अगर आप सरकारी नौकरी की तैयारी कर रहे हैं या सरकारी नौकरी करने का सपना है, तो जल्द ही पूरा होने वाला है. क्योंकि सरकार जल्द ही सरकारी कंपनियों में खाली पदों के लिए भर्ती निकालने वाली है. इसके लिए सरकार ने PSU यानी सार्वजनिक क्षेत्र के सभी उपक्रमों में खाली पदों की डानकारी मांगी है. साथ ही भर्ती प्रक्रिया के लिए एक फ्रेमवर्क तैयार करने को भी कहा है. 

एंट्री लेवल से लेकर सीनियर लेवल तक होगी भर्ती

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सरकार एंट्री लेवल के साथ-साथ सीनियर लेवल पर खाली पदों की भी भर्ती करेगी. दरअसल, सरकार की तरफ से यह कदम विपक्षी दलों की तरफ से देश में बढ़ती बेरोजगारी पर जताए जा रहे विरोध के बीच उठाया गया है. इसकी जानकारी एक पीएसयू अधिकारी ने एजेंसी को दी. इसमें अधिकारी ने कहा कि इस साल दिसंबर तक चिन्हित की जाने वाली ए़ंट्री लेवल की भर्तियों को अगले साल अगस्त-सितंबर तक भरे जाने का प्रस्ताव रखा गया है.

मुनाफे में हैं सरकारी कंपनियां

आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक FY21 के अंत में 255 केंद्रीय सार्वजनिक उद्यम (CPSA) काम कर रहे थे. इनमें से 177 CPSE मुनाफे में चल रहे थे. इन कंपनियों ने FY21 के दौरान कुल 1.89 लाख करोड़ रुपये का प्रॉफिट कमाया था.

सरकारी बैंकों में भर्ती प्रक्रिया शुरू

वित्त मंत्रालय ने पिछले महीने इन संस्थाओं में रोजगार की स्थिति और उनकी मासिक भर्ती योजना की समीक्षा करने के लिएपब्लिक सेक्टर के बैंकों और वित्तीय संस्थानों के प्रमुखों के साथ एक बैठक की थी. कई सरकारी बैंकों ने भर्ती की प्रक्रिया शुरू भी कर दी है. देश के सबसे बड़े बैंक SBI ने हाल ही में 1,673 प्रशिक्षु अधिकारियों (PO) की भर्ती के लिए विज्ञापन जारी किए.

भर्ती प्रक्रिया में समय लगता है

उन्होंने कहा कि सरकारी संस्थानों में खाली पदों को भरने में समय लगता है. भर्तियां पारदर्शी तरीके से दिशानिर्देशों का पालन करते हुए की जाती हैं. साथ ही पात्रता मानदंड तय करने वाले विज्ञापनों के आधार पर एग्जाम और इंटरव्यू आयोजित किए जाते हैं. देश भर के उम्मीदवारों के भर्ती प्रक्रिया में भाग लेने से इसके प्रत्येक चरण में समय लगता है.

भर्तियों के लिए मिशन मोड में काम करना होगा

सरकारी बैंकों के कर्मचारियों की संख्या FY13 में 8.86 लाख पर पहुंच गई थी, लेकिन  साल 2020-21 तक यह संख्या घटकर 7.80 लाख रह गई. ऐसे में रोजगारी को लेकर विपक्ष के हमलावर तेवरों को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसी साल जून में विभिन्न सरकारी संस्थानों एवं मंत्रालयों से कहा था कि उन्हें अगले डेढ़ साल में 10 लाख भर्तियां करने के लिए 'मिशन मोड' में काम करना होगा.