Income tax will be Zero on Salary: नया फाइनेंशियल ईयर आने वाला है. मतलब अप्रैल आ रहा है. अभी से अपनी फाइनेंशियल प्लानिंग (Financial planning) शुरू कर दें. इनकम टैक्स बचाने (Income tax savings) की प्लानिंग, टैक्स सेविंग्स की प्लानिंग. अगर शुरू से स्ट्रैटेजी बनाएंगे तो निश्चित तौर पर वित्त वर्ष (Financial year) के आखिर में टैक्स बचाने के लिए सोचना नहीं पड़ेगा. लेकिन, एक टेंशन जो ज्यादातर टैक्सपेयर्स (Taxpayers) के साथ आती है वो है टैक्स बचाने के लिए पैसा निवेश कहां करें? क्योंकि, सेक्शन 80C में छूट सिर्फ 150000 रुपए है. लेकिन, एक तरीका है, जिससे न सिर्फ आप टैक्स बचा पाएंगे बल्कि निवेश पर रिटर्न और रिटायरटमेंट के बाद पेंशन का भी इंतजाम हो जाएगा. ये है नेशनल पेंशन सिस्टम (National Pension system), जिसे न्यू पेंशन स्कीम (New Pension Scheme) भी कहते हैं. एक ऐसा टूल जिसमें डबल टैक्स बेनिफिट मिल सकता है. 50,000 रुपए तक का टैक्स बेनिफिट है. लेकिन, यहां एक ट्विस्ट है. अब आप सोच रहे होंगे निवेश में कैसा ट्विस्ट? जी हां, NPS में अगर आप एम्प्लॉयर के जरिए निवेश करेंगे तो ज्यादा फायदा मिलेगा. आइये जानते हैं कैसे...

80CCD में मिलेगी अतिरिक्त Tax छूट

COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

NPS में निवेश पर करने पर इनकम टैक्स के सेक्शन 80CCD के तहत टैक्स छूट क्लेम कर सकते हैं. इसके दो सब-सेक्शन होते हैं- 80CCD(1) और 80CCD(2). इसके अलावा 80CCD(1) का एक और सब सेक्शन होता है 80CCD(1B). 80CCD(1) के तहत 1.5 लाख रुपए और 80CCD(1B) के तहत 50 हजार रुपए की टैक्स छूट हासिल कर सकते हैं. लेकिन, 80CCD(2) में इस 2 लाख की छूट के अलावा भी इनकम टैक्स छूट क्लेम की जा सकती है.

कैसे मिलेगी ज्यादा Tax छूट?

ये छूट एम्प्लॉयर की तरफ से NPS में निवेश पर मिलती है. ये NPS through employer बेनिफिट होता है. इसमें एम्प्लॉयर की तरफ से आपके NPS में निवेश पर टैक्स छूट क्लेम की जाती है. बेसिक सैलरी और महंगाई भत्ते का 10 फीसदी NPS में निवेश एम्प्लॉयर से करवा सकते हैं. वहीं, केंद्रीय कर्मचारियों के लिए 14 फीसदी NPS में निवेश होता है, इस पर टैक्स छूट मिलती है. ज्यादातर कंपनियां NPS की सुविधा देती हैं. कंपनी के HR से बात करके NPS में निवेश कर सकते हैं. इसका फायदा ये होगा कि इसमें अतिरिक्त टैक्स छूट ली जा सकती है.

Tax की कैलकुलेशन कैसे करें?

मान लीजिए आपकी सैलरी 10 लाख रुपए है. ये सैलरी टैक्सेबल इनकम होगी. लेकिन, कुल सैलरी में से 80C का 1.5 लाख रुपए और 80CCD(1B) का 50 हजार रुपए डिडक्शन निकाल दें. इसके बाद 50 हजार रुपए का स्टैंडर्ड डिडक्शन भी घटा दें. अब टैक्सेबल इनकम 7.50 लाख रुपए बचेगी. अगर आपने अपनी कंपनी की तरफ से सैलरी में रीइम्बर्समेंट रखा है तो यूनिफॉर्म अलाउंस, ब्रॉडबैंड अलाउंस, कन्वेंस अलाउंस, एंटरटेनमेंट जैसे रीइम्बर्समेंट से करीब 2.50 लाख रुपए तक टैक्स बचा सकते हैं. रीइंबर्समेंट क्लेम करने के बाद टैक्सेबल इनकम 5 लाख रुपए होगी.

Zero होगा Income Tax

आपका इनकम टैक्स जीरो हो जाएगा. सेक्शन 80CCD(2) में अगर एम्प्लॉयर के जरिए NPS में निवेश करते हैं तो 50 हजार रुपए का निवेश कर सकते हैं. इस तरह 10 लाख रुपए के सैलरी ब्रैकेट वालों की टैक्सेबल इनकम 5 लाख रुपए से कम हो जाएगी. इस टैक्सेबल इनकम पर सेक्शन 87A के तहत रिबेट का फायदा मिलता है. इसका मतलब आपकी कुल इनकम पर टैक्स जीरो हो जाएगा. 

बेसिक सैलरी से तय होगा निवेश

एम्प्लॉयर के जरिए NPS में निवेश करने पर इनकम टैक्स के सेक्शन 80CCD(2) में आप ज्यादा से ज्यादा छूट का फायदा उठा सकते हैं. इसमें निवेश की कोई लिमिट नहीं है. लेकिन, आपका निवेश कितना होगा ये आपकी बेसिक सैलरी के आधार पर ही तय होगा.