Aadhaar Update: आधार यूजर्स की सिक्योरिटी को लेकर भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) लगातार काम कर रही है. UIDAI ने आधार वेरिफिकेशन को लेकर यूनिट को कहा है कि वेरिफिकेशन से पहले संबंधित लोगों को पूरी बात समझाकर उनसे सहमति लेना आवश्यक होगा. यह सहमति कागज पर लिखित में या इलेक्ट्रॉनिक रूप से लिया जा सकता है. साथ ही उनसे यह भी सुनिश्चित करने का आग्रह किया है कि जो डेटा लोगों से लिए जाएं, वे उससे अच्छी तरह से अवगत हों और साथ ही Aadhaar वेरिफिकेशन की जरूरत को भी समझें. 

UIDAI ने दिया ये निर्देश

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UIDAI ने कहा है कि सत्यापन करने वाली इकाइयों के लिये जरूरी है कि वे लोगों को पूरी बात बताकर उनसे आधार सत्यापन को लेकर सहमति लें. प्राधिकरण के अनुसार जो सहमति ली जाए, उसके दस्तावेज और सत्यापन से जुड़ी चीजें नियमन के तहत निर्धारित सीमा तक ही रखी जाए. 

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UIDAI ने विज्ञप्ति में कहा कि और उक्त समयावधि की समाप्ति के बाद जो चीजें हटाने की जरूरत है, उन्हें अधिनियम के अनुसार किया जाए. UIDAI ने यह भी कहा कि सत्यापन करने वाली इकाइयों को लोगों के प्रति विनम्र होना चाहिए और उन्हें संबंधित लोगों को आधार संख्या की सुरक्षा और गोपनीयता के बारे में आश्वस्त करना चाहिए.

UIDAI ने इकाइयों से यह भी कहा कि वे आधार संख्या का भंडारण तभी करें जब वे उसके लिये अधिकृत हैं. और अगर उन्हें यह करना है, तो वे निर्धारित नियमों के अनुसार करें.

QR कोड से करें Aadhaar को वेरिफाई

भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) ने आधार यूजर्स की बेहतर सुरक्षा के लिए ऑफलाइन वेरिफिकेशन चाहने वाली संस्थाओं को एक नई गाइडलाइंस जारी किया है. इन गाइडलाइंस में Aadhaar यूजर्स को इसके गैर जरूरी इस्तेमाल से बचने की सलाह दी गई है. वहीं Aadhaar वेरिफिकेशन करने वाली संस्थाओं को भी फिकिजल कॉपी की जगह QR कोड से इसे वेरिफाई करने की सलाह दी है. UIDAI ने स्वेच्छा से Aadhaar का इस्तेमाल करने वाले लोगों में इसे लेकर विश्वास बढ़ाने के तरीकों को भी बताया है. 

UIDAI ने कहा कि Aadhaar Card Holders की स्पष्ट सहमति के बाद ही संस्थाओं को Aadhaar वेरिफिकेशन करना चाहिए. वहीं आधार कार्ड होल्डर्स को लेकर संस्थाओं और विनम्र होना चाहिए और ऑफलाइन वेरिफिकेशन करते समय उन्हें Aadhaar की सिक्योरिटी और प्राइवेसी को लेकर भी आश्वस्त करना चाहिए.

Aadhaar ऑफलाइन वेरिफिकेशन को लेकर दिया ये निर्देश

UIDAI ने संस्थाओं को यह सुनिश्चित करने को कहा है कि किसी भी निवासी द्वारा ऑफलाइन वेरिफिकेशन से इंकार करने पर या असमर्थ होने पर कोई भी सेवा देने से इंकार नहीं किया जा सकता है. बशर्ते निवासी किसी अन्य ऑप्शन के माध्यम से स्वयं को प्रमाणित कर सके. 

72 घंटे के अंदर दें फ्रॉड की जानकारी

UIDAI ने कहा कि Aadhaar डॉक्यूमेंट्स की छेड़छाड़ ऑफलाइन वेरिफिकेशन द्वारा पता लगाया जा सकता है और Aadhaar के साथ छेड़छाड़ एक दंडनीय अपराथ है और Aadhaar अधिनियम की धारा 35 के तहत इसमें सजा हो सकती है. यदि संस्थाओं को किसी भी तरह के फ्रॉड की जानकारी मिलती है, तो उन्हें UIDAI और निवासी को इसके बारे में 72 घंटे के अंदर सूचित करना होता है. ऐसे किसी भी मामले में उन्हें Aadhaar होल्डर को पूरी सहायता देने का निर्देश दिया गया है.