आर्थिक आरक्षण के आधार पर सवर्णों को तोहफा देने वाली मोदी सरकार का अगला लक्ष्य अब सरकारी कर्मचारी हैं. दरअसल, सरकारी कर्मचारी पिछले 2 साल से सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के लागू होने का इंतजार कर रहे हैं. अब सवर्णों के बाद केंद्रीय कर्मचारियों को बड़ा तोहफा मिलने वाला है. सूत्रों के अनुसार, सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों पर अगली कैबिनेट बैठक में विचार हो सकता है. सरकार केंद्रीय कर्मचारियों का फिटमेंट फैक्टर बढ़ा सकती है. ऐसे में सरकारी कर्मचारियों का न्यूनतम वेतन 18 हजार से बढ़कर 21 हजार हो सकता है.

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जल्द हो सकता है ऐलान

वित्त मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने जी बिजनेस हिंदी डॉट कॉम के विशेष संवाददाता शुभम् शुक्ला को नाम न छापने की शर्त पर बताया कि सरकार केंद्रीय कर्मचारियों को आर्थिक रूप से मजबूत करना चाहती है. खुद पीएम मोदी भी इस बात को स्वीकार चुके हैं कि कर्मचारियों की सैलरी समय के अनुकूल नहीं बढ़ी है. अब सरकार उन्हें सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों से ज्यादा सैलरी दे सकती है. सिफारिशों के मुताबिक, न्यूतनम वेतन 18000 रुपए किया जाना है. हालांकि, सरकार फिटमेंट फैक्टर को बढ़ाकर न्यूनतम वेतन 21 हजार रुपए कर सकती है.

बढ़ सकता है फिटमेंट फैक्टर

सूत्रों की मानें तो फिटमेंट फैक्टर को 2.57 गुना से बढ़ाकर 3 गुना किया जा सकता है. कर्मचारियों को इसका सीधा फायदा मिलेगा और उनकी न्यूनतम सैलरी को 18,000 रुपए महीने बढ़ाने के बजाय 21,000 रुपए हो जाएगी. फिटमेंट फेक्टर को भी 2.57 गुना से बढ़ाकर 3.68 गुना कर दिया जाए.

निम्न स्तर के कर्मचारियों को होगा फायदा

एक अधिकारी ने बताया कि वित्त मंत्री अरुण जेटली मध्य स्तर के कर्मचारियों के लिए वेतन वृद्धि के बजाय निम्न स्तर के कर्मचारियों को ज्यादा फायदा दे सकते हैं. इसके अलावा, रिपोर्ट में कहा गया है कि व्यापक मध्य-स्तरीय कर्मचारियों को ज्यादा वृद्धि नहीं दिखाई देगी. क्योंकि, आय के ध्रुवीकरण के लंबे समय से चलने वाले रुझान और केंद्र सरकार के विभागों में सिकुड़ते मध्य स्तर को देखते हुए ऐसा लगता है.

किसे मिलेगा कितना फायदा

वो केंद्रीय कर्मचारी जो पे लेवल मैट्रिक्स 1 से 5 के बीच आते हैं उनकी कम से कम सैलरी 18 हजार से 21 हजार के बीच हो सकती है. केंद्र सरकार सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों से ज्यादा सैलरी बढ़ाने के पक्ष में नहीं है. सरकारी कर्मचारियों की मानें तो वेतन में करीब तीन गुना वृद्धि अच्छा है, लेकिन यह उनकी मांगों के अनुरूप नहीं है. कर्मचारी यूनियनों ने 3.68 गुना इजाफे की मांग की थी, जिससे न्यूनतम वेतन 26 हजार रुपए होता.

बनेगा ऑटोमैटिक पे रिविजन सिस्टम

सरकार इस दिशा में काम कर रही है कि 68 लाख केंद्रीय कर्मचारी और 52 लाख पेंशन धारियों के लिए एक ऐसी व्यवस्था बनाई जाए, जिसमें 50 फीसदी से ज्यादा डीए होने पर सैलरी में ऑटोमैटिक वृद्धि हो जाए. इस व्यवस्था को 'ऑटोमैटिक पे रिविजन सिस्टम' के नाम से शुरू किया जा सकता है