पांच राज्यों में चुनाव खत्म होते ही केंद्रीय कर्मियों की मांगों पर जल्द ही किसी बड़े फैसले की उम्मीद की जा रही है. दरअसल इन चुनावों के चलते आचार संहिता लागू होने और सरकार के इन चुनावों में व्यस्त होने के चलते केंद्रीय कर्मियों को इस दौरान कोई बड़ा निर्णय नहीं हो सका लेकिन अब पांच राज्यों में खत्म आचार हट चुकी है और अगले कुछ महीनों तक देश में कोई चुनाव नहीं है. वहीं लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार सरकारी कर्मचारियों की मांगों पर विचार कर सकती है. वहीं केंद्रीय कर्मियों को भी अपनी मांगों को जल्द पूरा होने को ले कर उम्मीदें काफी बढ़ गई हैं.

COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

सरकारी कर्मियों के प्रमोशन के बदलेंगे नियम

केंद्र सरकार अपने केंद्रीय कर्मचारियों को जल्‍द अच्‍छी सौगात दे सकती है. 1 अप्रैल 2019 से कर्मचारियों के प्रमोशन का तरीका आसान व सरल बनाया जा सकता है. इससे न सिर्फ कर्मचारियों की प्रमोशन में पक्षपात होने की शिकायत खत्‍म होगी बल्कि उन्‍हें जल्‍दी और पारदर्शी प्रमोशन भी मिलेगा. प्रमोशन नियम में बदलाव 7वें वेतन आयोग की सिफारिशों के तहत होगा. इसमें कर्मचारी के प्रदर्शन के साथ-साथ पब्लिक फीडबैक और रेटिंग को तरजीह दी जाएगी.

पब्लिक फीडबैक पर होगी ग्रेडिंग

पब्लिक फीडबैक का मतलब है जो कर्मचारी पब्लिक डोमेन (यानि नगर निगम, डेवलपमेंट अथॉरिटी, ट्रेजरी, बिजली दफ्तर, स्‍कूल-कॉलेज, रजिस्‍ट्रार आदि दफ्तरों के कर्मचारी) में काम करते हैं उनसे जनता से आए दिन साबका पड़ता है. इसमें जनता के प्रति उनका व्‍यवहार कैसा है, वह किसी भी समस्‍या को कितनी जल्‍दी निपटाते हैं, इस आधार पर जनता का फीडबैक लिया जाएगा और ग्रेडिंग होगी. सूत्रों की मानें तो केंद्र सरकार के डिपार्टमेंट ऑफ पर्सनल एंड ट्रेनिंग ने ग्रेडिंग सिस्‍टम तैयार कर लिया है और इस संबंध में प्रस्‍ताव केंद्र सरकार के पास भेजा है. प्रस्‍ताव की खास बात है कि प्रमोशन में करीब 80% वेटेज पब्लिक फीडबैक को दिया जाएगा.

पुरानी पेंशन पर हो सकता है निर्णय

सरकारी कर्मचारियों की मांग है कि सरकार उनकी मांगें जैसे पुरानी पेंशन व 7 वेंतन आयोग के तहत भत्ते दिए जाने की मांगों पर जल्द ही निर्णय ले कर कोई बड़ी घोषणा कर सकती है. वहीं फिटमेंट फेक्टर में भी सुधार किए जाने की उम्मीद की जा रही है.

लोकसभा चुनाव के पहले हो सकती है महत्पूर्ण घोषणा

लोकसभा चुनाव के पहले कुछ ऐसी परमपरा रही है कोई भी सरकार सरकारी कर्मचारियों के हित में अच्छे फैसले लेती है. ऐसे में कई कर्मचारी संगठन उम्मीद लगा रहे हैं कि केंद्र सरकार जल्द ही सरकार कर्मचारियों की मांगों पर गंभीरता से विचार करते हुए कुछ बड़ी घोषणाएं कर सकती है.

विधानसभा चुनाव परिणामों का पड़ेगा असर

पांच राज्यों में हुए चुनावों में आए परिणामों से स्पष्ट है कि सरकारी कर्मचारियों व व्यापारियों ने वर्तमान सरकार का समर्थन न कर के नए दल को मौका दिया. ऐसे में केंद्र सरकार कर्मचारियों के इस गुस्से को समझते हुए उन्हें मनाने के लिए उनकी मांगों पर विचार कर सकती है.

ये हैं कर्मचारियों की प्रमुख मांगें

  •     न्यूनतम वेतन को 18000 हजार से बढ़ा कर 26000 किया जाए
  •     फिटमेंट फार्मूला 2.57 से बढ़ा कर 3.7 कर दिया जाए
  •     नई पेंशन स्कीम को खत्म कर पुरानी पेंशन स्कीम को बहाल किया जाए
  •     ट्रैकमेनों के लिए एलडीसी ओपन कराया जाए
  •     सुपरवाजरों को ग्रेड पे 4600 से बढ़ा कर 4800 किया जाए
  •     संरक्षा श्रेणी के सभी कर्मचारियों को रिस्क एवं हार्डशिप एलाउंस दिया जाए
  •     संरक्षा श्रेणी में खाली 1.30 लाख खाली पदों को तुरंत भरा जाए
  •     रनिंग स्टॉफ के किलोमीटर अलाउंस की दरों को सातवें वेतन आयोग के तहत दिया जाए