केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनर्स (Central Government employees Pensioners) के लिए खुशखबरी है. अगले साल उनकी सैलरी में कई बड़े बदलाव देखने को मिल सकते हैं. नए साल में नए सिरे से महंगाई भत्ता बढ़ेगा, वहीं सरकार अगले वेतन आयोग पर भी कोई अपडेट दे सकती है. लेकिन, सबसे अच्छी खबर फिटमेंट फैक्टर पर मिल सकती है. पहले बात महंगाई भत्ते (Dearness allowance) पर करते हैं. AICPI इंडेक्स के अब तक आ चुके आंकड़ों से इशारा मिल रहा है कि अगली बार भी 4-5 फीसदी की तेजी देखने को मिल सकती है. इससे हाई सैलरी ब्रैकेट वाले कर्मचारियों को 20 हजार रुपए से ज्यादा का इजाफा होगा. इससे सीधा फायदा 1 करोड़ से ज्यादा कर्मचारी और पेंशनर्स को मिलेगा.

50 फीसदी के पार निकलेगा महंगाई भत्ता

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46 फीसदी महंगाई भत्ता और महंगाई राहत मिलने के बाद केंद्र की मोदी सरकार (Modi Government) नए साल जनवरी 2024 में केंद्रीय कर्मचारियों का महंगाई भत्ता 4-5 फीसदी बढ़ा सकती है. AICPI इंडेक्स सितंबर तक के आंकड़े जारी हो चुके हैं. अब तक महंगाई भत्ता 2.50 फीसदी बढ़ चुका है. फिलहाल डीए स्कोर 48.54 फीसदी पर है. अनुमान सही रहे तो महंगाई भत्ता 51 फीसदी पहुंच सकता है.

8000 रुपए बढ़ जाएगी न्यूनतम सैलरी

फिटमैंट फैक्टर में भी इजाफा होने की चर्चाएं हैं. अगर ऐसा हुआ केंद्र सरकार के कर्मचारियों की सैलरी में बड़ा उछाल देखने को मिलेगा. 7th Pay Commission के तहत फिटमेंट फैक्टर (Fitment factor) में इजाफे से केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी में 8,860 रुपए का इजाफा होगा. फिटमेंट फैक्टर फिलहाल 2.57 है. अगर इसे बढ़ाकर 3.68 किया जाता है तो लेवल-1 के ग्रेड-पे की न्यूनतम सीमा 26,000 रुपए पहुंच जाएगी. मतलब सीधे तौर पर सैलरी में 8000 रुपए का इजाफा होगा.

49,420 रुपए बढ़ जाएगी सैलरी

उदाहरण के तौर पर-  लेवल-1 पर ग्रेड-पे 1800 पर केंद्रीय कर्मचारी की बेसिक सैलरी 18,000 रुपए है, तो भत्तों को छोड़कर फिटमेंट फैक्टर के हिसाब से सैलरी की कैलकुलेशन 18,000 X 2.57= 46,260 रुपए होगी. अगर इसी को 3.68 मान लिया जाए तो सैलरी 26,000X3.68= 95,680 रुपए होगी. मतलब कर्मचारियों की सैलरी में कुल अंतर 49,420 रुपए का होगा. ये कैलकुलेशन न्यूनतम बेसिक सैलरी पर किया गया है. अधिकतम सैलरी वालों को और बड़ा फायदा मिलेगा.

क्या होता है फिटमेंट फैक्टर?

फिटमेंट फैक्टर (Fitment Factor) केंद्र सरकार के सभी कर्मचारियों का बेसिक वेतन तय करने का फॉर्मूला है. इसे 7वें वेतन आयोग (7th CPC) की सिफारिशों पर लागू किया गया था. इससे कर्मचारियों की सैलरी खुद ब खुद बढ़ जाती है. पिछली बार फिटमेंट फैक्टर 2016 में बढ़ाया गया था. तब केंद्रीय कर्मचारियों की बेसिक सैलरी 6 हजार से बढ़ाकर 18 हजार रुपए की गई थी. 7वें वेतन आयोग की सिफारिशों के मुताबिक, फिटमेंट फैक्टर 2.57 है. केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी तय करते समय, भत्तों को छोड़कर (महंगाई भत्ता (DA), यात्रा भत्ता (TA), हाउस रेंट अलाउंट (HRA) वगैरह), कर्मचारी की बेसिक कंपोनेंट को फिटमेंट फैक्टर 2.57 से गुणा करके निकाला जाता है.