नॉमिनेशन फॉर्म भर लेना होगा. अगर ऐसा नहीं किया तो डीमैट खाते से शेयर बिक्री पर रोक लग जाएगी. अगर ये नॉमिनेशन या डिक्लेरेशन नहीं देना है तो इसके लिए भी आपको अलग से एक फॉर्म भरना होगा. 1 अक्टूबर से नए खाते खोलने पर ये फॉर्म भरना होगा. 

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बता दें कि शेयर बाजार (Share Market) में पैसा लगाना है तो आपके पास डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट (Trading Account) जरूर होना चाहिए. इसके बिना आप म्यूचुअल फंड (Mutual Fund) में तो निवेश कर सकते हैं लेकिन मार्केट में पैसा नहीं लगा सकते.  अब सवाल ये पैदा होता है कि क्या किसी के पास एक से ज्यादा डीमैट अकाउंट हो सकते हैं. इसका जवाब है - हां. कोई भी एक से ज्यादा डीमैट अकाउंट में अपनी होल्डिंग्स या शेयर्स रख सकता है.

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ऐसा करने से आपके खिलाफ कोई कानूनी कार्रवाई नहीं होगी. जैसे आप कई सारे सेविंग्स अकाउंट रखते हो, वैसे ही एक से ज्यादा डीमैट अकाउंट रख सकते हो. यहां ध्यान रखने वाली बात यह है कि आप एक से ज्यादा डीमैट अकाउंट को खोल सकते हैं लेकिन एक ही डिपॉजिटरी या बैंक में नहीं खोल सकते. आइए जानते हैं कि एक से ज्यादा डीमैट अकाउंट रखने पर क्या नफा-नुकसान हो सकता है...

एक से ज्यादा डीमैट अकाउंट रखने के फायदे

एक से ज्यादा डीमैट अकाउंट रखने के कोई खास फायदे नहीं है. हां अलग-अलग ब्रोकरेज हाउस की अलग-अलग सुविधाएं हो सकती हैं. इसके अलावा आप अपनी लंबी और छोटी अवधि के निवेश को अलग से ट्रैक कर सकते हैं. इससे कंफ्यूजन नहीं होगा और आप शेयरों की खरीद-बिक्री को लेकर काफी सतर्क रहेंगे. अगर आप एक्टिव ट्रेडर हैं तो आपको एक से ज्यादा डीमैट अकाउंट रखने पर आसानी होगी. 

एक से ज्यादा डीमैट होने के नुकसान

  • अलग-अलग ब्रोकरेज हाउस या डिपॉजिटरी में डीमैट अकाउंट होने की वजह से रखरखाव का खर्चा ज्यादा आता है
  • अगर समय से सभी डीमैट अकाउंट को ट्रैक नहीं करोगे तो स्टॉक को ट्रैक करने में दिक्कत होगी.     
  • अगर किसी एक डीमैट अकाउंट में लंबे समय से लॉग-इन नहीं किया है तो आपका अकाउंट फ्रीज भी हो सकता है