चांद की सतह पर मौजूद चंद्रयान-2 का विक्रम लैंडर किस हाल में है?  इसरो (ISRO) के चंद्रयान-2 विक्रम लैंडर के साथ क्या हुआ? देश और इसरो (ISRO) के लिए आज का दिन बहुत अहम हो सकता है. क्योंकि, चांद से आज इसरो और देश के लिए बड़ी खुशखबरी आ सकती है. हालांकि, इसके लिए अभी 24 घंटे इंतजार करना होगा. दरअसल, अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (NASA) आज विक्रम की तस्वीरें लेने की कोशिश करेगी. 

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नासा का लूनर रीकॉनिसेंस ऑर्बिटर (LRO) मंगलवार को उस जगह से ऊपर से गुजरेगा जहां चांद पर इसरो का विक्रम लैंडर गिरा था. नासा इस जगह की तस्वीरें भी जारी कर सकता है. दावा किया गया है कि ऑर्बिटर की ऊंचाई 100 किमी से 90 किमी पर आ गई है. 

आखिरी उम्मीद

चंद्रयान-2 के लैंडर विक्रम से संपर्क होने के लिए आज का दिन बहुत अहम है. नासा की तस्वीरों से पता चलेगा कि लैंडर विक्रम किस हाल में है और उससे संपर्क हो भी सकता है या नहीं. क्योंकि, लैंडर विक्रम के पास अब सिर्फ 4-5 दिन हैं. लैंडर को चंद्रमा के एक दिन (पृथ्‍वी के 14 दिन) तक ही काम करने के लिए डिजाइन क‍िया गया था. अगर अगले 4-5 दिनों में इसरो कोई सफलता हाथ नहीं लगती तो विक्रम लैंडर से संपर्क की उम्मीदें पूरी तरह खत्म हो जाएंगी. बता दें, 20 या 21 सितंबर को चंद्रमा पर रात हो जाएगी. रात होने के साथ ही वहां का तापमान भी माइनस 183 डिग्री तक जा सकता है. 

आखिरी कोशिश

इसरो (ISRO) के पास एक आखिरी कोशिश का मौका है. एक रिपोर्ट के मुताबिक, नासा का लुनरक्राफ्ट 2009 से चंद्रमा की परिक्रमा कर रहा है. मंगलवार को सभी की निगाहें उसी लुनरक्राफ्ट पर टिकी हैं. क्योंकि, लुनर रीकॉनिसंस ऑर्बिटर (LRO) विक्रम की लैंडिंग की जगह के ऊपर से गुजरेगा. वो इसरो के लैंडर की तस्वीरें खींचेगा. नासा वो तस्वीरें इसरो के साथ शेयर करेगा. इन तस्वीरों से चंद्रयान-2 के लैंडर की वास्तविक स्थिति पता चलेगी. इन तस्वीरों के आधार पर ही इसरो लैंडर से संपर्क करने की आखिरी कोशिश करेगा. 

जिंदा है विक्रम?

चांद की सतह पर हार्ड लैंडिंग के बाद भी विक्रम सही सलामत है. इसरो के एक अधिकारी ने विक्रम से संपर्क टूटने के बाद यह जानकारी दी थी. बताया गया कि विक्रम लैंडिंग वाली जगह के काफी करीब है. हार्ड लैंडिंग के बावजूद भी उसे कोई नुकसान नहीं हुआ है. वहीं, संपर्क टूटने के बाद इसरो के ऑर्बिटर (Orbiter) ने विक्रम लैंडर का पता लगाया था. ऑर्बिटर ने लैंडर की थर्मल इमेज भी खींची थी, लेकिन ऑर्बिटर का उससे कोई संपर्क नहीं हो पाया था. विक्रम टूटा नहीं है और उसका पूरा हिस्सा भी सुरक्षित है.

तस्वीरें खोलेगी राज?

नासा का लुनरक्राफ्ट भले ही इसरो के विक्रम लैंडर की तस्वीर खींचने की कोशिश करेगा. लेकिन, वो तस्वीर कितनी साफ होगी इसका अंदाजा लगाना मुश्किल है. क्योंकि, चांद पर शाम हो रही है. सूरज की रोशनी कम होने की वजह से तस्वीर का साफ आना मुश्किल है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, नासा का ऑर्बिटर फिलहाल 90 किमी की दूरी पर है. इसकी दूरी 100 किमी से घटाकर 90 की गई है. हालांकि, यहां से भी तस्वीर कितने राज खोलेगी यह कहना अभी मुश्किल है.