धनतेरस पर हर साल सोने की रिकॉर्ड खरीदारी होती है. पुष्य नक्षत्र में इसकी खरीदारी शुभ होती है. ऐसे में जरूरी है कि हर ग्राहक को पता होना चाहिए कि वह जो सोना खरीद रहा है वह असली है या नहीं. हालमार्क वाले सोने में घपला होने की आशंका कम रहती है लेकिन बिना हालमार्क के सोना खरीदना जोखिम भरा हो सकता है. आइए जानते हैं सोने की कैसे पहचान होती है.  

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सोना खरीदते वक्‍त जरूर बरतें ये सावधानियां: 

1. चुंबक से टेस्टिंग : सोना खरीदते वक्‍त साथ में चुंबक रखें, अगर यह ज्‍वेलरी में चिपकता है तो सोना असली नहीं है. इसी तरह कुछ केमिकल और एसिड होते हैं जिनके इस्तेमाल से सोने की गुणवत्ता परखी जा सकती है. सोने पर इसका कोई असर नहीं होता लेकिन अशुद्ध सोने का रंग तुरंत बदल जाता है. 

2. सिरामिक थाली : इस टेस्ट को पूरा करने के लिए एक सफेद सिरामिक थाली लें. अब ज्‍वेलरी या सोने को उस प्लेट पर घिसें. अगर इस थाली पर काले निशान पड़ें तो इसका अर्थ है कि सोने में मिलावट है और अगर हल्का सुनहरा रंग छोड़े तो सोना असली है.

3. पानी टेस्ट : एक गहरे बर्तन में 2 गिलास पानी डालें और सोने की ज्‍वेलरी इसमें डाल दें. अगर ज्‍वेलरी तैरती है तो वह असली नहीं है. वहीं, आपकी ज्‍वेलरी डूब कर सतह पर बैठ जाए तो असली है.

4. दांतों से करें टेस्ट : सोने को अपने दांतों के बीच कुछ देर दबाकर रखें. अगर आपका सोना असली होगा तो इस पर आपके दांतों के निशान दिखाई देंगे. क्योंकि सोना बहुत नाजुक धातु है. ज्‍वेलरी भी प्योर 24 कैरेट सोने की नहीं बनती बल्कि इसमें कुछ मात्रा अन्य धातु मिलाई जाती है. इस टेस्ट को आराम से करें.