Financial Planning Tips: कहते हैं जल्दबाजी में किया गया काम अक्सर खराब हो जाता है, इसीलिए कोई भी फैसला सोच समझकर ही लेना चाहिए. जब बात हो फाइनेंशियल प्लानिंग की तो इसमें जल्दबाजी क्यों? क्विक लोन के इस दौर में लोन इतने कम समय में मिल रहा है कि पलक झपकते ही रकम खाते में पहुंच जा रहा है, लेकिन इस पर लगने वाले भारी ब्याज से लोन लेने वाले व्यक्ति की रातों की नींद उड़ जारी रही है. चिंता और अवसाद के चलते आए दिन खुदकुशी के मामले भी लगातार बढ़ रहे हैं. ऐसे में अच्छे फाइनेंशियल प्लानिंग के जरिए खुद की फाइनेंशियल स्थिति को मजबूत करना ही समझदारी है. तो कैसे करें अच्छी फाइनेंशियल प्लानिंग आइए जानते हैं....

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मेहनत की कमाई का करें सही निवेश

फाइनेंशियल प्लानर और प्रोमोर फिनटेक की को-फाउंडर निशा संघवी कहती हैं हमें अपने मेहनत की कमाई को भविष्य का ध्यान रखते हुए सही जगह निवेश करना चाहिए. इससे बकेट स्ट्रैटेजी का इस्तेमाल किया जा सकता है. यानी अपने अलग-अलग फाइनेंशियल गोल्स के लिए अलग-अलग बचत. जैसे, शादी के लिए लोन लेकर खर्च करने के बजाय शादी से पहले बचत करें फिर खर्च करें. रिटायरमेंट के लिए NPS में निवेश करें.

हेल्थ इंश्योरेंस के साथ शुरू करें फाइनेंशियल प्लानिंग

निशा संघवी कहती हैं कि फाइनेंशियल प्लानिंग की शुरुआत हेल्थ इंश्योरेंस के साथ करें. अगर आप नौकरी कर रहे हैं तो केवल कंपनी के हेल्थ इंश्योरेंस पर निर्भर न रहें. अलग से हेल्थ पॉलिसी लें. ताकी इमरजेंसी में आपको फाइनेंशियल दिक्कतों में अच्छा सपोर्ट मिले. 

कैसे करें फाइनेंशियल प्लानिंग?

  • टर्म इंश्योरेंस लेकर अपनों का भविष्य सुरक्षित करें. टर्म इंश्योरेंस के जरिए आप अपने डिपेंडेंट को फाइनेंशियल सुरक्षा दे पाएंगे. इसके जरिए आप अपने माता-पिता, पत्नी-बच्चे या अन्य को अपने न होने पर भी फाइनेंशियल सपोर्ट कर पाएंगे.   
  • इमरजेंसी फंड जमा करें, जिससे मुश्किल समय में फाइनेंशियल दिक्कतों का सामना ना करना पड़े. जोखिमों से भरे जीवन की गाड़ी कब एकदम से गड्डे में गिर जाए क्या पता. क्या पता कब नौकरी चली जाए, न जाने कब कोई विपदा आन पड़े, ऐसे में इमरजेंसी फंड या लिक्विड फंड से फाइनेंशियल दिक्कतों का डटकर सामना कर पाएंगे.
  • फाइनेंशियल गोल तय करें. जीवन में जितना जरूरी जीवन के लक्ष्य का है उतना ही आवश्यक फाइनेंशियल गोल भी. तय करें कि कमाई क्यों कर रहे हैं.
  • रिटायरमेंट के लिए प्लानिंग करें. कमाई के शुरुआती दिनों से ही रिटायरमेंट की सोच लें और कमाई का एक हिस्सा बचत करना शुरू करें. इसके लिए नेशनल पेंशन स्कीम का विकल्प काफी अच्छा है. 

फाइनेंशियल प्लानिंग में क्या न करें?

  • अनरेगुलेटेड स्कीम में पैसा लगाने से बचें. अनरेगुलेटेड स्कीम का मतलब है कि चिट फंड, क्रिप्टो जैसे एसेट में निवेश से बचना चाहिए. इनमें निवेश पर रिस्क काफी ज्यादा है, क्योंकि इनको रेगुलेट करने के लिए कोई संस्था नहीं है. जैसे शेयर बाजार को SEBI रेगुलेट करती है, बैंकों को RBI और इंश्योरेंस कंपनियों को IRDAI रेगुलेट करती है. ताकी निवेशकों को किसी भी तरह की समस्या हो तो वे इन संस्थाओं के माध्यम से समाधान पा सकें. लेकिन चिट फंड और क्रिप्टो के लिए अभी तक कोई रेगुलेटर नहीं बना है.
  • Herd Mentality का इस्तेमाल न करें यानी किसी को अच्छा रिटर्न मिला या फायदा हुआ और उसने आपको सलाह दी की आप भी उसी स्कीम या फंड में निवेश करें तो आपको ऐसा करने से बचना चाहिए. बिना सोचे समझे अपनी मेहनत की कमाई को ऐसी जगह निवेश करने से बचना चाहिए जिसके बारे में आपको ज्यादा न पता हो.