Bank Account: अपने मेहनत की कमाई को सुरक्षित जगह रखने के लिए बैंक को एक अच्छा जरिया माना जाता है. बैंक एक ऐसी जगह है, जहां आपका पैसा सुरक्षित तो रहेगा ही, साथ ही उस पर आपको ब्याज भी मिलेगा. ऐसे में बैंक में रखा पैसा आपकी एक्स्ट्रा कमाई भी करा सकता है. लेकिन क्या आपने सोचा है कि किसी मृत व्यक्ति के खाते में रखे पैसे का क्या होता है. क्या वो पैसा निकाल लेना चाहिए या बैंक को ही उस पैसे का हकदार घोषित कर देना चाहिए. यहां आपको इससे संबंधित बैंक के नियम के बारे में जरूर पता होना चाहिए. 

मृत व्यक्ति के संबंध में बैंक के 3 नियम

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बता दें कि जब भी आप कोई नया बैंक अकाउंट खुलवाएंगे तो बैंक की ओर से हमेशा आपसे नॉमिनी को लेकर जानकारी ली जाएगी. अगर कभी दुर्घटना का प्राकृतिक तौर पर किसी की मौत हो जाती है तो मृत व्यक्ति ने जिस व्यक्ति को नॉमिनी बनाया होगा, उसे ये पैसा मिल जाता है. आइए जानते हैं कि बैंक किन-किन परिस्थितियों पर क्या नियम बताता है. 

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अगर ज्वाइंट खाता है तो

अगर किसी व्यक्ति का किसी दूसरे व्यक्ति के साथ ज्वाइंट अकाउंट (Joint Account) है तो खाते में मौजूद राशि को दूसरा व्यक्ति आसानी से निकाल सकता है. ऐसी स्थिति में मरने वाले व्यक्ति का नाम अकाउंट से हटाने के लिए उसके मृत्यु प्रमाण पत्र की एक कॉपी बैंक की ब्रांच में जमा करनी होगी. इसके बाद मृत व्यक्ति का नाम ज्वाइंट अकाउंट से हटा दिया जाएगा. 

खाते में व्यक्ति के नॉमिनी मेंशन किया हो तो

अगर कोई नॉमिनी है तो बैंक खाते में मौजूद राशि उसके खाते में दे दी जाएगी. पैसा देने से पहले बैंक एक लंबी प्रक्रिया से गुजरता है, साथ ही मृत्यु प्रमाण पत्र की ओरिजिनल कॉपी को भी जांचता है. पैसा मिलने के बाद बैंक दो गवाह मांगता है, ताकि ये सुनिश्चित किया जा सके कि पैसा असली नॉमिनी को दिया गया है. 

खाताधारक ने नॉमिनी ना मेंशन किया हो तो

अगर खाते का कोई नॉमिनी नहीं है तो जिस व्यक्ति को पैसे चाहिए, उसे लंबी कानूनी प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है. उस व्यक्ति को विल या उत्तराधिकार प्रमाण पत्र देना होगा. इससे ये साबित होगा कि मरने वाले का पैसा उसे मिलना चाहिए. 

क्या होता है उत्तराधिकार प्रमाण-पत्र?

उत्तराधिकार प्रमाण पत्र (Succession Certificate) एक ऐसा डॉक्यूमेंट है, जो मरने वाले व्यक्ति के वारिस को दिया जाता है. अगर मरने वाला कोई व्यक्ति कोई वसीयत ना छोड़कर ना गया हो.