Employee's Pension Scheme: प्राइवेट सेक्टर एम्प्लॉइज (Private Employee's) को जल्द ही राहत मिल सकती है. एक फैसले से कर्मचारी भविष्य निधि (EPF) में अंशदान करने वाले लाखों कर्मचारियों की पेंशन (Pension, EPS) एक झटके में 333% तक बढ़ सकती है. कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने कर्मचारियों की पेंशन (Employee's Pension Scheme) के लिए उनकी अधिकतम सैलरी 15 हजार रुपए (बेसिक सैलरी) तय की हुई है. मतलब, आपकी सैलरी भले ही 15 हजार रुपए महीने से ज्यादा हो, लेकिन आपकी पेंशन की गणना अधिकतम 15 हजार रुपए सैलरी पर ही होगी. EPFO इस सैलरी-सीमा को खत्म करने की तैयारी में है. सूत्रों का कहना है कि कर्मचारियों की पेंशन (Employee's Pension Scheme) की गणना आखिरी सैलरी यानी हाई सैलरी ब्रैकेट पर भी हो सकेगी. इस फैसले से कर्मचारियों को कई गुना ज्यादा पेंशन मिलेगी. 

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बता दें, पेंशन पाने के लिए 10 साल तक कर्मचारी भविष्य निधि (EPF) में योगदान करना जरूरी है. वहीं, 20 साल की सर्विस पूरी करने पर 2 साल का वेटेज मिलता है. अगर लिमिट हटाने पर फैसला होता है तो कितना अंतर आएगा, आइये समझते हैं...

Pension की कैसे होगी कैलकुलेशन?

मौजूदा व्यवस्था के मुताबिक, अगर एक एम्प्लॉई 1 जून 2015 से कही नौकरी कर रहा है और अगर वह 14 साल नौकरी पूरी करने के बाद पेंशन लेना चाहता है तो उसकी पेंशन की गणना 15 हजार रुपए पर ही होती, भले ही वह 20 हजार रुपए के बेसिक सैलरी ब्रैकेट में हो या फिर 30 हजार रुपए. पुराने फॉर्मूले के मुताबिक, एम्प्लॉई को 14 साल पूरा होने पर 2 जून 2030 से करीब 3000 रुपए पेंशन मिलेगी. पेंशन का गणना का फॉर्मूला है- (सर्विस हिस्ट्रीx15,000/70). लेकिन, अगर सुप्रीम कोर्ट कर्मचारियों के हक में फैसला करता है तो उसी एम्प्लॉई की पेंशन बढ़ जाएगी.

उदाहरण नंबर-1

मान लीजिए किसी एम्प्लाई की सैलरी (Basic Salary+DA) 20 हजार रुपए पर है. पेंशन के फॉर्मूले से गणना करने पर उसकी पेंशन 4000 रुपए बनेगी (20,000X14)/70= 4000 रुपए. इसी तरह जिसकी सैलरी जितनी होगी उसे उतना ज्यादा पेंशन में फायदा मिलेगा. ऐसे लोगों की पेंशन में 300 फीसदी का उछाल आ सकता है.

उदाहरण नंबर-2

मान लीजिए किसी कर्मचारी की नौकरी 33 साल की है. उसकी आखिरी बेसिक सैलरी 50 हजार रुपए है. मौजूदा व्यवस्था के तहत पेंशन की गणना अधिकतम 15 हजार रुपए की सैलरी पर ही होती. इस तरह (फॉर्मूला: 33 साल+2= 35/70x15,000) के फॉर्मूले के तहत 7,500 रुपए ही पेंशन मिलती. मौजूदा व्यवस्था में ये अधिकतम पेंशन है. लेकिन, पेंशन सीलिंग (Pension Celing) हटने पर आखिरी सैलरी के हिसाब से पेंशन जोड़ने पर उन्हें 25000 हजार रुपए पेंशन मिलेगी. मतलब (33 साल+2= 35/70x50,000= 25000 रुपए). 

333% तक बढ़ जाएगी Pension!

बता दें EPFO के नियम के मुताबिक, अगर कोई कर्मचारी 20 साल या उससे ज्यादा नौकरी करते हुए लगातार EPF में अंशदान करता है तो उसके सेवाकाल में दो साल और जोड़ लिया जाता है. इस तरह 33 साल की नौकरी पूरी की, मगर पेंशन की गणना 35 साल के लिए हुई. ऐसे में उस कर्मचारी की सैलरी में 333 फीसदी तक इजाफा हो सकता है.

क्या है पूरा मामला?

केंद्र सरकार की तरफ से 1 सितंबर 2014 से नोटिफिकेशन जारी कर कर्मचारी पेंशन संशोधन स्कीम, 2014 लागू की थी. इसका प्राइवेट सेक्टर के कर्मचारियों ने विरोध किया और साल 2018 में केरल हाईकोर्ट में इसकी सुनवाई हुई. ये सभी कर्मचारी, EPF और विविध प्रावधान अधिनियम, 1952 की सुविधाओं से कवर्ड थे. कर्मचारियों ने EPFO के नियमों का विरोध करते हुए कहा कि इससे उन्हें कम पेंशन सुनिश्चित होती है. क्योंकि भले ही सैलरी 15 हजार से ज्यादा हो, लेकिन पेंशन की गणना अधिकतम 15 हजार रुपए की सैलरी पर तय की गई है. हालांकि, केंद्र सरकार के 1 सितंबर 2014 को किए संसोधन से पहले यह रकम 6,500 रुपए थी. केरल हाई कोर्ट ने EPFO के नियमों को औचित्यहीन मानते हुए कर्मचारियों की रिट को मंजूर कर फैसला सुना दिया था. इस पर EPFO ने सुप्रीम कोर्ट में SLP दाखिल की, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया. 

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