FDI limit in pension sector: सरकार पेंशन सेक्टर (Pension sector) में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) की सीमा बढ़ाकर 74 प्रतिशत कर सकती है. सूत्रों ने कहा कि इस बारे में विधेयक संसद के मानसून में लाया जा सकता है. बीमा क्षेत्र में एफडीआई की सीमा को 49 से बढ़ाकर 74 प्रतिशत करने के कानूनी संशोधन को संसद ने को पिछले महीने ही मंजूरी दी है. पीटीआई की खबर के मुताबिक, बीमा अधिनियम, 1938 में अंतिम बार 2015 में संशोधन कर एफडीआई की सीमा को बढ़ाकर 49 प्रतिशत किया गया था.

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पांच साल में 26,000 करोड़ रुपये का विदेशी निवेश आया (Foreign investment of 26,000 crore rupees in five years) 

खबर के मुताबिक, इससे इस क्षेत्र में पांच साल में 26,000 करोड़ रुपये का विदेशी निवेश आया है. सूत्रों ने बताया कि पेंशन कोष नियामक और विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) अधिनियम, 2013 में संशोधन मानसून सत्र या शीतकालीन सत्र में लाया जा सकता है. इसके जरिये पेंशन क्षेत्र में एफडीआई की सीमा बढ़ाई जाएगी. अभी पेंशन क्षेत्र में एफडीआई की सीमा 49 प्रतिशत है.

हो सकता है ये बड़ा फैसला (This can be a big decision) 

सूत्रों ने बताया कि संशोधन विधेयक में राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (NPS) न्यास को पीएफआरडीए से अलग करने का प्रावधान हो सकता है. एनपीएस न्यास के अधिकार, कामकाज और दायित्व अभी पीएफआरडी (राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली न्यास) नियमन, 2015 के तहत तय होते हैं. इसे परमार्थ न्यास या कंपनी कानून के तहत लाया जा सकता है.

इसके पीछे मंशा एनपीएस न्यास को पेंशन नियामक से अलग करना और 15 सदस्यों के सक्षम बोर्ड का प्रबंधन है. इनमें से ज्यादातर सदस्य राज्यों सहित सरकार से होंगे, क्योंकि इसमें सबसे बड़ा योगदान इन्हीं का रहता है.

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