महामारी कोरोना वायरस (Coronavirus) के बढ़ते संकट के मद्देनजर उसकी टेस्टिंग के लिए सरकारी और प्राइवेट दोनों स्‍तर पर तेज प्रयास हो रहे हैं. सरकार ने जहां सरकारी अस्‍पतालों के अलावा कुछ प्राइवेट लैब को कोरोना वायरस टेस्टिंग के लिए इजाजत दी है. वहीं प्राइवेट बीमा कंपनियां भी इस संकट में मदद के लिए आगे आई हैं.

COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

इसी तरह ICICI Lombard ने गरीबों की टेस्टिंग के लिए मुहिम छेड़ी है. ICICI Lombard ने इसके लिए Apollo Hospital के साथ करार किया है. इस करार के तहत गरीबों की Free में टेस्टिंग होगी. कंपनी के MD भार्गव दासगुप्ता की मानें तो कंपनी ने अपने CSR फंड से गरीबों में कोरोना वायरस की जांच के लिए 5 करोड़ रुपए दिए हैं.

उधर, दिल्‍ली में महामारी कोरोना वायरस की टेस्टिंग के लिए 21 सेंटर बनाए गए हैं. इनमें 13 प्रयोगशालाओं (Lab) को कोरोना रोगियों की जांच करने के लिए अधिकृत किया गया है, उनमें से 5 सरकारी प्रयोगशालाएं है. दिल्ली में 8 प्राइवेट लैब और अस्पतालों को भी कोरोना टेस्ट करने की इजाजत दी गई है. यानि कुल 21 सेंटर में टेस्‍ट हो रहा है.

कोरोना वायरस की जांच कर रहे सरकारी अस्पतालों में एम्स (AIIMS), राममनोहर लोहिया (Ram Manohar Lohiya), लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज, आईएलबीएस और आर्मी अस्पताल रिसर्च एवं रेफरल शामिल हैं.

वहीं जिन निजी अस्पतालों और प्रयोगशालाओं को कोरोनावायरस की जांच के लिए मान्यता दी गई है उनमें लाल पैथ सेक्टर 18 रोहिणी, डॉ डेंग लैब अपोलो अस्पताल, सर गंगाराम अस्पताल, मैक्स साकेत, वंस क्वेस्ट लैब फैक्ट्री रोड, प्रोग्नोसिस लैब सेक्टर 19 द्वारका, सिटी एक्सरे एवं स्कैन क्लीनिक शामिल हैं.

उधर, भारतीय रेलवे ने कहा है कि रेलवे अपने 20,000 पैंसेजर ट्रेन कोचों को क्वारंटाइन केंद्रों में तब्दील करेगा, ताकि बुरी स्थिति में 3.2 लाख से ज्यादा बेडों की व्यवस्था की जा सके. नेशनल ट्रांस्पोर्टर ने कहा, "भारतीय रेलवे द्वारा निर्णय लिया गया है कि देश में क्वारंटाइन सुविधाओं को बढ़ाने के लिए 20,000 कोचों को क्वारंटाइन या आइसोलेशन कोच में बदला जाएगा."