जॉब के लिए या किसी एजुकेशनल इंस्टीट्यूशन में एडमिशन/नौकरी के लिए हममें से बहुत लोगों ने अपना CV या Resume भेजा होगा, लेकिन ये कहा जा सकता है कि इन दोनों के बीच का जो महीन फर्क है, वो शायद ही हर किसी को मालूम हो. सीवी और रेज्युमे दो अलग-अलग चीजें होती हैं, ये भी बहुत लोगों को नहीं पता होगा. जिन्हें पता होगा, शायद वो इसे बहुत अच्छे से एक्सप्लेन न कर पाएं. हम आमतौर पर सीवी और रेज्युमे शब्दों का इस्तेमाल एक ही मीनिंग के सेंस में कर लेते हैं, लेकिन इनका मतलब और इनका काम अलग-अलग होता है. आज इस आर्टिकल में हम यही समझेंगे कि सीवी और रेज्युमे कैसे और क्यों एक दूसरे से अलग होते हैं और इनका अलग-अलग यूज़ क्या होता है.

CV क्या है?

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CV या curriculum vitae एक लैटिन शब्द है, जिसका मतलब होता है- “course of life" या जिंदगी का रास्ता. University of Callifornia की परिभाषा के हिसाब से यह आपकी करियर हिस्ट्री ही नहीं, आपका एजुकेशन, स्कॉलरशिप, ग्रांट अवॉर्ड, ऑनर, आपके पब्लिकेशन, रिसर्च प्रोजेक्ट वगैरह जैसी चीजों का एक पूरा लेखा-जोखा होता है. 

इसमें आपका कोर्सवर्क, फील्ड में काम किया है या नहीं, किया है तो क्या किया है. आपकी हॉबीज़ और इंट्रस्ट क्या हैं, आपके एट्रिब्यूट्स यानी क्वालिटीज़ क्या हैं आपकी पर्सनल प्रोफाइल क्या है, क्या-क्या स्किल्स हैं, वगैरह-वगैरह की डीटेल देनी होती है. एक तरीके से यह आपके करियर, एकेडमिक और पर्सनल प्रोफाइल का डीटेल में खाका खींचता है, और इसी मायने में रेज्युमे इससे अलग हो जाता है.

CV का इस्तेमाल कहां होना चाहिए?

सबसे पहले तो सीवी की जरूरत ऐसे लोगों को पड़ती है, जो किसी भी इंडस्ट्री में बिल्कुल नए हों, फ्रेशर हों. इसमें वो अपनी पर्सनल प्रोफाइल के साथ-साथ डीटेल में एजुकेशनल, अकेडमिक, स्किल वगैरह की जानकारी दे सकते हैं. सीवी में अपने नाम और कॉन्टैक्ट्स के बाद सीधे अपनी एजुकेशनल डीटेल्स डालनी चाहिए. इसमें आप अपने प्रोफेशनल रेफरेंस भी बता सकते हैं और ऊपर बताई गई जो चीजें हैं, उनको ऐड करके एक एक्सटेंशिव सीवी तैयार कर सकते हैं.

इसके अलावा, सीवी बड़े लेवल पर एकेडमिक सेक्टर में जॉब ऐप्लिकेशन के लिए यूज़ किया जाता है. किसी एकेडमिक रोल्स जैसे कि कोई टीचिंग पोजिशन या फिर डॉक्टोरल प्रोग्राम में अप्लाई करने के लिए आपको सीवी भेजनी चाहिए. 

Resume क्या है और CV से कैसे होता है अलग?

सीवी, जिसका अर्थ आपके कोर्स ऑफ लाइफ से जुड़ा होता है, वहीं इसके दूसरी ओर रेज्युमे का अर्थ ठीक इसके उलट होता है. Resume फ्रेंच शब्द résumé से निकला है, जिसका अर्थ होता है- "Summery" या हिंदी में "सारांश" या "संक्षेप में सार."

सीवी साल-दर-साल आपके एक्सपीरियंस के हिसाब से बदलती रहती है, इसमें आप वक्त के साथ चीजें ऐड करते रहते हैं, लेकिन रेज्युमे आप अपने टारगेट के हिसाब से बनाते हैं. आपको कहां अप्लाई करना है, उसके हिसाब से रेज्युमे बनाया जाता है, ये दोनों के बीच में एक बड़ा फर्क है.

रेज्युमे में अपनी डीटेल्स टू द पॉइंट लिखनी होती हैं. रेज्युमे आप नौकरी के लिए भेज रहे हैं, और आपका होने वाला एम्पलॉयर आपका एक्सपीरियंस, पिछले ऑर्गनाइजेशंस, आपके स्किल्स, और आपकी क्वालिफिकेशन देखेगा. इसके साथ ही आपको इसमें अपना प्रोफेशनल ऑब्जेक्टिव भी लिखना होगा कि आप अपनी अपने करियर में किस लक्ष्य को लेकर आगे बढ़ रहे हैं या फिर किसी भी ऑर्गनाइजेशन में काम करने के पीछे आपका मॉटो क्या है. 

एक अच्छा रेज्युमे आपको इंटरव्यू, यहां तक कि जॉब भी दिला सकता है, इसलिए रेज्युमे आपको शॉर्ट और क्रिस्प रखना चाहिए.

जॉब के लिए Resume बना रहे हैं तो इन चीजों का ध्यान रखें

- रेज्युमे आपको टू द पॉइंट रखना है, इसलिए यह एक या दो पेज से ज्यादा बिल्कुल नहीं होना चाहिए. दो पेज आपकी आइडियल लेंथ है. 

- अगर आपके पास कोई प्रेजेंटेशन है या कोई पब्लिकेशन/रिसर्च जैसी चीज है, तो उसे अटैच कर सकते हैं.

- - आपका रेज्युमे कैसा दिखे और आपको ये कैसे रिप्रेजेंट करे, इसके लिए यह भी देखना चाहिए कि आप किस जॉब प्रोफाइल के लिए अप्लाई कर रहे हैं. उसके हिसाब से अपना स्टाइल और फॉर्मेट चुनें.

- अगर आपको एक साल या इससे ज्यादा का एक्सपीरियंस है तो सबसे पहले अपने वर्क एक्सपीरियंस से शुरू करें. 

- अपने करंट इम्पलॉयर को सबसे ऊपर, फिर उसके पहले वाला उसके नीचे, उसके पहले वाली कंपनी उसके नीचे, ऐसे करके लिखें.

- अपने स्किल्स को अलग से हाइलाइट करें.

किसी इंडस्ट्री, नॉन-प्रॉफिट या पब्लिक सेक्टर में जॉब ढूंढ रहे हैं तो रेज्यूमे भेजें. इसके लिए ये बातें ध्यान में रखें. हालांकि, कहीं-कहीं पर सीवी और रेज्युमे दोनों ही मांगा जाता है, ऐसे में देख लें कि आपके पास दोनों ही डॉक्यूमेंट्स तैयार रहें और आपको इनका फर्क अच्छे से पता हो, ताकि आप अच्छा इंप्रेशन डाल सकें.