New income tax vs old income tax slabs: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी को देश का बजट पेश करेंगी. लेकिन, ये चुनावी साल है तो बजट अंतरिम होगा. खुद वित्त मंत्री ने साफ कर दिया है कि ये बजट वोट ऑन अकाउंट होने वाला है. इलेक्शन ईयर में पूर्ण बजट पेश नहीं किया जाता. चुनाव नतीजे आने के बाद बनने वाली नई सरकार पूर्ण बजट पेश करती है, जो अमूमन नतीजे आने के दो महीने के बाद पेश किया जाता है. 

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आम पब्लिक को बजट में टैक्स छूट जैसे ऐलान का इंतजार होता है. 1 फरवरी 2023 को पेश हुए बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने टैक्स स्लैब में कुछ बदलाव किए थे. उम्मीद तो की जा रही है कि आने वाले साल में भी जब पूर्ण बजट पेश होगा तो इनकम टैक्स स्लैब में कुछ बदलाव संभव है. लेकिन, फाइनेंशियल ईयर खत्म होने से पहले न्यू और ओल्ड टैक्स स्लैब रेट्स को समझ लेना चाहिए. 

न्यू Vs ओल्ड इनकम टैक्स रिजीम

1- आपके लिए कौन सा टैक्स स्लैब सही?

वित्त वर्ष की शुरुआत में टैक्स स्लैब चुनने का मौका मिलता है. लेकिन, अगर कोई गड़बड़ हो जाए तो वित्त वर्ष के आखिर में सुधार का भी टाइम होता है. ऐसे में अगर नए और पुराने स्लैब्स को लेकर कोई कन्फ्यून है तो अभी समझ सकते हैं. सबसे जरूरी ये है कि कौन सा स्लैब आपके लिए एकदम फिट है.

2- नए टैक्स रिजीम में कितना फायदा?

बजट 2023 में हुए बदलावों के बाद, नए टैक्स रिजीम में जिन टैक्सपेयर्स की इनकम टैक्स 7 लाख रुपए तक है, उन पर कोई टैक्स नहीं है. इस इनकम ब्रैकेट वालों के लिए न्यू टैक्स रिजीम बढ़िया ऑप्शन है. क्योंकि, 7 लाख की इनकम के अलावा 50 हजार रुपए का स्टैंडर्ड डिडक्शन भी मिलता है. कुल मिलाकर 7 लाख 50 रुपए तक कोई टैक्स नहीं देना होगा. 

3- न्यू टैक्स रिजीम में टैक्स स्लैब्स

- ₹3 लाख रुपए तक की इनकम पर कोई टैक्स नहीं

- ₹3-6 लाख रुपए तक की इनकम पर 5 फीसदी टैक्स (सेक्शन 87A में टैक्स रिबेट) 

- ₹6-9 लाख रुपए की इनकम पर 10 फीसदी टैक्स

- ₹9-12 लाख रुपए की इनकम पर 15 फीसदी टैक्स

- ₹12-15 लाख की इनकम पर 20 फीसदी टैक्स

- ₹15 लाख या उससे ऊपर की इनकम पर 30 फीसदी टैक्स

4- ओल्ड टैक्स रिजीम में टैक्स स्लैब

- 2.5 लाख रुपए तक की इनकम पर बेसिक एग्जम्प्शन टैक्स छूट मिलती है

- ₹2.5 से ₹5 लाख तक इनकम पर 5 फीसदी टैक्स

- ₹5 लाख से ₹7.5 लाख की आय पर 15 फीसदी टैक्स

- ₹7.5 लाख से ₹10 लाख की इनकम पर 20 फीसदी टैक्स

- ₹10 लाख रुपए से ऊपर की इनकम पर 30 फीसदी टैक्स लगता है

5- निवेश पर मिलती है टैक्स छूट

पुराने टैक्स स्लैब्स में टैक्स छूट लेने का मौका होता है. इसमें इन्वेस्टमेंट के जरिए टैक्स छूट क्लेम की जा सकती है. इसमें 80C, 80D जैसे सेक्शन में निवेश पर टैक्स छूट मिलती है. एक्सपर्ट्स का मानना है कि जो टैक्सपेयर्स हाउस रेंट या होम लोन चुकाते हैं, उनके लिए अभी भी पुरानी टैक्स व्यवस्था ही ज्यादा सही है.

87A में मिलने वाली रिबेट बढ़ी?

पिछले बजट में सेक्शन 87A में मिलने वाली रिबेट को 7 लाख रुपए तक की आय के लिए बढ़ाया गया. 5 लाख रुपए टैक्स रिबेट 12500 रुपए मिलती थी, इसे बढ़ाकर 7 लाख रुपए की इनकम पर 25000 रुपए किया गया. इसका मतलब जो टैक्सपेयर्स न्यू टैक्स रिजीम को चुनते हैं, उन्हें 7 लाख रुपए तक की आय पर कोई टैक्स नहीं देना होगा.