Cyber Insurance: कोरोना महामारी (Covid19 Pandemic) के दौरान ऑनलाइन फ्रॉड (online fraud) में जबदस्‍त बढ़ोतरी को देखते हुए इंश्योरेंस रेगुलेटर इरडा (IRDAI) ने साइबर इंश्योरेंस का दायरा बढ़ाया है. इरडा ने साइबर इंश्योरेंस (cyber insurance) के अंतर्गत कवर होने वाली चीजों को पूरी तरह से स्पष्ट किया है. IRDAI ने इंश्योरेंस कंपनियों को निर्देश दिए हैं जिसमें कंपनियों को साइबर फ्रॉड से होने वाला मॉनिटरी नुकसान, अनऑथराइज्ड लेनदेन, ईमेल स्पूफिंग के खिलाफ कवर देने के लिए कहा गया है

IRDAI के साइबर इंश्योरेंस पर नए निर्देश

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इरडा के मुताबिक, साइबर इंश्योरेंस का दायरा बढ़ाया जाएगा. इसमें कंपनियां साइबर इंश्योरेंस पॉलिसी को सरल बनाएगी. इरडा के मुताबिक, कोरोना के बाद साइबर फ्रॉड की घटनाएं में जोरदार बढ़ोतरी हुई है. दरअसल, डिजिटल एक्स्पोजर बढ़ने की वजह से साइबर रिस्क बढ़ा है. 

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साइबर नुकसान को 4 हिस्‍सों में बांटा 

 

फर्स्ट पार्टी नुकसान: वित्तीय नुकसान, बिजनेस में खलल से होने वाला नुकसान

रेगुलेटरी एक्शन: रेगुलेटरी जांच और एक्शन का खर्च, पेनल्टी और बाकी कानूनी खर्च

क्राइसिस मैनेजमेंट की लागत: फॉरेंसिक एक्सपर्ट का कवर, रेपुटेशन का नुकसान खर्च, सूचना को हटाने का खर्च, काउंसलिंग का खर्च

लायबिलिटी क्लेम: गोपनीयता या डेटा उल्लंघन, मानहानि, IPR के उल्लंघन का नुकसान

साइबर इंश्योरेंस के दायरे क्‍या होगा कवर 

  • पैसे की चोरी और पहचान चोरी से नुकसान
  • अनधिकृत ऑनलाइन लेनदेन
  • ईमेल स्पूफिंग
  • सोशल मीडिया के जरिए हुए थर्ड पार्टी नुकसान
  • चोरी हुए डाटा की पुनरावृत्ति की भरपाई
  • फिशिंग अटैक में हुए नुकसान की भरपाई
  • साइबर एक्सटॉर्शन कवर
  • डाटा ब्रीच और प्राइवेसी ब्रीच का कवर

क्लेम कब रिजेक्ट हो सकता है?

साइबर इंश्‍योरेंस क्‍लेम रिजेक्‍ट होने को लेकर भी इरडा की तरफ से साफ निर्देश हैं. इसके मुताबिक, साइबर फ्रॉड होने के 24 घंटे के भीतर कार्ड ब्लॉक नहीं करवाने पर क्‍लेम रिजेक्‍ट हो जाएगा. इसके अलावा, बैंक से SMS और OTP के लिए रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर या ईमेल आईडी नहीं देने पर आपका साइबर इंश्‍योरेंस क्‍लेम रिजेक्‍ट हो सकता है.