बजट का इंतजार अब खत्म होने वाला है. 1 फरवरी को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) बजट पेश करेंगी. बजट (Union Budget) से अलग-अलग सेक्टर्स, टैक्सपेयर्स (Taxpayers) को बड़ी उम्मीदें रहती हैं. लेकिन, ये उम्मीदें कितनी पूरी होंगी ये तो बजट पेश होने पर ही पता चलेगा. इससे पहले सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, नौकरीपेशा के लिए अच्छी खबर आ रही है. House rent allowance (HRA) को लेकर बजट में बदलाव होता देखने को मिल सकता है. 

नौकरीपेशा के लिए क्या होने वाला है?

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वित्त मंत्रालय के सूत्रों की मानें तो अलग-अलग शहरों में नौकरी करने वालों को बड़ी राहत देने की तैयारी है. खासकर बंगलुरु, पुणे जैसे शहरों में रहने वालों के लिए अच्छी खबर आ सकती है. बजट 2024 में वित्त मंत्री HRA के तहत मिलने वाली टैक्स छूट में बदलाव कर सकती हैं. फिलहाल नॉन-मेट्रो शहरों में नौकरी करने वालों को मिलने वाली टैक्स छूट का दायरा बढ़ाया जा सकता है. मेट्रो शहरों के अलावा दूसरे शहरों में रहने वाला निवासियों के लिए भी ऐलान संभव है.

HRA में टैक्स छूट का दायरा बढ़ाने की तैयारी

मौजूदा व्यवस्था में हाउस रेंट अलाउंस को लेकर मेट्रो और नॉन-मेट्रो शहरों के लिए नियम बनाए गए हैं. 4 मेट्रो शहरों में बेसिक-DA मिलाकर 50% तक HRA के तहत टैक्स छूट मिलती है. वहीं, दूसरे शहरों में बेसिक-DA मिलाकर HRA में 40% छूट का प्रावधान है. अब बजट में नॉन मेट्रो शहर में रहने वाले लोगों के लिए भी HRA में छूट की सीमा 50 फीसदी तक बढ़ाई जा सकती है. इसके अलावा नॉन सैलरीड इंडिविजुअल के लिए हर साल HRA में मिलने वाली 60 हजार रुपए की छूट को भी बढ़ाया जा सकता है.

नॉन सैलरीड को मिल सकता है तोहफा

नॉन सैलरीड इंडिविजुअल के लिए HRA पर मिलने वाली टैक्स छूट की लिमिट 60 हजार रुपए है. इसे बजट में बढ़ाया जा सकता है. मौजूदा वक्त में सेक्शन 80GG के तहत नॉन सैलरीड इंडिविजुअल को हाउस रेंट अलाउंस यानि HRA में टैक्स छूट मिलती है. हर महीने की लिमिट 5000 रुपए और एक वित्त वर्ष में अधिकतम 60 हजार रुपए है. इस लिमिट को बढ़ाने पर विचार किया जा सकता है.

HRA में कैसे मिलती है Income Tax deduction?

HRA पर टैक्स छूट (Income Tax) क्लेम करने की शर्त है कि टैक्सपेयर किसी किराए के घर में रहता हो. इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 10 (13A) के तहत HRA (House rent allowance) से टैक्‍स छूट क्लेम की जा सकती है. कुल टैक्सेबल इनकम में HRA को कुल आय से घटाकर कैलकुलेशन की जाती है.