पेंशन (pension) को लेकर राज्यों और केंद्रों की कितनी होगी देनदारी, इसको लेकर सोमवार को चर्चा की जाएगी. इसके लिए ससंदीय समिति (parliamentary committee) की मीटिंग 9 जनवरी को 3-4 बजे होनी है. इस मीटिंग में सार्वजनिक वित्त और नीति के राष्ट्रीय संस्थान (NIPFP) का प्रजेंटेशन होगा. इस मीटिंग में व्यय विभाग, आरबीआई (RBI) और पीएफआरडीए (PFRDA) के प्रतिनिधि शामिल होंगे. पेंशन (pension) पर खर्च केंद्र और राज्यों के प्रमुख खर्चों में से एक है.

ज्वाइंट पेंशन बिल 2019-20 में आसमान पर

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एक रिपोर्ट के मुताबिक, पेंशन पर खर्च को देखें तो  30 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों का ज्वाइंट पेंशन बिल 2019-20 में 3.38 लाख करोड़ रुपये दर्ज किया गया. वहीं, सैलरी पर कुल 5.47 लाख करोड़ रुपये खर्च किए गए. यानी देशभर में ज्वाइंट तौर से पेंशन (pension) पर सैलरी का 61.82 प्रतिशत खर्च किया गया. ऐसे खर्च बढ़ने के चलते सरकार के पास राजस्व का इस्तेमाल दूसरे जरूरत को पूरा करने की गुंजाइश कम रहती है.

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