लंबे समय के लॉकडाउन के बाद रेहड़ी-पटरी वालों को अपना काम नए सिरे से शुरू करने के लिए केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री स्ट्रीट वेंडर्स आत्मनिर्भर निधि नाम से एक योजना शुरू की हुई है. इसे प्रधानमंत्री स्‍वनिधि योजना (PM SVANidhi scheme) भी कहते हैं. 

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इस योजना के तहत सड़क किनारे छोटा-मोटा काम-धंधा करने वाले लोगों को 10,000 रुपये का लोन आसान शर्तों पर मुहैया कराया जाता है. PM SVANidhi Yojana के तहत आवेदन करने वालों की संख्‍या पांच लाख को पार कर गई है और अभी तक 1 लाख से ज्यादा रेहड़ी-पटरी वालों को लोन मंजूर किए जा चुके हैं. 

यह योजना मार्च, 2022 तक के लिए है. सरकार ने इस दौरान 50 लाख से ज्यादा रेहड़ी-पटरी वालों को लोन देने का टारगेट रखा है. 

इस योजना को लेकर तमाम लोगों के तमाम सवाल है. आज कुछ ऐसे ही सवालों के जवाब देने की कोशिश यहां की जा रही है. 

क्या है ये पीएम स्वनिधि स्कीम?

- यह केंद्र सरकार की योजना है, जो लॉकडाउन में ढील देने के बाद सड़क किनारे रेहड़ी-पटरी लगाने वालों को अपनी आजीविका और रोजगार दोबारा शुरू करने के लिए किफायती दर पर काम करने लायक कर्ज मुहैया कराया जाता है.

स्कीम का मकसद क्या है?

- कम ब्याज दर पर 10,000 रुपये तक के काम करने के लिए पूंजीगत कर्ज की सुविधा प्रदान करना.

- कर्ज की नियमित अदायगी को प्रोत्साहित करना.

- डिजिटल लेन-देन को सम्मानित करना.

पीएम स्वनिधि स्कीम की खासियत क्या है?

- रेहड़ी-पटरी वालों को एक साल के लिए 10,000 रुपये का कर्ज दिया जाता है. 

- कर्ज का समय पर भुगतान करते हैं तो ब्‍याज में 7 फीसदी के हिसाब से सब्सिडी भी दी जाती है. 

- डिजिटल लेनदेन पर कैशबैक की सुविधा. 

- पहला कर्ज समय पर देने पर अधिक कर्ज के पात्र.

स्कीम का फायदा किन्हें मिलेगा?

- शहरों में फेरी लगाने, सड़क किनारे रेहड़ी-पटरी लगाने वाले वे लोग जो 24 मार्च, 2020 या उससे पहले से वेंडिंग कर रहे हैं.

सड़क किनारे विक्रेता कौन होते हैं?

- कोई ऐसा व्यक्ति जो रोजमर्रा के सामान बेचने वाले या या सेवाएं मुहैया करता है.

- किसी अस्थाई रूप से बने हुए स्टॉल से या फिर गली-गली घूमकर अपनी अपनी सेवाएं देने वाले.

- सब्जी, फल, चाय-पकौड़ा, ब्रेड, अंडे, कपड़े, किताब, लेखन सामग्री बेचने वाले.

- नाई की दुकान, मोची, पान की दुकान या लांड्री सेवा मुहैया कराने वाले.

रेहड़ी-पटरी वालों को कर्ज कौन देता है?

- कॉमर्शियल बैंक, ग्रामीण बैंक, छोटे वित्त बैंक, सहकारी बैंक, नॉन बैंकिंग फाइनेंस कंपनी, एसएचजी बैंक. 

यह स्कीम कब तक है?

- पीएम स्वनिधि स्कीम का समय मार्च, 2022 तक है. 

इस स्कीम में कितना कर्ज दिया जाता है?

- काम शुरू करने लायक एक साल के लिए 10,000 रुपये का कर्ज दिया जाता है.

मेरा पास वेंडिंग सर्टिफिकेट, पहचान पत्र है. कैसे अप्लाई कर सकते हैं?

- आप अपने इलाके के किसी बैंकिंग कोरेस्पोंडेंट या किसी माइक्रो फाइनेंस संस्था के एजेंट से संपर्क कर सकते हैं. ये लोगों के पास सर्वेक्षण लिस्ट होती है और ये आपको एप्लीकेशन भरने और मोबाइल ऐप या वेब-पोर्टल में आपके दस्तावेज अपलोड करने में मदद करेंगे.

कैसे पता चलेंगे कि मैं सर्वेक्षण लिस्ट में हूं?

- पीएम स्वनिधि की वेबसाइट pmsvanidhi.mohua.gov.in पर यह लिस्ट देख सकते हैं. 

अगर मेरे पास न तो पहचान पत्र है और न ही वेंडिंग सर्टिफिकेट. क्या मुझे कर्ज मिल जाएगा?

- हां, आप इस योजना का लाभ उठा सकते हैं. आप वेब-पोर्टल पर जाकर वेंडिंग सर्टिफिकेट के लिए अप्लाई कर सकते हैं. एजेंट इस काम में आपकी मदद करेंगे.

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कौन-कौन से दस्तावेजों की जरूरत होती है?

- आधार कार्ड और वोटर आईडी कार्ड जरूरी है. इनके अलावा ड्राइविंग लाइसेंस, मनरेगा कार्ड या पैन कार्ड. 

ब्याज की सब्सिडी कितनी है और कैसे मिलती है?

- ब्याज सब्सिडी की दर 7 फीसदी है. सब्सिडी की राशि उनके अकाउंट में हर तीन महीने में ट्रांसफर की जाती है. समय से पहले कर्ज का भुगतान करने पर सब्सिडी की पूरी राशि एक बार में ही ट्रांसफर कर दी जाती है. 

10,000 रुपये के कर्ज को एक साल में चुकता करने पर सब्सिडी के रूप में 400 रुपये मिलेंगे.

कैशबैक कैसे मिलता है?

- इस योजना के तहत डिजिटल तरीके से लोन लेने और लोन वापस करने पर कैशबैक मिलता है. 50 से 100 रुपये तक का कैशबैक हर महीने मिलता है.

इसके बारे में कहां संपर्क किया जा सकता है?

कमरा नंबर-334 सी, निर्माण भवन,

मौलाना आजाद रोड, नई दिल्ली-110011

फोन नंबर- 011-23062850