Tejas Mark-2: घरेलू लड़ाकू जेट तेजस (Fighter jet tejas) अब आने वाले दिनों में और भी घातक होने वाला है. हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक (Chairman and Managing Director) आर माधवन (R. Madhavan) ने कहा है कि स्वदेशी बहुद्देशीय लड़ाकू विमान तेजस का और इफेक्टिव एडिशन अगले साल सामने आने की संभावना है जिसमें ज्यादा शक्तिशाली इंजन, ज्यादा फ्यूल क्षमता, नेक्स्ट जेनरेशन की इलेक्ट्रॉनिक युद्ध प्रणाली और कई खास एविएशन सिस्टम होंगे. पीटीआई की खबर के मुताबिक, उन्होंने कहा कि इस युद्धक विमान के तेज रफ्तार संबंधी ट्रायल साल 2023 में शुरू होंगे.

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उत्पादन 2025 के आसपास तक शुरू हो जाने की संभावना  (Production likely to begin around 2025)

खबर के मुताबिक, माधवन ने कहा कि तेजस मार्क-2 (Tejas Mark-2) को लेकर संरचनागत और दूसरे काम काफी अच्छे से चल रहे हैं और उसका उत्पादन 2025 के आसपास तक शुरू हो जाने की संभावना है. उन्होंने कहा कि एडवांस एडिशन में बड़ा ढांचा, लंबी दूरी तय करने की क्षमता के साथ ही बेहतर रखरखाव होगा. उन्होंने बताया कि यह ज्यादा हथियार और गोला-बारूद ले जाने में सक्षम होने के साथ ही मजबूत इंजन क्षमता और डेवलप्ड युद्ध प्रणालियों से लैस होगा. उन्होंने कहा कि उड़ान दूरी और आयुध ले जाने की क्षमता बढ़ने के साथ ही नया संस्करण तेजस मार्क-1 से ज्यादा शक्तिशाली होगा.

एचएएल से 48000 करोड़ रुपये का सौदे (Rs 48000 crore deal from HAL)

भारतीय वायु सेना 48000 करोड़ रुपये के सौदे के तहत एचएएल (HAL) से 73 तेजस मार्क-1ए विमान खरीद रही है. सरकार ने 13 जनवरी को इस सौदे को मंजूरी दी थी. माधवन ने कहा कि तेजस मार्क-2 के 2022 के अगस्त-सितंबर तक सामने आने की संभावना है जिसके बाद पहली उड़ान में कुछ वक्त लगेगा. विमान का पहला तेज रफ्तार संबंधी परीक्षण 2023 में शुरू होगा और हमें 2025 के आसपास तक उत्पादन शुरू हो जाने की उम्मीद है.

तेजस सिंगल इंजन लड़ाकू जेट है (Tejas is single engine fighter jet)

जब उनसे तेजस मार्क-2 के हथियारों के बारे में पूछा गया तो उन्होंने उसका सीधा जवाब नहीं दिया और कहा कि यह बाद में जरूरत और बदलती स्थिति के आधार पर तय किया जाएगा. तेजस सिंगल इंजन वाला दक्ष बहुद्देश्यीय सुपरसोनिक लड़ाकू विमान है जिसे एचएएल ने तैयार किया है. एडवांस मल्टी पर्सपस लड़ाकू विमान प्रोजेक्ट की अगली पीढ़ी के बारे में एचएएल सीएमडी ने कहा कि एक विशेष प्रायोजन इकाई (SPV) के कार्यढांचे में परियोजना का क्रियान्वयन करना है और उसमें निजी क्षेत्र की कंपनियों को भी शामिल करने का लक्ष्य है.

शुरुआती विमान 2026 तक बन जाने की संभावना (Initial aircraft likely to be built by 2026)

भारत काफी अंदर तक घुसकर मार करने वाले मध्यम भार के लड़ाकू विमान की पांचवीं पीढ़ी पर काम कर रहा है और इस पर करीब पांच अरब डॉलर का खर्च आने का अनुमान है. माधव ने कहा कि शुरुआती विमान 2026 तक बन जाने की संभावना है और उसका उत्पादन 2030 तक शुरू हो सकता है. उन्होंने कहा कि रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन इस परियोजना की समयसीमा पर ध्यान रखकर आगे बढ़ रहा है. उन्होंने कहा कि हम जिस योजना पर काम कर रहे हैं, वह यह है कि बिना एसपीवी रूट को अपनाए एचएएल शुरुआती विमान बनाएगा. हम एक बार जब यह कर लेंगे तब हम उनसे (निजी कंपनियों से) साथ आने को कहेंगे. उन्हें कम से कम 2500 करोड़ रुपये लगाने होंगे. हम प्रारंभिक निवेश के तौर पर 2500 करोड़ रुपये लगाएंगे.

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