फेस्टिव सीजन (Festive Season) की शुरुआत हो चुकी है. ये सीजन बहुत सारे लोगों के लिए अपनी पहली कार खरीदने वाला सीजन भी होता है. कई लोग तो धनतेरस के दिन अपनी पहली कार खरीदना (Car Buying) चाहते हैं. खैर, कार आप जिस दिन चाहे उस दिन खरीदें, लेकिन कार खरीदने से पहले आपको ये पता होना चाहिए कि आपको कब कार खरीदनी चाहिए. ये भी पता होना जरूरी है कि कितने रुपये की कार खरीदनी चाहिए. वैसे इसका कोई नियम तो नहीं है, लेकिन अगर आप चाहते हैं कि आपका बजट ना बिगड़े तो कुछ बातों को ध्यान (Car Buying Tips) रखना चाहिए.

पहले जानिए कितने रुपये की कार खरीदनी चाहिए

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यहां हम उन लोगों की बात कर रहे हैं जो कार लोन लेकर कार खरीदने की प्लानिंग कर रहे हैं. अगर आपके पास ढेर सारी सेविंग्स हैं तो आप अपने बजट के हिसाब से कार खरीद लें. लेकिन अगर आप कार लोन लेने वाले हैं तो आपको अपनी कुल सैलरी के आधे से ज्यादा महंगी कार खरीदने से बचना चाहिए. मान लीजिए कि आपकी सैलरी 10 लाख रुपये है तो आपको कोशिश करनी चाहिए कि आप 5 लाख रुपये से ज्यादा की कार ना खरीदें. यह कीमत भी ऑन रोड प्राइस के हिसाब से देखें. अगर आप कोई महंगी कार खरीदना चाहते हैं तो पहले सैलरी बढ़ने का इंतजार करें, वरना आपका बजट बिगड़ सकता है.

कब खरीदनी चाहिए कार?

आपको अपने करियर के किस स्टेज में कार खरीदनी चाहिए, यह इस बात पर निर्भर करेगा कि आपकी सैलरी कितनी है और आपको कौन सी कार खरीदनी है. जब आपकी कुल सैलरी आपकी पसंदीदा कार की कीमत से दोगुनी हो जाए, तब आप आसानी से कार लोन लेकर कार खरीद सकते हैं. कई लोग सोचते हैं कि लोन ही लेना है तो उसमें ज्यादा क्यों सोचना, लेकिन अगर आप बहुत ज्यादा महंगी कार खरीद लेंगे तो आपका बजट बिगड़ सकता है.

कार खरीदने का 20-4-10 नियम करें फॉलो

वैसे तो यह ऐसा कोई तय नियम नहीं है, जिसके हिसाब से ही आपको कार खरीदनी चाहिए, लेकिन अगर इस नियम को फॉलो किया जाए तो बजट नहीं बिगड़ता है. इस नियम में तीन चीजें हैं. पहली ये है कि आपको अपने कार की कीमत का करीब 20 फीसदी डाउन पेमेंट में देना चाहिए. दूसरा प्वाइंट ये है कि आप जो कार लोन लें वह 4 साल से अधिक की अवधि का नहीं होना चाहिए. वहीं तीसरा प्वाइंट ये है कि कार लोन की ईएमआई आपकी सैलरी के 10 फीसदी हिस्से से अधिक नहीं होनी चाहिए. 

कुछ बातों का रखें ध्यान

सबसे पहले तो आप ये कोशिश करें कि कार खरीदने के दौरान ज्यादा से ज्यादा डाउन पेमेंट करें. इससे आपको कम ब्याज चुकाना होगा. ऐसे में आप चाहें तो अपनी लोन की अवधि कम भी करा पाएंगे या अपनी ईएमआई कम करवा सकेंगे.

अगर पैसे बचाने हैं तो लेटेस्ट मॉडल के चक्कर में ना पड़ें. जो लेटेस्ट कार आती है, उसकी कीमत ज्यादा ही रहती है या यूं कहें कि उस पर डिस्काउंट नहीं मिलते हैं. वहीं कुछ समय बाद कार पर अच्छा डिस्काउंट मिलता है. साथ ही ये भी पता चल जाता है कि कार का परफॉर्मेंस कैसा है, तो आपको इस बात का फैसला करने में और आसानी होती है कि कौन सी कार खरीदें.

अगर आपके पास पहले से ही कोई कार है तो कार लोन लेकर गाड़ी खरीदने के बजाय पैसे बचाकर कार खरीदने की सोचें. इससे आपकी बचत पर आपको ब्याज भी मिलेगा और ब्याज में जाने वाले आपके बहुत सारे पैसे भी बचेंगे.