Income tax rules: नए फाइनेंशियल ईयर (Financial year) शुरु हो चुका है. अब नए वित्त वर्ष की प्लानिंग भी करनी चाहिए. अगर आप घर खरीदने की प्लानिंग कर रहे हैं. इसके लिए होम लोन (Home loan) लेना है तो इसके टैक्स बेनिफिट्स (Income tax benefits) भी समझने चाहिए. इससे इनकम टैक्स में आपको बड़ी बचत (Income Tax Deduction) हो सकती है. सरकार का हमेशा से हाउसिंग में निवेश (Housing investment) पर फोकस रहा है. यही वजह है कि टैक्स छूट के जरिए भी इसे बढ़ावा दिया जाता है. घर खरीदने और होम लोन पर आपको इनकम टैक्स एक्ट के कई सेक्शन के तहत छूट मिलती है. वहीं, अगर ये आपका पहला घर है तो छूट (Income tax exemption) की सीमा 50,000 रुपए तक बढ़ जाती है. मूल रकम से लेकर ब्याज तक पर आपको टैक्स छूट मिलती है. अब आपको बताते हैं कि किन सेक्शन के तहत ये छूट मिलती है और कितनी छूट मिलती हैं.

सेक्शन 24 के तहत छूट

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किसी भी होम लोन में दो तरह के कंपोनेंट होते हैं- ब्याज पेमेंट और प्रिंसिपल रीपेमेंट. EMI के इस ब्याज कंपोनेंट के पेमेंट पर सेक्शन 24 के तहत इनकम में से 2 लाख रुपए तक की छूट (Tax Deduction) ले सकते हैं. अब आपको लग सकता है कि इंट्रस्ट (Home loan Interest) कितना होगा, लेकिन होम लोन लंबे समय का लोन होने की वजह से इसका ब्याज जमा करें तो ये काफी बड़ा हिस्सा बन जाता है. ध्यान रखें ये छूट तभी मिलती है जब आपको घर का पजेशन मिल गया हो. अंडर-कंस्ट्रक्शन घर या फ्लैट पर ये छूट नहीं मिलेगी. घर में शिफ्ट होने के बाद ही छूट मिल ले सकते हैं.

सेक्शन 80C के तहत छूट

EMI में प्रिंसिपल अमाउंट (Principle amount) पर आप सेक्शन 80C के तहत छूट ले सकते हैं. सेक्शन 80C के तहत अधिकतम 1.5 लाख रुपए की छूट मिलती है. लेकिन, इस सेक्शन के अंतर्गत कई और निवेश विकल्प भी आते हैं तो संभव है कि आपको इसकी सीमा छोटी लगे. वहीं, इस डिडक्शन को क्लेम (How to claim home loan deduction) करने के लिए आपको कम से कम 5 साल तक इस घर को अपने पजेशन में रखना होगा और इससे पहले आप बेच नहीं सकते. अगर 5 साल से पहले प्रॉपर्टी बेच दी जाती है तो पिछले डिडक्शन को बिक्री वाले साल की आय में जोड़ा जाएगा. इस सेक्शन के तहत स्टैंप ड्यूटी और रजिस्ट्रेशन फीस पर भी डिडक्शन (Tax Deduction) ले सकते हैं लेकिन 1.5 लाख रुपए की सीमा के अंतर्गत ही और वो भी सिर्फ जिस साल आपको ये पेमेंट करनी पड़ी है उसी साल की फाइलिंग में इसका फायदा मिलेगा.

 

सेक्शन 80EE के तहत डिडक्शन

 

अगर आपने पहला घर खरीदा है तो आप 50,000 रुपए का अतिरिक्त छूट ले सकते हैं. ये छूट होम लोन के ब्याज पर मिलती है और जब तक कर्ज चुकाया नहीं गया तब तक हर वित्त वर्ष इसे क्लेम किया जा सकता है. ये छूट सेक्शन 24 की 2 लाख रुपए की छूट से अलग है यानि एडिशनल बेनिफिट (Additional Tax Deduction). वहीं, सरकार ने इस सेक्शन के तहत क्लेम के लिए कई शर्तें भी रखी हैं. मसलन, प्रॉपर्टी की कीमत 50 लाख रुपए से ज्यादा ना हो और इस पर लिया होम लोन 35 लाख रुपए से ज्यादा नहीं होना चाहिए. साथ ही, जिस साल आपने लोन लिया उस समय तक आपके पास कोई दूसरा घर ना हो.

 

जॉइंट होम लोन होल्डर होने के फायदे

 

अकसर होम लोन (Home Loan) की रकम बढ़ाने के लिए पति-पत्नी जॉइंट होम लोन लेते हैं- दोनों की आय एक साथ जोड़ने से बड़ी रकम का होम लोन मिल पाता है. ऐसी स्थिति में दोनों पति-पत्नी अपने इनकम टैक्स फाइलिंग के वक्त डिडक्शन (Tax Deduction) ले सकते हैं. इसके लिए जरूरी है कि प्रॉपर्टी में दोनों को-ओनर हों.

 

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