7th Pay Commission की मांगों को ले कर देश भर में सरकारी कर्मचारी जहां प्रदर्शन कर रहे हैं वहीं दिल्ली सरकार असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों के लिए जल्द ही बड़ी घोषणा कर सकती है. दिल्ली सरकार न्यूनतम मजदूरी की दर में 11.1 फीसदी की वृद्धि कर सकती है. सरकार की न्यूनतम मजदूरी सलाहकार बोर्ड की बौठक 28 जनवरी को होनी है. इस बैठक में न्यूनतम मजदूरी को बढ़ाने को ले कर चर्चा की जाएगी. दिल्ली सरकार इस बैठक में न्यूनतम मजदूरी को बढ़ाने को ले कर प्रस्ताव पेश करेगी.

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28 जनवरी को न्यूनतम मजदूरी पर होगा निर्णय

दिल्ली के श्रम मंत्री गोपाल राय ने बताया कि नवम्बर में सरकार ने मूल्य संग्रह समिति का गठन किया था. इस समिति ने न्यूनतम मजदूरी को 11.1 फीसदी के करीब बढ़ाने का प्रस्ताव दिया है. इस प्रस्ताव पर 12 जनवरी तक संबंधित सभी पक्षों के सुझाव मांगे गए थे. बीते सोमवार को समिति की बैठक में इस पर चर्चा की गई. इसमें समिति को 700 सुझाव व आपत्तियां प्राप्त हुई हैं. इन पर अध्ययन किया जा रहा है. 28 जनवरी को न्यूनतम मजदूरी को बढ़ाने को ले कर अंतिम फैसला लिया जाएगा.

35 लाख श्रिमकों को मिलेगा फायदा

दिल्ली के श्रम मंत्री के अनुसार सुप्रीम कोर्ट में 31 जनवरी तक न्यूनतम मजदूरी से जुड़ी रिपोर्ट सरकार को देनी है. ऐसे में 28 जनवरी को सरकार अंतिम फैसला ले कर इस संबंध में अपनी रिपोर्ट न्यायालय में प्रस्तुत कर देगी. गौरतलब है कि यदि सरकार का ये प्रस्ताव लागू हो जाता है तो लगभग 35 लाख श्रमिकों को सरकार के इस निर्णय का लाभ मिलेगा.

सरकार ने तैयार किया है ये प्रस्ताव

सरकार की ओर से तैयार किए गए वर्तमान प्रस्ताव के तहत सरकार अकुशल श्रमिकों की न्यूनतम मजदूरी को 13350 रुपये से बढ़ा कर 14842 रुपये करना चाहती है वहीं अर्धकुशल श्रमिकों की वर्तमान मजदूरी 14698 रुपये से बढ़ा कर 16341 रुपये करना चाहती है. कुशल श्रमिकों का वेतन 16182 रुपये से बढ़ा कर 17951 रुपये किए जाने का प्रस्ताव है. इन दरों में महंगाई भत्ते को शामिल नहीं किया गया है.