हर किसी के लिए टर्म इंश्योरेंस (Term Insurance) लेना बहुत जरूरी होता है. जिंदगी में अगर कोई अनहोनी हो जाए तो उस स्थिति में टर्म इंश्योरेंस की वजह से ही आपका परिवार आर्थिक संकट से बच सकता है. हालांकि, टर्म इंश्योरेंस लेते वक्त अगर आप जल्दबाजी करेंगे या इसे पूरी तरह से समझे बिना ही टर्म इंश्योरेंस (Insurance) लेने की सोचेंगे तो आपको बड़ा नुकसान झेलना पड़ सकता है. आइए जानते हैं टर्म इंश्योरेंस लेते वक्त किन बातों का रखना चाहिए ध्यान.

1- अपना फॉर्म खुद भरें

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अक्सर लोग अपना टर्म इंश्योरेंस का फॉर्म किसी एजेंट से भरवाते हैं, लेकिन आपको ऐसा नहीं करना चाहिए. आपको फॉर्म को अच्छे से पढ़ना चाहिए और बिल्कुल सही जानकारी ही मुहैया करानी चाहिए. अगर आप एजेंट से फॉर्म भरवाते हैं तो वह अपने फायदे के चक्कर में पड़कर आधी-अधूरी जानकारी दे सकता है, जिससे आपको बाद में दिक्कत हो सकती है और आपका क्लेम तक रिजेक्ट हो सकता है.

2- अपने नॉमिनी को पॉलिसी के बारे में बताएं

अक्सर टर्म इंश्योरेंस पॉलिसी लेने वाले लोग एक बड़ी गलती करते हैं कि वह अपने नॉमिनी को इसके बारे में नहीं बताते हैं. पॉलिसी लेते ही अपने नॉमिनी को ये पता देना चाहिए कि आपने अपने नाम पर पॉलिसी ली है. नॉमिनी को पॉलिसी के बारे में सारी जानकारी देनी चाहिए, ताकि अगर कोई अनहोनी हो जाती है तो आपके नॉमिनी को क्लेम प्रोसेस करने में दिक्कत का सामना ना करना पड़े.

3- लोन और खर्चों को रखें ध्यान

जब आप टर्म इंश्योरेंस ले रहे हों तो यूं ही बिना सोचे-समझे किसी भी अमाउंट का टर्म इंश्योरेंस ना लें. उस वक्त आपको ये भी सोचना चाहिए कि आप पर कितना लोन है, कोई होम लोन या कार लोन तो नहीं है, आपके ना होने पर भविष्य में क्या खर्चे हो सकते हैं, सब कुछ सोचकर ही आपको टर्म लोन लेना चाहिए. अगर ऐसा नहीं होगा तो आपके ना होने पर आपका परिवार पैसों की किल्लत से जूझेगा.

4- राइडर्स लेना ना भूलें

बहुत सारे लोग इंश्योरेंस राइडर्स की अहमियत नहीं समझते हैं. टर्म इंश्योरेंस में राइडर्स जोड़ देने से आपको कुछ अतिरिक्त फायदे मिलते हैं. आप क्रिटिकल इलनेस या एक्सिडेंटल डेथ जैसे राइडर जोड़ सकते हैं. आप अपनी जरूरत के हिसाब से राइडर देख सकते हैं और उसे अपनी पॉलिसी में जोड़ सकते हैं.

5- सिर्फ क्लेम सेटलमेंट रेश्यो ना देखें

जब आप किसी कंपनी से टर्म इंश्योरेंस खरीदें, उस वक्त सिर्फ क्लेम सेटलमेंट रेश्यो ना देखें. आपको कंपनी की रेप्युटेशन, ग्राहक सर्विस और क्लेम एक्सपीरियंस के बारे में भी देखना चाहिए. जरूरी नहीं कि जिस कंपनी का क्लेम सेटलमेंट रेश्यो ज्यादा हो, वह कंपनी भी अच्छी हो.

6- टर्म इंश्योरेंस लेने में देरी ना करें

टर्म इंश्योरेंस के मामले में आपको सबसे जरूरी ये समझना होता है कि इसमें देरी नहीं करनी चाहिए. आप जितनी कम उम्र में टर्म इंश्योरेंस लेते हैं, आपको उतना ही कम प्रीमियम देना होगा. इसमें एक अच्छी बात ये है कि यह प्रीमियम कभी बढ़ेगा नहीं, हमेशा एक जैसा ही रहेगा. 

7- कितनी उम्र तक के लिए लें टर्म इंश्योरेंस?

टर्म इंश्योरेंस लेते वक्त खुद से एक सवाल ये जरूर पूछें कि आपको कितनी उम्र तक के लिए टर्म इंश्योरेंस लेना है. यह भी समझें कि आप टर्म इंश्योरेंस क्यों ले रहे हैं? अगर आप टर्म इंश्योरेंस 80-85 साल तक के लिए लेते हैं तो आपको अधिक प्रीमियम चुकाना पड़ सकता है. वहीं अगर आप 60-70 साल के लिए टर्म इंश्योरेंस लेते हैं तो आपको कम प्रीमियम चुकाना होगा. ज्यादा उम्र तक के लिए टर्म इंश्योरेंस लेने का कोई फायदा नहीं है, क्योंकि आपको सिर्फ उतने वक्त तक के लिए परिवार को सुरक्षा देनी है, जब तक कि वह खुद अपने पैरों पर खड़ें ना हो जाएं.