7th Pay Commission की विसंगतियों को दूर करने व वेतन आयोग की सिफारिशों के तहत रेल कर्मियों को भत्ते दिए जाने सहित अन्य मांगों पर रेलवे प्रशासन की ओर से रेल कर्मियों से बातचीत का  प्रस्ताव दिया गया है. रेल कर्मियों की मांगों को ले कर ऑल इंडिया रेलवे मेंस फेडरेशन के जनरल सेक्रेट्री शिव गोपाल मिश्रा व एआईआरएफ के अध्यक्ष 20 नवम्बर को रेलवे के मेम्बर स्टॉफ के सामने रेल कर्मियों का पक्ष रखेंगे. उम्मीद की जा रही है कि रेल कर्मियों की कुछ मांगों को ले कर यहां सहमित बन सकती है.

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मांगों को प्रमुखता से उठाने के लिए रेल कर्मियों ने की तैयारी  

रेल कर्मियों के संगठन नॉर्दन रेलवे मेन्स यूनियन का 70 वां वार्षिक सम्मेलन 15 से 17 नवम्बर के बीच लखनऊ में आयोजित किया जा रहा है. इस कार्यक्रम में प्रमुख रूप से 7वें वेतन आयोग के तहत न्यूनतम वेतन में वृद्धि, वेतन निर्धारण फार्मूले में सुधार एवं पुरानी पेंशन स्कीम को ले कर प्रमुख रूप से चर्चा की जाएगी. वहीं इन मांगों को ले कर दिसम्बर महीने में वर्क टू रूल नियमों के प्रति कर्मियों को जागरूक करने की रणनीति पर भी चर्चा होगी.

वर्क टू रूल के तहत काम करने का दिया गया है नोटिस

नार्दन रेलवे मेन्स यूनियन के दिल्ली मंडल के सचिव अनूप शर्मा ने बताया कि इस वार्षिक सम्मेलन में पूरे उत्तर भारत से रेल कर्मी पहुंच रहे हैं. साथ ही इस कार्यक्रम में रेल मंत्री पीयूष गोयल को भी आमंत्रित किया गया है. इस मौके पर उनके सामने भी रेल कर्मियों की ओर से 7वें वेतन आयोग की विसंगतियों को दूर करने, न्यूनतम वेतन में वृद्धि व पुरानी पेंशन व्यवस्था को लागू करने की मांगों को प्रमुखता से रखा जाएगा. प्रशासन को मांग न माने जाने पर वर्क टू रूल के तहत काम करने का नोटिस दिया जा चुका है. यदि सरकार जल्द इस निर्णय नहीं लेती है तो दिसम्बर से वर्क टू रेल नियमों के तहत काम करने की तैयारी के बारे में भी लोगों को जागरूक किया जाएगा.

रेल कर्मियों की ये हैं कुछ प्रमुख मांगें

रनिंग कर्मचारियों के रनिंग एलाउंस व अन्य भत्तों को 7 वें सेतन आयोग के तहत दिया जाए. वहीं अब तक के भत्तों का एरियर जल्द से जल्द दिया जाए.

गुड्स गार्ड, सहायक लोको पायलट, लोको पायलट व गार्ड को अतिरिक्त भत्ते देते हुए उनके वेतनमान में सुधार किया जाए. साथ ही रेलवे गार्ड के पदनाम में जल्द से जल्द परिवर्तन किया जाए.

तकनीशियन ग्रेड 2 को तकनीशियन ग्रेड 1 के साथ समाहित कर उच्च वेतनमान दिया जाए. ग्रुप सी के शीर्ष कर्मचारियों को ग्रुप बी का दर्जा दिया जाए. 4600 ग्रेड पे वाले कर्मियों के वेतन में सुधार कर उन्हें 4800 ग्रेड पे दिया जाए.

जिन श्रेणियों में कैडर रीस्ट्रैचर नहीं हुए हैं उनमें जल्द से जल्द कैडर की रीस्ट्रक्चरिंग की जाए.

रेलवे कॉलोनियों की दुर्दशा को जल्द ठीक किया जाए.