म्यूचुअल फंड (MF) में जब निवेश करते हैं तो आपके पास 2 विकल्प होते हैं या तो ग्रोथ प्लान में निवेश किया जाए या फिर डिविडेंड. लेकिन क्या आप जानते हैं कि आपके लिए क्या ज़्यादा फायदेमंद है? 'जी बिजनेस' के खास कार्यक्रम म्‍यूचुअल फंड हेल्‍पलाइन में सर्टिफाइड फाइनेंशियल प्लानर पूनम रूंगटा ने किस विकल्प के ज़रिए आपको बेहतर रिटर्न मिलेगा और टैक्स से जुड़ी बारीकियां समझाईं.

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म्यूचुअल फंड स्कीम के ऑप्शंस?

-म्यूचुअल फंड स्कीम में 2 ऑप्शंस होते हैं

-डिविडेंड और ग्रोथ

-डिविडेंड ऑप्शन में दो अलग ऑप्शंस हैं

-डिविडेंड रीइंवेस्टमेंट और डिविडेंड पेआउट

ग्रोथ ऑप्शन क्या है ?

-फंड में मुनाफा होने पर उसे दोबारा निवेश करते हैं

-फंड में प्रॉफिट की सूरत में NAV ऊपर चली जाती है

-फंड में नुकसान होने पर NAV नीचे चली जाती है

डिविडेंड पेआउट ऑप्शन क्या है?

- फंड में होने वाला मुनाफा निवेशकों को देते हैं

- मुनाफा होने की सूरत में फंड हाउस डिविडेंड देते हैं

- फंड में निगेटिव में रि़टर्न पर डिविडेंट नहीं मिलता

- इक्विटी में डिविडेंड के ज़रिए कमाई जोखिम से भरी

- डिविडेंड घोषित होने पर NAV नीचे आ जाती है

- DDT लगने से NAV और कम हो जाती है

- DDT यानी डिविडेंट डिस्ट्रीब्यूशन टैक्स

- इक्विटी पर 10% DDT लगता है

- डेब्ट फंड्स पर 25% DDT

- ग्रॉस आधार पर इक्विटी पर 11.5% टैक्स

- ग्रॉस आधार पर डेब्ट पर 28.84% टैक्स

डिविडेंड रीइंवेस्टमेंट ऑप्शन क्या है?

-प्रॉफिट कैश में नहीं दिया जाता

-निवेशकों को और यूनिट्स दिए जाते हैं

-इससे निवेशकों के यूनिट्स और बढ़ जाते हैं

कौन सा ऑप्शन चुनना चाहिए ?

-ग्रोथ ऑप्शन निवेश को बढ़ाने में मदद करता है

-आपके मुनाफे को फिर से निवेश करते हैं

-इससे आपको बेहतर रिटर्न मिल पाएगा

-डिविडेंड पेआउट उनके लिए जो मासिक वेतन चाहते हैं

-डिविडेंड रीइंवेस्टमेंट ऑप्शन ग्रोथ विकल्प के सामान है

डिविडेंड रीइंवेस्टेड या ग्रोथ- इक्विटी फंड्स

- इक्विटी फंड में 1 साल से पहले निकालने पर 15% STCG

- इक्विटी फंड में 1 साल के बाद निकालने पर 10% LTCG

- LTCG 1 लाख रुपए से ज़्यादा के रिटर्न पर लगता है

- इक्विटी फंड्स में डिविडेंड पर DDT लगता है

- इक्विटी पर 10% DDT लगता है

- ग्रॉस आधार पर इक्विटी पर 11.5% टैक्स

- डिविडेंड घोषित होने वाले दिन रीइंवेस्टेड यूनिट्स मिलेंगे

-ELSS में निवेश ना करें क्योंकि वो 3 साल तक लॉक हो जाएगें

- इक्विटी में ग्रोथ ऑप्शन को चुनना बेहतर है

- पैसे की ज़रूरत के समय यूनिट्स बेचना बेहतर होगा

डिविडेंड रीइंवेस्टेड या ग्रोथ- डेट फंड्स

- डेट फंड्स में ग्रोथ और डिविडेंड-रीइंवेस्टमेंट में अंतर

- डेब्ट फंड्स पर 25% DDT

- 3 साल से कम निवेश पर STCG

- LTCG 20% की दर से इंडेक्सेशन के बाद लगता है

- ग्रॉस आधार पर डेब्ट पर 28.84% टैक्स

- डेट फंड पर आपके टैक्स स्लैब रेट के मुताबिक टैक्स

- 5% या 20% के स्लैब वालों के लिए डिविडेंट ऑप्शन सही नहीं

- 30% के टैक्स स्लैब में आने वाले ध्यान दें

- 3 साल से कम निवेश के लिए डिविडेंड ऑप्शन सहीं

- 3 साल से ज़्यादा निवेश के लिए ग्रोथ ऑप्शन सहीं

डिविडेंड म्यूचुअल फंड से ग्रोथ ऑप्शन

- डिविडेंड से ग्रोथ ऑप्शन में स्विच कर सकते हैं

-एक फॉर्म भर कर स्विच करने की प्रक्रिया होगी

-24 घंटे में डिविडेंड से ग्रोथ ऑप्शन में स्विच कर सकते है

डिविडेंड रिइन्वेस्टमेंट से डिवीडेंड पेआउट में स्विच

-फंड हाउस को लिखित में आवेदन करना होगा

-इस प्रक्रिया में थोड़ा समय लगता है

स्विच करते हुए रखें ध्यान

- पहले अपने यूनिट भुनाने होंगे

- नए प्लान में निवेश भी करना होगा

- दोनों प्लान की NAV अलग-अलग होती है

- स्विच करने पर एग्जिट लोड भी चुकाना पड़ेगा

- शार्ट टर्म या लांग टर्म कैपिटल गेन चुकाना होगा

- डिविडेंड ऑप्शन से निकलने पर एग्जिट लोड हो सकता है

- एग्ज़िट लोग होने पर निवेश से काटा जाएगा

डिविडेंड Vs SWP

- SWP निवेशक की मर्जी से तय होता है

- डिविडेंड फंड मैनेजर तय कर सकता है  

- डिविडेंड जरूरी नहीं कि तय अवधि पर मिले ही मिले

- कुछ फंड्स में रेगुलर डिविडेंड की सुविधा होती है

- कुछ फंड्स चढ़ते बाजार में डिविडेंड देते हैं

रिटायरमेंट के बाद क्या बेहतर?

- रिटायरमेंट के बाद डेट फंड्स का पोर्टफोलियो बेहतर

- मासिक खर्चों के लिए अल्ट्रा शॉर्ट टर्म फंड में निवेश करें

- SWP सुविधा के जरिये मासिक रकम ले सकते हैं

- SWP खास तौर से सीनियर सिटीजन के लिए ही है

- सीनियर सिटीजन को SWP से खास फायदा होता है

SWP में निवेश पर कितना टैक्स?

- इक्विटी में 1 साल से कम पर STCG लगता है

- 15% STCG लगेगा

- एक साल बाद 10% टैक्स लगता है

- डेट में 3 साल से कम पर STCG

- ऐसे में 30% STCG लगेगा

- 3 साल बाद विद्ड्रॉअल पर 20%+इंडेक्सेशन बेनेफिट मिलेगा

- नए टैक्स प्रस्ताव से LTCG पर भी लगता है टैक्स

- निकाले गए निवेश के मुनाफे पर