पुरानी पेंशन की मांग को ले कर केंद्रीय कर्मचारी देश भर में प्रदर्शन करेंगे. चुनावों को ध्यान में रखते हुए कर्मचारी अपने इस आंदोलन में राजनीतिक पार्टियों के समर्थन की भी उम्मीद कर रहे हैं. ऑल इंडिया रेलवे मेन्स फेडरेशन के महासचिव शिव गोपाल मिश्रा ने पुरानी पेंशन की मांग को ले कर राजनितिक दलों को पत्र लिख भी लिखा है. वहीं अपने घोषणा पत्र में OPS को शामिल करने वालो को ही केंद्रियकर्मियो का समर्थन देने की बात कही है.

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केंद्र सरकार ने एनपीएस में किए कई बदलाव

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने हाल ही में राष्‍ट्रीय पेंशन योजना (एनपीएस) में मूल वेतन पर सरकार के योगदान को 10 प्रतिशत से बढ़ाकर 14 प्रतिशत करने को अपनी मंजूरी दे दी. वहीं न्‍यूनतम कर्मचारी योगदान 10 प्रतिशत ही रखा गया. मंत्रिमंडल ने 10 प्रतिशत से अधिक के योगदान पर इनकम टैक्‍स कानून की धारा 80सी के तहत टैक्‍स लाभ देने को भी अपनी मंजूदी प्रदान की है. सरकार ने सरकारी कर्मचारियों को रिटायरमेंट के समय 60 प्रतिशत तक की रकम निकालने को भी मंजूरी दी है, जो अभी तक 40 प्रतिशत तय थी. लेकिन केंद्रीय कर्मी पुरानी पेंशन के अलावा NPS में किसी तरह से भी बदलाव पर सहमत नहीं हैं.

NPS मानने से किया इनकार

एस4 के महासचिव आरके निगम ने बताया कि पिछली बैठक में प्रमुख सचिव कार्मिक ने कहा था कि केंद्र सरकार ने 31 जनवरी 2019 से नई पेंशन योजना (NPS) में संशोधन का फैसला किया है. इसके लिए वित्‍त मंत्रालय ने नोटिफिकेशन जारी किया है. प्रमुख सचिव ने बातचीत के दौरान उस नोटिफिकेशन की प्रति कर्मचारी नेताओं को दी और गुजारिश की थी कि संगठन इस पर विचार करे. लेकिन एस4 ने इसे मानने से साफ इनकार कर दिया. एस4 के अध्‍यक्ष एसपी तिवारी ने कहा कि हमारा संगठन OPS की बहाली के लिए आंदोलन कर रहा है. हमें NPS या इसमें संशोधन कतई स्‍वीकार नहीं है.

 

पुरानी पेंशन के 3 बड़े फायदे

नई पेंशन योजना (New Pension Scheme, NPS) से कर्मचारी संतुष्‍ट नहीं हैं. वे पुरानी पेंशन योजना को ज्‍यादा हितकारी और दीर्घकालिक मानते हैं. आइए जानते हैं पुरानी पेंशन योजना के 3 फायदे :

1- OPS वह पेंशन योजना थी जिसमें पेंशन अंतिम ड्रॉन सैलरी के आधार पर बनती थी.

2- OPS में महंगाई दर बढ़ने के साथ डीए (महंगाई भत्‍ता) भी बढ़ जाता था.

3- जब सरकार नया वेतन आयोग लागू करती है तो भी इससे पेंशन में बढ़ोतरी होती है.