Income Tax: वित्तीय वर्ष 2019-20 की आखिरी तिमाही शुरू हो चुकी है. आपका नियोक्ता यानी एम्प्लॉयर अब आपसे डिक्लेयर किए गए इन्वेस्टमेंट प्रूफ की डिमांड करेगा. अगर आप सारे डाक्यूमेंट समय पर अपनी कंपनी को दे देते हैं तो आपकी आने वाली सैलरी में से टीडीएस कम कटेगा. अगर आपने इसमें लापरवाही की तो आपकी सैलरी से ज्यादा टीडीएस कट जाएगा. यानी आपकी टेक होम सैलरी कम आएगी, जाहिर इसका असर आपके हर महीने के बजट पर भी आएगा. इसलिए आपने जो पहले कंपनी में इन्वेस्टमेंट डिक्लेयरेशन दिया है, उसके मुताबिक प्रूफ इकट्ठा कर लें. 

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एक वित्तीय वर्ष में आप जब अप्रैल-मई में इन्वेस्टमेंट डिक्लेयरेशन देते हैं तब आपको इसका प्रूफ नहीं जमा करना होता है. लेकिन दिसंबर-जनवरी में आकर आपको सारे प्रूफ जमा करने होते हैं. ऐसे में कंपनी टीडीएस को आपकी सैलरी में एडजस्ट करती है. हम यहां उन डॉक्यूमेंट पर चर्चा करते हैं जिन्हें आप प्रूफ के तौर पर तैयार रख सकते हैं.

इनकम टैक्स 80(सी) के तहत इनमें है छूट

इनकम टैक्स की धारा 80(सी) के तहत आप अधिकतम 1.5 लाख रुपये तक की रकम के लिए टैक्स छूट पा सकते हैं. इसके तहत टैक्स छूट पाने के लिए आप निम्न डॉक्यूमेंट तैयार रख सकते हैं.

  • लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी प्रीमियम की रसीद
  • खुद और डिपेंडेंट के लिए जमा किए गए यूलिप (ULIP) प्लान के प्रीमियम का प्रूफ
  • म्यूचुअल फंड ईएलएसएस (ELSS) में निवेश का प्रूफ
  • पीपीएफ (PPF) में निवेश की गई राशि के दस्तावेज
  • एनएससी ((National Saving Certificate) में किया गया निवेश
  • होम लोन (home loan) के मूलधन पर किया गया रीपेमेंट
  • दो बच्चों तक की ट्यूशन फीस का पेमेंट
  • टैक्स सेविंग फिक्स्ड डिपॉडिट (FD) राशि
  • एनपीएस में किया गया योगदान
  • सुकन्या समृद्धि योजना (Sukanya Samriddhi Scheme) में किया गया निवेश

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हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम पर भी छूट

अगर आपने खुद, पत्नी/पति और बच्चे के लिए कोई हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी ली है तो आप 25000 रुपये तक के सालाना प्रीमियम पर धारा 80(डी) के तहत टैक्स छूट के लिए क्लेम कर सकते हैं. सीनियर सिटिजन के लिए यह सीमा 50000 रुपये है. इसके अलावा, आप हाइयर एजुकेशन के लोन पर सिर्फ ब्याज, प्रिवेंटिव हेल्थ चेक अप, एनपीएस, होम लोन, एचआरए और एलटीए पर भी टैक्स छूट पा सकते हैं.