्टर के लिए अच्छा नहीं स्टैंडर्ड प्रोडक्ट

PWC इंडिया के इंश्योरेंस कारोबार के लीडर जॉयदीप के रॉय के मुताबिक, प्रोडक्ट को सरल बनाना जरूरी है, लेकिन प्रोडक्ट को स्टैंडर्ड करना सहीं नहीं होगा. क्योंकि, सभी कंपनियां एक जैसा प्रोडक्ट देगी तो कंपनियों के बीच प्राइस वॉर शुरू हो जाएगा, जो इंश्योरेंस सेक्टर के लिए अच्छा नहीं होगा.