करीब 2 साल से सातवें वेतन आयोग की सिफारिशें लागू होने का इंतजार कर रहे केंद्रीय कर्मचारियों को बड़ी राहत मिलने जा रही है. सरकार ने केंद्रीय कर्मचारियों को वेतन देने की प्लानिंग शुरू कर दी है. पिछले हफ्ते ही केंद्र सरकार ने शौक्षणिक संस्थानों के शिक्षक को सातवें वेतन आयोग का लाभ दिया था. अब 26 जनवरी को पीएम मोदी केंद्र के सभी कर्मचारियों को बड़ा तोहफा देने का ऐलान कर सकते हैं. उम्मीद की जा रही है कि चुनाव से पहले सरकार सभी लंबित मामलों को सुलझाना चाहती है. हालांकि, सैलरी में कितना इजाफा होगा यह साफ नहीं है. लेकिन, उम्मीद की जा रही है कि केंद्रीय कर्मचारियों का लंबा इंतजार खत्म हो गया है.

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केंद्रीय कर्मचारियों को मिलेगा तोहफा

वित्त मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने जी बिजनेस डिजिटल को बताया कि केंद्रीय कर्मचारियों के लिए प्रस्ताव तैयार किया जा चुका है. सरकार ने चरणबद्ध तरीके से सातवें वेतन आयोग को लागू करेगी. केंद्रीय कर्मचारियों को इंतजार है कि उनके लिए ऐलान कब होगा. ऐसे में अब सभी विभागों के केंद्रीय कर्मचारियों को इसी हफ्ते के अंत तक वेतन बढ़ोतरी का तोहफा मिल सकता है. सूत्रों की मानें तो केंद्रीय कर्मचारियों को वेतन वृद्धि का ऐलान 26 जनवरी को किया जा सकता है. वित्त मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी का दावा है कि सरकार फिटमेंट फैक्‍टर में बढ़ोतरी करेगी. इससे केंद्रीय कर्मचारियों की बेसिक पे 3000 रुपए तक बढ़ सकती है. 

बढ़ाया जा सकता है फिटमेंट फैक्टर

फिटमेंट फैक्‍टर 2.57 गुना से बढ़ाकर 3 गुना किया जा सकता है. अगर सरकार फिटमेंट फैक्‍टर को 3 गुना करती है तो कर्मचारियों की बेसिक पे 18000 रुपए से बढ़कर 21000 रुपए हो जाएगी. 7वें वेतन आयोग ने केंद्रीय कर्मचारियों का न्यूनतम वेतन 18 हजार रुपए करने की सिफारिश की थी. हालांकि, कर्मचारी इसे बढ़ाकर 26 हजार रुपए करने की मांग कर रहे हैं. साथ ही उनकी डिमांड है कि फिटमेंट फैक्टर को बढ़ाकर 3.68 गुना किया जाए.

एरियर का फायदा नहीं

हालांकि, सूत्र बताते हैं कि सरकार अपने स्थितियों को देखते हुए सातवें वेतन आयोग की सिफारिशें तो लागू कर देगी. लेकिन, सैलरी और फिटमेंट फैक्टर के अलावा एरियर को नहीं बढ़ाया जाएगा. एरियर बढ़ाने से सरकार पर अतिरिक्त बोझ पड़ेगा. वित्तीय सलाहकारों ने भी सरकार को एरियर नहीं बढ़ाने की सलाह दी है.

2016 में वेतन में हुई थी बढ़ोतरी

वेतन आयोग ने वेतन-भत्तों तथा पेंशन में में 23.55 प्रतिशत वृद्धि की सिफारिश की थी. इससे सरकारी खजाने पर 1.02 लाख करोड़ रुपए या जीडीपी का करीब 0.7 प्रतिशत का बोझ पड़ेगा. समिति ने मूल वेतन में 14.27 प्रतिशत वृद्धि की सिफारिश की है जो 70 साल में सबसे कम है. इससे पहले, छठे वेतन आयोग ने 20 प्रतिशत वृद्धि की सिफारिश की थी जिसे सरकार ने 2008 में क्रियान्वयन के समय दोगुना कर दिया था. कुल 23.55 प्रतिशत वृद्धि में भत्तों में बढ़ोतरी भी शामिल है.