आज दुनियाभर में विश्व स्वास्थ्य दिवस (World Health Day) मनाया जा रहा है. हर साल 7 अप्रैल को वर्ल्‍ड हेल्‍थ ऑर्गेनाइजेशन की तरफ से इस दिन को सेलिब्रेट किया जाता है, ताकि लोगों को उनकी बेहतर सेहत के प्रति जागरुक किया जा सके. हर साल इसकी एक थीम डिसाइड होती है. इस साल डब्‍ल्‍यूएचओ इस दिन को 'हेल्थ फॉर ऑल' की थीम के साथ सेलिब्रेट कर रहा है. अगर आप भारत के रहने वाले हैं तो आपको पता होना चाहिए कि भारत सरकार भी आपकी बेहतर सेहत के लिए तमाम स्‍कीम्‍स चलाती है. आज World Health Day के मौके पर यहां जानिए इन स्‍कीम्‍स के बारे में. 

आयुष्मान भारत योजना

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भारत सरकार की तरफ से ये योजना चलाई जाती है. यह योजना मुख्य रूप से ग्रामीण और आर्थिक रूप से कमजोर लोगों की स्वास्थ्य देखभाल, नि:शुल्क दवा और नैदानिक सेवाओं की गुणवत्ता में बढ़ोत्तरी पर केंद्रित है. इस योजना के तहत हर कार्डधारक को 5 लाख रुपए तक के मुफ्त इलाज की सुविधा मिलती है यानी इलाज पर अस्पतालों का जो भी खर्च आता है, उसे सरकार वहन करती है. इस योजना का उद्देश्य चार स्तंभों- आयुष्मान भारत जनआरोग्य योजना, स्वास्थ्य एवं आरोग्य केंद्र की स्थापना, आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन और पीएम-आयुष्मान भारत हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर मिशन के माध्यम से पूरे देश में आवश्यक स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करना है.

प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि परियोजना

केंद्र सरकार ने गरीबों और मध्यम वर्गीय परिवारों को ध्यान में रखते हुए सस्ती दवा मुहैया कराने के लिए साल 2015 में प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि परियोजना की शुरुआत की थी. प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि परियोजना (PMBJP) के तहत जनता को सस्ती दरों पर जेनेरिक दवाएं उपलब्ध कराने के लिए पूरे देश में प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि केंद्र (PMBJK) खोले गए हैं. जन औषधि दवाओं की कीमतें आमतौर पर ब्रांडेड दवाओं की तुलना में 50%-90% कम होती हैं. देश में प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि केंद्रों (PMBJK) की संख्या 9304 है. पीएमबीजेपी के तहत, देश के 764 जिलों में से 743 जिलों को कवर किया जा चुका है.

मिशन इन्द्रधनुष

सभी बच्चों और गर्भवती महिलाओं को तीव्रता से संपूर्ण टीकाकरण कवरेज प्रदान करने के लिए भारत सरकार ने दिसंबर 2014 में मिशन इन्द्रधनुष का शुभारंभ किया. मिशन इंद्रधनुष का मुख्य लक्ष्य दो वर्ष तक की उम्र के सभी बच्चों और सभी गर्भवती महिलाओं को टीकाकरण के माध्यम से बचाव योग्य बीमारियों से सुरक्षा सुनिश्चित करना है. देश भर के 701 जिलों को कवर करते हुए मिशन इन्द्रधनुष के कुल ग्यारह चरण पूरे किए जा चुके हैं.

ई-संजीवनी - राष्ट्रीय टेली-परामर्श सेवा

ई-संजीवनी एक राष्ट्रीय टेली-परामर्श सेवा है जो एक डिजिटल प्लेटफॉर्म के माध्यम से स्वास्थ्य सेवाएं प्राप्त करने का विकल्प प्रदान करती है. ई-संजीवनी आयुष्मान भारत- स्वास्थ्य और आरोग्य केंद्र ग्रामीण क्षेत्रों में सामान्य और विशेष स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान कर रहे है. इसके माध्यम से लाभार्थी डॉक्टरों और स्वास्थ्य विशेषज्ञों से सीधे ऑनलाइन सम्पर्क साध सकते हैं और इलाज के लिए परामर्श ले सकते हैं. ई-संजीवनी ने विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में विशेष स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच में बड़े पैमाने पर सुधार किया है. आपको जानकर हैरानी होगी कि ई-संजीवनी के माध्यम से देश में अब तक 10 करोड़ से ज्यादा टेली-परामर्श दिए जा चुके हैं.

2025 तक होगा टीबी मुक्त भारत का लक्ष्‍य

भारत सरकार ने वर्ष 2025 तक टीबी उन्मूलन का लक्ष्य रखा है और इस संकल्प को पूरा करने के लिए प्रत्येक स्तर पर प्रयास किए जा रहे हैं. राष्ट्रीय क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम के निरंतर प्रयासों से टीबी सूचनाओं में अभूतपूर्व वृद्धि हुई है और समय पर निदान, पालन और उपचार के परिणामों में महत्वपूर्ण सुधार हुआ है. देश में केंद्र शासित प्रदेशों में लक्षद्वीप और जिलों में जम्मू कश्मीर का बडगाम टीबी मुक्त घोषित होने में पहले स्थान पर हैं. इसके अलावा भारत साल 2014 में पोलियो मुक्त हो गया है.

स्‍वास्‍थ्‍य के क्षेत्र में ये उपलब्धियां भी भारत के हिस्‍से में

- देश में पिछले आठ वर्षों में मेडिकल कॉलेजों की संख्या में 71 प्रतिशत और एमबीबीएस की सीटों की संख्या में 95 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. वर्ष 2014 से पहले, देश में 387 मेडिकल कॉलेज थे, जो अब बढ़कर 660 हो गए हैं. इसके अलावा, एमबीबीएस सीटों में 2014 से पहले 51,348 से 95% की वृद्धि हुई है और अब तक 101,043 हो गई है और पीजी सीटों में 2014 से पहले 31,185 से 110% की वृद्धि हुई है जो अब 65,335 हो गई है. वहीं फार्मास्युटिकल उत्पादों का निर्यात 60,602 करोड़ रुपए (अप्रैल-फरवरी, 2013-14) से बढ़कर 1,43,771 करोड़ रुपए (अप्रैल-फरवरी, 2022-23) हो गया. यह वृद्धि दो गुना से अधिक की है.

- कोविड महामारी के दौरान भारत के अपने सफल संचालन को लेकर दुनिया के लिए एक उदाहरण बना. कोरोना काल में देश की इतनी बड़ी आबादी को टीका पहुंचाने के लिए अपने डिजिटल संसाधनों का उपयोग किया गया. देश में 17 सितंबर 2021 को 2.5 करोड़ से अधिक नागरिकों ने कोरोना का टीका लगवा कर वर्ल्ड रिकार्ड बनाया. भारत ने वैक्सीन मैत्री के माध्यम से अन्य देशों की भी सहायता की. यह भारत के ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ के सदियों पुराने लोकाचार की भावना को दर्शाता है, जो दुनिया को एक परिवार के रूप में देखती है.

रिपोर्ट - PBNS

 

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