5 Best Tax Savings Products for salaried: अगर आप नौकरीपेशा हैं, तो टैक्‍स बचाने की तैयारी तुरंत कर लेनी चाहिए. जॉब करने वालों के लिए हमेशा से टैक्‍स सेविंग एक चैलेंज रहा है. उन्‍हें अपने हर महीने के खर्चों के साथ-साथ सेविंग्‍स, इन्‍वेस्‍टमेंट और रिटायरमेंट की प्‍लानिंग करनी होती है. एक हिट फॉर्मूला यही कहता है कि एक नौकरी करने वालों को इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फाइल करने का सीजन शुरू होने के साथ ही टैक्‍स सेविंग्‍स शुरू कर देनी चाहिए. यहां हम ऐसे 5 टैक्‍स सेविंग ऑप्‍शन के बारे में जानते हैं, जहां निवेश कर नौकरी करने वाले आसानी से टैक्‍स छूट हासिल कर सकते हैं.

EPF

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कर्मचारी भविष्य निधि (EPF) सैलरी पाने वाले लोगों के लिए टैक्स बचाने का एक सबसे सरल ऑप्‍शन है. इसमें इनकम टैक्‍स एक्‍ट के सेकशन 80C के तहत 1.5 लाख रुपये तक टैक्‍स छूट मिलती है. EPF का मैनेजमेंट सेंट्रल ट्रस्‍टी बोर्ड (CBT) करता है. ईपीएफ में एक बात का ध्‍यान रखें कि पीएफ अकाउंट में मिलने वाला सालाना 2.5 लाख रु तक ब्‍याज टैक्स फ्री रहता है.

PPF

पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF) टैक्स सेविंग का एक बेस्‍ट ऑप्शन है. इसमें निवेश के साथ मैच्‍योरिटी रकम और ब्‍याज भी टैक्‍स फ्री रहता है. यानी, इसमें निवेश के साथ-साथ मैच्‍योरटी पर मिलने वाला फंड और ब्‍याज की रकम तीनों ही टैक्‍स फ्री रहती है. लंबी अवधि में सुरक्षित निवेश और बड़ा फंड बनाने के लिए पीपीएफ एक बेहतर तरीका है. पीपीएफ अकाउंट में निवेश पर धारा 80C के तहत 1.50 लाख रुपये टैक्स डिडक्‍शन मिलता है. 

FDs

बैंकों की टैक्‍स सेविंग फिक्‍स्‍ड डिपॉजिट (FDs) किसी भी नौकरीपेशा के लिए सेफ इन्‍वेस्‍टमेंट, गारंटीड रिटर्न के साथ-साथ टैक्‍स डिडक्‍शन का एक बेस्‍ट ऑप्‍शन है. बैंकों में 1.5 लाख रु तक पर टैक्स बचा सकते हैं. टैक्‍स सेवर एफडी में 5 साल का लॉक-इन पीरियड होता है. हालांकि, इस बात का ध्‍यान रखें कि टैक्स सेविंग एफडी की मैच्‍योरिटी पर मिलने वाला का रिटर्न टैक्सेबल होता है

NPS

नेशनल पेंशन स्कीम (NPS) पर इनकम टैक्‍स के सेक्‍शन 80CCE के तहत 1.5 लाख की लिमिट तक टैक्स डिडक्‍शन का फायदा लिया जा सकता है. इसके अलावा, एनपीएस में सेक्शन 80 CCD (1B) के तहत 50,000 रुपये की अतिरिक्त टैक्‍स छूट ले सकते हैं. NPS नौकरीपेशा के लिए लॉन्‍ग टर्म में टैक्‍स सेविंग के साथ-साथ रिटायरमेंट फंड बनाने में भी मददगार है.

ELSS 

म्‍यूचुअल फंड में निवेश के जरिए बाजार से भी टैक्‍स बचा सकते हैं. म्‍यूचुअल फंड की इक्विटी लिंक्ड सेविंग्स स्कीम (ELSS) में निवेश पर आपको धारा  80C के तहत टैक्स डिडक्‍शन का फायदा मिलेगा. ELSS पर बेहतर रिटर्न के साथ टैक्‍स सेविंग होती है. डबल बेनेफिट के चलते नौकरीपेशा लोगों के बीच एक पॉपुलर टैक्‍स सेविंग इंस्‍ट्रूमेंट है. ELSS में 3 साल का लॉक-इन होता है.