नौकरीपेशा खास तौर से रिटायर होने जा रहे लोगों को मोदी सरकार ने खुशखबरी दी है. पीयूष गोयल ने अपने बजट भाषण में कहा कि ग्रैच्‍युटी की सीमा 10 लाख रुपये से बढ़ा कर 30 लाख रुपये करने का प्रस्‍ताव किया गया है.

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क्‍या है ग्रेच्‍युटी

ग्रेच्‍युटी एक कर्मचारियों को मिलने वाला एक पूर्व-परिभाषित लाभ है. इसका मतलब है कि ग्रेच्‍युटी का भुगतान एक निर्धारित फॉर्मूले के तहत गारंटीड तौर पर मिलेगा अगर कर्मचारी नौकरी की कुछ शर्तों को पूरी करता है. मौजूदा कानून के अनुसार, किसी भी संस्‍थान को अपने कर्मचारी को ग्रेच्‍युटी का भुगतान करना होगा अगर वह लगातार 5 साल तक अपनी सेवाएं देता है.

कितनी मिलती है ग्रैच्‍युटी?

ग्रैच्युटी के तौर पर 1 साल की सर्विस के लिए 30 दिन की सैलरी देने का प्रस्‍ताव था. बता दें कि संस्थान में 5 साल पूरे करने पर ग्रैच्युटी मिलती है. 5 साल तक एक संस्थान में रहने के बाद कर्मचारी ग्रैच्युटी के हकदार होते हैं. सरकार के इस फैसले से करोड़ों कर्मचारियों को फायदा होगा.