दिवाली पर लोग अपनों को गिफ्ट देना पसंद करते हैं. इस दिन किसी अच्छे निवेश की शुरुआत भी की जाती है, जिसे देखते हुए लोग अपने और परिवार के लिए कुछ नए निवेश भी करते हैं. साथ ही कैश लेन-देन भी किया जाता है. अगर आप इस दिवाली पर अपनी पत्नी को कैश गिफ्ट देने का सोच रहे हैं तो कैश लेन-देन पर आपको इनकम टैक्स के नियम पता होने चाहिए.

कैश ट्रांजैक्शन पर देश में लागू हैं इनकम टैक्स के नियम (Cash Transaction Income Tax Rule)

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देश में टैक्स चोरी या काले धन जैसी समस्याओं को दूर करने के लिए कैश रखने और लेन-देन पर बहुत से नियम है. अगर आप सक्षम हैं तो आप जितना चाहे उतना कैश घर पर रख सकते हैं. बस एक नियम जो याद रखना है वो ये है कि आपके पास एक-एक पाई का हिसाब होना चाहिए कि आपकी कमाई का स्रोत क्या है और आपने टैक्स चुकाया है या नहीं. अगर आप ये नहीं कर पाते हैं तो आपके खिलाफ एक्शन लिया जा सकता है. वहीं कुल बरामद अमाउंट का 137% जुर्माना लगाया जा सकता है.

लेकिन कैश लेन-देन पर होती है लिमिट

किसी रिश्तेदार से एक दिन में 2 लाख से ज्यादा का अमाउंट कैश के जरिए नहीं ले सकते है, ये काम फिर बैंक से करना होगा. आप किसी और से 20 हजार से ऊपर कैश में लोन भी नहीं ले सकते.

क्या पति-पत्नी पर भी लागू होता है ये नियम?

देखिए, अगर आप किसी से भी 50,000 तक का कैश लेन-देन कर रहे हैं या गिफ्ट ले-दे रहे हैं तो इसपर कोई टैक्स नहीं लगता है. ऊपर से अगर पति अपनी पत्नी को किसी भी अमाउंट में कैश गिफ्ट दे रहा होता है तो उसपर भी कोई टैक्स नहीं लगता. यानी आप अपनी पत्नी को कितना भी कैश गिफ्ट में दे सकते हैं. हालांकि, ये नियम भी याद रखें कि आप किसी को भी एक बार में 2 लाख से ऊपर कैश नहीं दे सकते, न ही ले सकते हैं, तो आपको इसका ध्यान भी रखना होगा.

इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 56(2)(x) के मुताबिक, 50,000 रुपये तक के कैश गिफ्ट पर कोई टैक्स नहीं लगता है, लेकिन किसी भी संबंधी, जिसमें Spouse भी शामिल है, से मिलने वाला कैश गिफ्ट इस सीमा से बाहर है, उसपर कोई लिमिट नहीं है तो इस तरह एक पति की ओर से पत्नी को दिया गया कैश गिफ्ट चाहे कितना भी हो, टैक्स के दायरे से बाहर होता है. 

कैश से इनकम पर लगेगा टैक्स

हालांकि, आपको यहां एक बात ये जरूर पता होना चाहिए कि अगर आपकी पत्नी आपकी ओर से दिए गए कैश को किसी भी दूसरे निवेश विकल्प में लगाती हैं और उन्हें उसपर रिटर्न मिलता है, तो उस रिटर्न को आपकी इनकम में जोड़कर टैक्स लगाया जाएगा.