Income Tax Return filing: अगर आपने अभी तक असेसमेंट ईयर 2021-22 के लिए इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) नहीं भरा है, तो 31 मार्च 2022 तक इसे जरूर फाइल कर दें. इस तारीख तक रिवाइज ITR भी दाखिल कर सकते हैं. अगर इनकम टैक्स रिटर्न में कोई करेक्शन है, तो भी 31 मार्च आखिरी तारीख है. इसके बाद आपको पेनल्टी देनी पड़ सकती है. इंडिविजुअल टैक्‍सपेयर जिनकी टैक्‍सेबल इनकम 2.50 लाख रुपये सालाना से ज्‍यादा है, उनके लिए ITR फाइल करना जरूरी है. वहीं, अगर टैक्‍सेबल इनकम छूट की लिमिट से कम है, तो ITR फाइल करना अनिवार्य नहीं है. इसके बावजूद अगर आप ITR फाइल करते हैं, तो आपको इसके कई बेनेफिट मिलते हैं. यहां यह भी जान लें कि अगर आपके बिजली बिल की खपत हर साल 1 लाख रुपये से ज्‍यादा है या आपने 2 लाख रुपये से ज्‍यादा विदेशी यात्रा पर खर्च किया है, तो आपके लिए रिटर्न फाइल करना जरूरी है.

आसानी से कर पाएंगे रिफंड क्लेम

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अगर आप किसी तरह का टैक्स रिफंड क्लेम करना हैं, तो आपको ITR फाइल करना होगा. कई बार आमदनी टैक्स के दायरे में नहीं होती है, फिर भी TDS कट जाता है. ऐसे में अगर टीडीएस का रिफंड चाहते हैं, तो उसके लिए आपको रिटर्न फाइल करना जरूरी है. आईटीआर फाइल करने के बाद अगर आपका रिफंड बन रहा है, तो इनकम टैक्‍स डिपार्टमेंट आपके बैंक अकाउंट में ट्रांसफर कर देता है. 

इनकम प्रुफ की तरह काम करेगा ITR

सैलरीड क्लास लोगों को कंपनी की तरफ से फॉर्म 16 मिलता है, जो उनका इनकम प्रुफ होता है. वहीं, जिन लोगों के पास अपना बिजनेस है, उनके पास सैलरीड लोगों की तरह इनकम का कोई प्रुफ नहीं होता है. ऐसे लोगों के लिए ITR इनकम और खर्च की डीटेल के साथ इनकम प्रुफ का काम करता है. जिन लोगों का खुद का बिजनेस है, वे आईटीआर को अपने इनकम प्रुफ डॉक्‍यूमेंट के तौर पर पेश कर सकते हैं. 

लॉस क्‍लेम करने के लिए ITR 

ड्यू डेट के भीतर ITR फाइल करना एक इंडिविजुअल टैक्सपेयर के लिए नुकसान का क्‍लेम (कैपिटल गेन से नुकसान, बिजनेस या प्रोफेशन से नुकसान) करने के लिए जरूरी है. इनकम टैक्स के नियमों के मुताबिक, कैरी-फॉरवर्ड लॉस को केवल वही लोग कैपिटल गेन के खिलाफ क्‍लेम कर सकते हैं, जो संबंधित असेसमेंट ईयर में ITR फाइल करते हैं. अगर आपने म्‍यूचुअल फंड्स या इक्विटी शेयर्स की बिक्री से प्रॉफिट कमाया है, तो आप इन प्रॉफिट को समय पर रिटर्न फाइल कर पहले हुए नुकसान के साथ एडजस्ट कर सकते हैं.

 

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ITR डॉक्‍यूमेंट्स की तरह आता है काम

ITR एक ऐसा डॉक्‍यूमेंट है, जो अलग-अलग फाइनेंशियल अप्‍लीकेशंस में बतौर प्रूफ काम आता है. जैसेकि, लोन के लिए अप्‍लाई करते समय बैंकर आपके इनकम सोर्स को वेरिफाई करने के लिए टैक्स रिटर्न की कॉपी मांगते हैं. लोन हासिल करने के अलावा, आईटीआर क्रेडिट कार्ड, इंश्‍योरेंस पॉलिसी लेने की प्रॉसेस में भी मदद करता है. तरह यह आपकी इनकम के प्रुफ के तौर पर काम आता है.

VISA के लिए आवेदन करते समय 

देश से बाहर जॉब या बिजनेस के मकसद से जाने के लिए आपको वीजा (VISA) की जरूरत होती है. वीजा के लिए अप्लाई करते समय ITR से संबंधित डॉक्‍यूमेंट मांगा जाता है. अक्‍सर कई देशों की एम्‍बेसी वीजा के लिए आवेदन करने वालों का टैक्स रिटर्न रिकॉर्ड देखती हैं. ITR के जरिए यह देखा जाता है कि जो व्यक्ति उनके देश में आ रहा है उसका फाइनेंशियल स्टेटस क्या है. साथ ही उसके देश में उस व्‍यक्ति का टैक्‍स कम्‍प्‍लायंस रिकॉर्ड कैसा है.