7th pay commission latest news: केंद्रीय कर्मचारियों के लिए महंगाई भत्ते का इंतजार लंबा हो रहा है. आमतौर पर सरकार महंगाई भत्ते का ऐलान दशहरे के आसपास करती है. त्योहारी सीजन में DA Hike का तोहफा मिल जाता है. इस बार भी उम्मीद की जा रही है कि उनके महंगाई भत्ते का ऐलान दशहरे तक हो जाना चाहिए. हालांकि, इसे लेकर अभी तक कोई औपचारिक जानकारी नहीं मिली नहीं है. ये भत्ता साल की दूसरी छमाही के लिए बढ़ाया जाना है. इसे 1 जुलाई 2023 से लागू किया जाएगा. लेकिन, इस बीच केंद्र के दूसरे महकमों के सरकारी कर्मचारियों के लिए अच्छी खबर आई है. महंगाई भत्ते के अलावा उन्हें बोनस का भी तोहफा मिलने वाला है.

त्योहारी सीजन में मिलेगा बोनस

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भारतीय रेलवे कर्मचारियों को हर साल दिवाली के आसपास प्रोडक्टिविटी लिंक्ड बोनस (PLB) का भुगतान किया जाता है. इसमें 78 दिनों की सैलरी के बराबर बोनस मिलता है. इसमें सबसे निचले ग्रेड (ग्रुप सी और ग्रुप डी) के कर्मचारियों को इसका भुगतान होता है. न्यूनतम वेतन के आधार पर बोनस की रकम को कर्मचारियों के खाते में ट्रांसफर किया जाता है. हालांकि, इस बार रेलवे फेडरेशन ने इसमें बढ़ोतरी की मांग रखी है. लेकिन, इस पर अंतिम फैसला केंद्र सरकार को लेना है.

बोनस को लेकर क्या है फेडरेशन ने मांग?

इंडियन रेलवे एम्प्लॉई फेडरेशन (IREF) ने रेलवे को चिट्ठी लिखकर 7वें वेतन आयोग के आधार पर संशोधित बोनस देने की मांग रखी है. IREF ने डिमांड रखी है कि 1 जनवरी 2016 को 7वें वेतन आयोग (7th CPC) की सिफारिशें रेलवे में लागू की गई थीं, लेकिन कर्मचारियों का बोनस (PLB) अब भी भुगतान छठे वेतन आयोग में निर्धारित न्यूनतम वेतन की गणना के आधार पर किया जा रहा है. ऐसे में इसे संशोधित करके 7वें वेतन आयोग के तहत दिया जाना चाहिए.

किन कर्मचारियों को मिलना है बोनस?

बता दें, हर साल केंद्र सरकार की तरफ से ये बोनस कर्मचारियों को त्योहारी सीजन में मिलता है. रेल मंत्रालय प्रोडक्टिविटी बढ़ाने और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रोत्साहन के तौर में सभी नॉन गैजेटेड कर्मचारियों (ग्रुप सी और ग्रुप डी) को PLB का भुगतान करता है. इसमें कर्मचारी की 78 दिनों की सैलरी के बराबर बोनस की रकम दी जाती है. बोनस की कैलकुलेशन सबसे निचले ग्रेड (ग्रुप डी) के कर्मचारियों के न्यूनतम वेतन के आधार पर होती है.

रुपये में कितना मिलता है बोनस?

छठे वेतन आयोग में ग्रुप डी कर्मचारियों को न्यूनतम वेतन सिर्फ 7000 रुपए था. वहीं, 7वां वेतन आयोग लागू होने पर इसे बढ़ाकर 18,000 रुपए किया गया. रेलवे कर्मचारी महासंघ के मुताबिक, ग्रुप सी और ग्रुप डी के सभी कर्मचारियों को बोनस के तौर पर सिर्फ 17,951 रुपए मिलते हैं. इसकी कैलकुलेशन भी छठे वेतन आयोग के न्यूनतम वेतन 7000 रुपए के आधार पर होती है. रेलवे कर्मचारी महासंघ की डिमांड है कि 7वें वेतन आयोग (7th Pay Commission) की सिफारिशों के तहत न्यूनतम वेतन को बढ़ाकर उसे आधार मानते हुए बोन की रकम बढ़ाकर 46,159 रुपए करनी चाहिए. इसके लिए रेल मंत्रालय को अनुरोध किया गया है.

मौजूद स्थिति में सरकारी खजाने पर कितना बोझ?

रेलवे कर्मचारियों को 78 दिनों के बराबर रकम को बोनस के तौर पर भुगतान करने से सरकारी खजाने पर 1832 करोड़ रुपए से ज्यादा बोझ पड़ने का अनुमान होता है. ये वित्तीय बोझ तब है, जब PLB की कैलकुलेशन छठे वेतन आयोग के निर्धारित न्यूनतम वेतन 7,000 रुपए पर की जाती है.

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