How to save tax on Gold: अगर आप इस दीवाली गोल्ड में निवेश कर रहे हैं या फिर गोल्ड बेच रहे हैं तो आपको इसपर लगने वाले टैक्स के नियम भी पता होने चाहिए. देश में गोल्ड खरीदने पर तो आपको जीएसटी देना ही होता है, जब आप इसे बेचते हैं तो भी इसपर टैक्स लगता है. और तो और गोल्ड लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स की श्रेणी में आता है. लेकिन अच्छी बात है कि आपको ऐसे विकल्प भी मिलते हैं, जिनके जरिए आप गोल्ड पर टैक्स बचा सकते हैं.

गोल्ड पर कैसे टैक्स लगता है?

COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

गोल्ड में फिजिकल गोल्ड, डिजिटल गोल्ड, सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड, गोल्ड म्यूचुअल फंड, गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडेड फंड- कई तरीकों से निवेश किया जाता है और इनपर टैक्स के अलग-अलग नियम लागू होते हैं. सोने में आप कम अवधि के लिए भी निवेश कर सकते हैं, और लॉन्ग टर्म के लिए भी, इन दोनों परिस्थितियों में टैक्स के नियम अलग-अलग हैं. जैसे- 36 महीने से कम गोल्ड रखकर बेचा तो इसके रिटर्न को आपकी इनकम में जोड़ा जाएगा और कुल टैक्स लायबिलिटी के हिसाब से जो टैक्स रेट आएगा, उस हिसाब से टैक्स भरना होगा.

लेकिन अगर आप इस अवधि से ज्यादा सोना रखकर बेचते हैं तो इसपर आपको सीधे 20 फीसदी टैक्स के साथ सरचार्ज और 4 फीसदी सेस देना होता है. फिजिकल गोल्ड खरीदते टाइम आपको जीएसटी भी चुकाना होता है.

कैसे बचा सकते हैं लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन पर टैक्स?

जैसाकि हमने बताया कि जब आप लॉन्ग टर्म में सोना रखने के बाद इसे बेचने जाएंगे तो आपको इसपर 20% + टैक्स देना होगा, लेकिन कुछ तरीकों से आप अपनी टैक्स लायबिलिटी कम कर सकते हैं, इसपर टैक्स बचा सकते हैं.

इसके लिए आपके पास दो ऑप्शन हैं- 

1. इनकम टैक्स एक्ट की दो धाराएं हैं- Sections 54F और 54EC जो आपको टैक्स लायबिलिटी घटाने के प्रावधान देते हैं. Section 54F के तहत आप गोल्ड LTCG से मिले रिटर्न को किसी रेजिडेंशियल प्रॉपर्टी में निवेश कर दीजिए, इससे आपकी पूरी कमाई पर टैक्स छूट मिल जाती है.

2. दूसरा, Section 54EC के तहत आप किसी भी पात्र बॉन्ड में निवेश कर सकते हैं, इससे भी आपको गोल्ड की बिक्री से हुई कमाई पर टैक्स नहीं देना पड़ता है.