इस साल सोने में बड़ी तेजी की संभावना है. ऐसा इसलिए है क्योंकि दुनिया भर के सेंट्रल बैंक से सोने की खरीदारी बढ़ रही है और चुनाव के बाद शादी और त्योहारी मांग का फायदा सोने के मिलेगा. इसके अलावा सोने की मजबूती का एक बड़ा संकेत अमेरिका के सेंट्रल बैंक से आ सकता है. माना जा रहा है कि फेडरल रिजर्व आगे ब्याज दरें घटा सकता है, ऐसे में डॉलर की मजबूती आगे नहीं टिकेगी. डॉलर और सोने की कीमतों में विपरीत संबंध देखने को मिलता है. यानी जब डॉलर कमजोर होगा, तो सोना महंगा होगा. ये कुछ फंडामेंटल हैं, जिनके आधार पर कहा जा सकता है कि इस साल सोने में निवेश समझदारी भरा फैसला हो सकता है.

COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

रिनेशा चेनानी ने जी बिजनेस के खास कार्यक्रम '2019 में सिर्फ सोना लो ना' में बताया, 'गोल्ड का ओवरऑल ट्रेंज पॉजिटिव है. हम देख रहे हैं सेंट्रल बैंक डी-डॉलराइजेशन कर रहे हैं. यूएस-चाइना ट्रेड वार और मिडिल ईस्ट में तनाव जैसे भूराजनैतिक फैक्टर के चलते भी सोने में तेजी का रुख रहने की उम्मीद है.' उन्होंने कहा कि इस साल मौजूदा कीमत से कम से कम 10 प्रतिशत और तेजी देखने को मिल सकती है. सोना 35000 तक जा सकता है. इस तरह यहां खरीदारी का एक अच्छा मौका है.

 

 

दिग्गज ब्रेकरेज हाउस का अनुमान भी है कि इस साल सोने में तेजी का रुख बरकरार रहेगा. एंजेल कमोडिटी और च्वॉइस ब्रोकिंग के मुताबिक 2019 में सोना 34000 रुपये प्रति 10 ग्राम के भाव को छू सकता है. मोतीलाल ओसवाल ने 36000 रुपये, आनंद राठी ने 33000 रुपये और मोनार्क कैपिटल ने 35000 रुपये के भाव को छूने का अनुमान जताया है. एसएमसी कॉमट्रेड की वंदना भारती ने भी खरीदारी की सलाह दी है. उन्होंने कहा कि गोल्ड में पोर्टफोलियो का डायवर्सिफिकेशन बना रहेगा. रुपये की कमजोरी का फायदा भी सोने को मिलेगा और घरेलू बाजार में सोना मजबूत बनेगा.