DA Hike: केंद्रीय कर्मचारियों के लिए ये साल जबरदस्त तोहफे लेकर आया है. जनवरी से उन्हें 50 फीसदी महंगाई भत्ते का भुगतान होगा. AICPI इंडेक्स से ये तय हो चुका है. लेकिन, इसका केंद्र सरकार की तरफ से इसके ऐलान में अभी वक्त है. इस बीच एक और खुशखबरी है. केंद्रीय कर्मचारियों का सिर्फ महंगाई भत्ता ही नहीं बढ़ा है, बल्कि अब उनकी सैलरी में सीधे-सीधे इजाफा होने जा रहा है. महंगाई भत्ते को मंजूरी मिलते ही उनकी सैलरी में जबरदस्त उछाल आएगा. एक झटके में कर्मचारियों की सैलरी में 9000 रुपए बढ़ जाएंगे. दरअसल, केंद्र सरकार के एक नियम की वजह से ऐसा होने वाला है. ये नियम साल 2016 में बना था. अब इंतजार है तो मार्च का. क्योंकि, केंद्रीय कैबिनेट से DA Hike को मार्च में ही मंजूरी मिलने की उम्मीद है. लेकिन, क्या इससे 8वें वेतन आयोग के गठन का इशारा मिल रहा है?

क्या है कर्मचारियों की सैलरी बढ़ाने वाला नियम?

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केंद्रीय कर्मचारियों का हर छह महीने में महंगाई भत्ता बढ़ाया जाता है. मौजूदा वक्त में केंद्रीय कर्मचारियों को 46 फीसदी की दर से महंगाई भत्ता मिल रहा है. जनवरी 2024 से महंगाई भत्ता बढ़कर 50 फीसदी हो जाएगा. इसके बाद नियमों के मुताबिक, इस शून्य कर दिया जाएगा. क्यों? अब यहीं केंद्र सरकार का बनाया नियम लागू होता है. साल 2016 में सरकार ने नियम बनाया था जैसे ही महंगाई भत्ता 50 फीसदी पहुंचेगा, इसे शून्य कर दिया जाएगा.

कैसे बढ़ जाएगी बेसिक सैलरी?

बेसिक सैलरी (Basic salary) में जबरदस्त इजाफा कैसे होगा? इसके लिए थोड़ा फ्लैशबैक में चलते हैं. सरकार ने साल 2016 में जब 7वां वेतन आयोग (7th pay commission) लागू किया तो महंगाई भत्ते को शून्य कर दिया गया. कैलकुलेशन के लिए नया आधार वर्ष तय कर दिया गया. महंगाई भत्ता शून्य होने से कर्मचारियों को ये फायदा हुआ कि पिछला महंगाई भत्ता उनकी बेसिक सैलरी में जोड़ दिया गया. अब एक बार फिर ऐसा ही कुछ होने जा रहा है. महंगाई भत्ता को एक बार फिर से बेसिक सैलरी में मर्ज करके सैलरी बढ़ाने की योजना है. मतलब क्या 8वां वेतन आयोग के गठन का वक्त आ गया है. 

शून्य (0) हो जाएगा महंगाई भत्ता

अब सवाल आता है कि ऐसा क्यों होगा? दरअसल, साल 2016 के मेमोरेडम में ये बताया गया है कि जैसे ही महंगाई भत्ता (DA) 50 फीसदी यानि बेसिक सैलरी का 50% होगा तो इसे शून्य कर दिया जाएगा. मतलब जीरो होने के बाद अभी जो महंगाई भत्ता वापस 1 फीसदी, 2 फीसदी से शुरू होगा. ऐसा इसलिए होगा क्योंकि, 50 फीसदी महंगाई भत्ता (DA Hike) पहुंचते ही इसे बेसिक सैलरी में मर्ज कर दिया जाएगा. इससे कर्मचारियों को अपने सैलरी रिविजन के लिए लंबा इंतजार नहीं करना होगा. पहले महंगाई भत्ता 100 फीसदी से भी ऊपर निकल जाता था. छठे वेतन में यही फॉर्मूला था. 

9000 रुपए बढ़ेगी केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी

मौजूदा वक्त में पे-बैड लेवल-1 पर 18000 रुपए बेसिक सैलरी है. ये सबसे न्यूतनम बेसिक है. अगर इसकी कैलकुलेशन देखें तो कुल मिलाकर अभी 7560 रुपए बतौर महंगाई भत्ता मिलता है. लेकिन, अगर यही कैलकुलेशन 50 फीसदी महंगाई भत्ते पर देखें तो 9000 रुपए मिलेंगे. अब यहां कैच आता है. 50 फीसदी डीए होते ही इसे शून्य करके बेसिक सैलरी में जोड़ दिया जाएगा. मतलब 18000 रुपए वाली सैलरी 9000 रुपए बढ़कर 27000 रुपए पहुंच जाएगी. इसके बाद महंगाई भत्ता 27000 रुपए पर कैलकुलेट होगा. अगर 0 होने के बाद अगर 3 फीसदी डीए बढ़ता है तो 810 रुपए महीना उनकी सैलरी में बढ़ जाएगा.

कब मिलेगा केंद्रीय कर्मचारियों को तोहफा

फिलहाल, केंद्रीय कर्मचारियों (Central Government employees) का महंगाई भत्ता 42 फीसदी है. अब अगला रिविजन जुलाई 2023 में होना है, जिसमें 4 फीसदी की बढ़ोतरी हो सकती है. मतलब जुलाई के बाद 46 फीसदी की दर से महंगाई भत्ता बढ़ेगा. ऐसी स्थिति में जनवरी 2024 वाले महंगाई भत्ते के रिविजन पर नजर रखनी होगी. अगर वो 4 फीसदी बढ़ता है तो महंगाई भत्ता 50 फीसदी पहुंच जाएगा. अगर 3 फीसदी बढ़ता है तो ये 49 फीसदी होगा. 50% होने की स्थिति में महंगाई भत्ता जनवरी 2024 से ही शून्य हो जाएगा. मतलब जुलाई 2024 से बढ़ी हुई बेसिक सैलरी पर ही महंगाई भत्ता कैलकुलेट होगा. अगर 49 फीसदी रहता है तो जुलाई 2024 तक इंतजार करना होगा.

क्यों शून्य किया जाता है महंगाई भत्ता?

जब भी नया वेतनमान (Central pay commission) लागू किया जाता है कर्मचारियों को मिलने वाले DA को मूल वेतन में जोड़ दिया जाता है. जानकारों का कहना है कि यूं तो नियम कर्मचारियों को मिलने वाले शत-प्रतिशत डीए को मूल वेतन में जोड़ना चाहिए, लेकिन ऐसा नहीं हो पाता. वित्तीय स्थिति आड़े आती है. हालांकि, साल 2016 में ऐसा किया गया. उससे पहले साल 2006 में जब छठा वेतनमान आया तो उस समय पांचवें वेतनमान में दिसंबर तक 187 प्रतिशत DA मिल रहा था. पूरा डीए मूल वेतन में मर्ज किया गया था. इसलिए छठे वेतनमान का गुणांक 1.87 था. तब नया वेतन बैंड और नया ग्रेड वेतन भी बनाया गया था. लेकिन, इसे देने में 3 साल लगे थे.