प्रोविडेंट फंड यानी पीएफ का पैसे नौकरीपेशा लोगों के लिए बहुत मायने रखता है. यह सिर्फ उनकी बचत ही नहीं, बल्कि रिटायरमेंट के लिए मिलने वाली एक पूंजी है. पीएफ से जुड़े तमाम ऐसे फायदे हैं जिनकी जानकारी शायद नौकरीपेशा लोगों को कम ही होती है. इन फायदों को जानना बहुत जरूरी है, क्योंकि पीएफ पर ये फायदे बिल्कुल मुफ्त में मिलते हैं. आइये जानते हैं कौन से हैं ये फायदे...

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पीएफ पर फ्री इंश्योरेंस

पीएफ खाता खुलते ही आपको बाई डिफॉल्ट बीमा भी मिल जाता है. EDLI योजना के तहत आपके पीएफ खाते पर 6 लाख रुपए तक का इंश्योरेंस मिलता है. यह योजना है Employees Deposit Linked Insurance (EDLI).

यूएएन का फायदा

आधार से लिंक अपने यूएएन नंबर के जरिए आप अपने सभी पीएफ खातों को लिंक कर सकते हैं. नौकरी बदलने पर पीएफ का पैसा ट्रांसफर करना अब पहले की तुलना में काफी आसान हो गया है.

निष्क्रिय खातों पर ब्याज

पीएफधारकों को निष्क्रिय पड़े खातों पर भी ब्याज मिलता है. यानी अगर आपका पीएफ खाता 3 साल से अधिक समय से निष्क्रिय है तो भी आपको इतना ब्‍याज मिलता रहेगा. 2016 में ईपीएफओ ने अपने पुराने फैसले को बदल दिया था. इससे पहले 3 साल से अधिक समय तक निष्क्रिय रहने पर पीएफ के पैसे पर आपको ब्‍याज मिलना बंद हो जाता था. हालांकि, फाइनेंशियल एक्‍सपर्ट का मानना है कि भले ही आपको निष्क्रिय खातों पर भी ब्याज मिल रहा है, लेकिन इन्हें सक्रिय पीएफ खाते में ट्रांसफर करवा लेना चाहिए या निकाल लेना चाहिए. मौजूदा नियमों के मुताबिक, पांच साल से अधिक समय खाते के लगातार निष्क्रिय रहने पर इससे पैसे निकालने पर टैक्स देना होगा.

आसानी से निकलेगा पैसा

पीएफ से पैसा निकालना भी अब पहले की तुलना में काफी आसान हो गया है. खास परिस्थितियों में आप आसानी से तय सीमा तक रकम निकाल सकते हैं. मकान खरीदने, बनाने, मकान की रीपेमेंट, बीमारी, उच्च शिक्षा, शादी आदि के लिए पैसे की जरूरत होती है. ऐसी जरूरतों के लिए आप अपनी जमा राशि की 90 फीसदी तक रकम निकाल सकते हैं.

ऑटो ट्रांसफर की सुविधा

नई नौकरी ज्‍वाइन करने पर ईपीएफ के पैसे को क्लेम करने के लिए अलग से फॉर्म-13 भरने की अब जरूरत नहीं रह गई है. ईपीएफओ ने एक नया फॉर्म 11 पेश किया है, जो फॉर्म 13 की जगह पर यूज होता है. यह ऑटो ट्रांसफर के सभी मामलों में इस्तेमाल होता है.

पैसा लौटाएगी सरकार

आपको शायद पता नहीं हो, सरकार के पास इस समय लगभग 43,000 करोड़ रुपए अनक्‍लेम्‍ड पीएफ मनी हैं. पहले केंद्र सरकार द्वारा इस रकम का उपयोग सरकारी कल्‍याणकारी योजनाओं की फंडिंग के लिए करने करने की चर्चा थी, लेकिन विरोध होने पर अब ब्‍याज के साथ यह रकम उन लोगों को लौटाई जाएगी, जो इसके असली हकदार हैं. ऐसे में अगर आपकी भी कोई पुरानी रकम ईपीएफओ के पास अनक्‍लेम्‍ड पड़ी हो तो अब आपको ब्‍याज के साथ यह रकम मिलेगी, लेकिन इसके लिए आपको भी थोड़ा चुस्‍त होना पड़ेगा.

पेंशन का भी फायदा

ट्रस्ट ने ईपीएफओ योजनाओं के तहत कवरेज के लिए कर्मचारी संख्या सीमा को मौजूदा 20 से घटाकर 10 करने का भी फैसला किया है. इससे ईपीएफओ अंशधारकों की संख्या 9 करोड़ तक हो जाएगी. ईपीएफ एक्‍ट के तहत कर्मचारी की बेसिक सैलरी प्‍लस डीए का 12 फीसदी पीएफ अकाउंट में जाता है. वहीं, कंपनी भी कर्मचारी की बेसिक सैलरी प्‍लस डीए का 12 फीसदी कंट्रीब्‍यूट करती है. कंपनी के 12 फीसदी कंट्रीब्‍यूशन में से 3.67 फीसदी कर्मचारी के पीएफ अकाउंट में जाता और बाकी 8.33 फीसदी कर्मचारी पेंशन स्‍कीम में जाता है.