Income tax Return: इनकम टैक्‍सपैयर्स ध्‍यान दें! अगर आप बीते दो साल से इनकम टैक्स रिटर्न फाइल नहीं कर रहे हैं तो एक जुलाई से आपको ज्यादा TDS या TCS देना पड़ सकता है. फाइनेंस एक्‍ट 2021 के मुताबिक, ऐसे टैक्‍सपेयर जिन्होंने पिछले 2 वर्षों की इनकम टैक्‍स रिटर्न फाइल नहीं किया है और पिछले दोनों साल टीडीएस (Tax Deduction at source) या टीसीएस (Tax collection at source) 50,000 रुपये से अधिक था, तो ऐसे मामलों में अब इस साल 1 जुलाई 2021 से उनका टीडीएस मौजूदा प्रभावी दर से दोगुने पर या 5 फीसदी जो दोनों में अधिक हो, से काटा जाएगा. नए TDS नियमों के मुताबिक, इनकम टैक्स एक्ट 1961 के सेक्शन 206AB के तहत यह प्रावधान लागू किए गए हैं. 

सरकार को क्‍या होगा फायदा?

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टैक्‍स एक्‍सपर्ट CA मनीष गुप्‍ता का कहना है,  इस प्रावधान का मतलब यह है कि भुगतान करने वाले को टीडीएस काटते समय उनसे पिछले 2 वर्षों की इनकम टैक्स की रिटर्न की कॉपी मांगनी होगी और उपलब्ध न कराने पर टीडीएस का रेट डबल हो जाएगा . ऐसा करने से सरकार अपने कई सारे हित साध रही है. सबसे पहले इससे वह इनकम टैक्स फाइल करने वालों की संख्या तेजी से बढ़ाना चाहती है. दूसरा महामारी के इस दौर में सरकार टैक्स ज्यादा कलेक्ट करना चाहती है अगर बाद में रिफंड भी करना पड़ा तो वह 1 साल बाद होगा. यानी, तुरंत सरकार को फंड मुहैया हो जाएगा. इसके अलावा सरकार यह भी चाहती है कि लोगों में इनकम टैक्स रिटर्न को समय से दाखिल करने की आदत बने.

TDS कटौती को ऐसे समझें

सीए मनीष गुप्‍ता का कहना है, इस प्रावधान को ऐसे समझिए अगर किसी व्यक्ति या कंपनी का 1 फीसदी या 2 फीसदी  टीडीएस कटता है, उसका टीडीएस अब 5 फीसी कटेगा और इसी तरह अगर किसी का टीडीएस 10 फीसदी कटता है तो अब उसका टीडीएस 20 फीसदी की रेट से काटा जाएगा. इसके अलावा सरकार उन लोगों पर खास निगाह रखना चाहती है जिनका टीडीएस तो कटता है लेकिन वह लोग रिटर्न जमा नहीं करना चाहते हैं. ऐसा अनुमान है कि यह 50,000 की सीमा को सरकार धीरे-धीरे घटाकर अगले 5 साल में जीरो तक ले आएगी. 

क्‍या करें जब बिना टैक्‍सेबल इनकम के टैक्‍स कटे?

सीए गुप्‍ता बताते हैं, ऐसे में एक सवाल यह भी है कि अगर किसी की पिछले 2 साल में टैक्‍सेबल इनकम न हो क्‍या क्या होगा जबकि टीडीएस काटा गया है. इनकम टैक्‍स डिपार्टमेंट के मुताबिक, अगर आपकी इनकम टैक्‍सेबल नहीं है तो भी आप रिटर्न फाइल कर सकते हैं और अपना रिफंड ले सकते हैं.

इन लोगों पर नहीं लागू होगा नियम

इनकम टैक्‍स कानून का यह सेक्शन  (Section 206AB) सैलरीड इम्‍प्‍लॉइज पर लागू नहीं होगा. इसी तरह अनिवासी व्यक्तियों पर भी यह प्रावधान लागू नहीं होंगे. उदाहरण के तौर पर अगर कोई विदेशी खिलाड़ी भारत में आता है और यहां उसकी इनकम पर टीडीएस कटता है, तो यह प्रावधान लागू नहीं होंगे और टीडीएस सामान्य दर से ही कटेगा. हालांकि, सरकार ने कमजोर और मध्यम वर्ग को राहत देते हुए इसमें एक शर्त जोड़ दी है कि जिस टैक्‍सपेयर्स का पिछले 2 वर्षों में 50,000 या अधिक का टीडीएस या टीसीएस नहीं कटा है उन पर यह प्रावधान लागू नहीं होंगे. 

टैक्‍सपेयर्स को क्‍या करना चाहिए?

नए प्रावधानों के मुताबिक, अगर दोहरे टीडीएस के दायरे बचना चाहते हैं, तो आपको अपनी जो भी इनकम हो, चाहे टैक्‍सेबल हो या नहीं लेकिन उसका रिटर्न फाइल करना होगा. इसी तरह अगर कोई व्यक्ति पिछले वर्ष या इस वर्ष 18 साल का हुआ है और उससे पहले उसकी टैक्‍सेबल इनकम नहीं थी, तब भी उसकी रिटर्न भरी जा सकती है. बता दें, इनकम टैक्‍स कानून के मुताबिक, सभी व्यक्ति अपनी इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल कर सकते हैं फिर चाहे वो एडल्‍ट हों या नहीं. ठीक इसी तरह अगर कोई कंपनी पिछले साल में ही बनी है तो उसे अपने पिछले साल की रिटर्न दाखिल कर देनी चाहिए. 

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