कोराना काल से दुनिया भर में लोग अपने घरों से काम कर रहे है. काफी सालों बाद एक एसा समय आया है जब लगभग सारी कंपनीयां ने अपने को-वर्किंग स्पेस (Co-Working Space) को वर्चुअस ऑफिस (Virtual Office) में बदल दिया है. कोविड की वजह से कई बिज़नेस मॉडल भी अब वर्चुअल मोड पर आ गए है. जैसे की हर सिक्के के दो पहलू होतें हैं, इसी तरह वर्चुअल मोड से लोगों को काम करने में काफी परेशानी भी हुई है लेकिन, इसी के साथ इसमें कई फायदे भी छूपे हुए हैं.

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को-वर्किंग स्पेस यानी काम करने के लिए सस्ता और सुविधाओं से भरा एक शेयर्ड या शेयर किया जाने वाला ऑफिस. वहीं  वर्चुअल ऑफिस का मतलब है जहां सभी लोग अपने घर से काम कर सकते हैं, साथ ही वर्चुअली कनेक्ट करके अपने काम को मैनेज कर सकते है.

अब आप सोच रहे होंगे कि वर्चुअल मोड पर ऑफिस के क्या मायने हुए? इसे इस तरह समझिए कि आप वर्क फ्रॉम होम तो करेंगे लेकिन वर्चुअल ऑफिस से आपको इन सब चीज़ो की सर्विस भी मिलती है. GFX IN ROC, GST, PAN के लिए बिज़नेस एड्रेस, आपकी कॉल्स अटेंड करने के लिए सेकेट्री या  रिसेपशनिस्ट, आपके कुरियर और लेटर्स रिसीव करने की सुविधा, टीम वीडियो कॉल्स के लिए Zoom, Google meets, Microsoft Teams.इसी के साथ अगर आपको कभी किसी अर्जेंट बिजनेस मीट या प्रेजेंटेशन के लिए कॉन्फ्रेंस रूम, कैबिन या ऑफिस की जरूरत पड़ी तो वो भी आपको मिलता है.

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वर्चुअल मोड फिजिकल को-वर्किंग स्पेस से काफी सस्ता होता है. साथ ही इसमें ऑफिस से जुड़े एक्सपेंस भी कम हो जाते हैं. आप चाहें तो जरूरत पड़ने पर ऑफिस विजिट भी कर सकते हैं.